/sootr/media/media_files/2025/12/31/ashok-gehlot-2025-12-31-17-22-22.jpg)
Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गिग वर्कर्स की हड़ताल के समर्थन में केंद्र और राजस्थान सरकार पर दबाव डाला है। गहलोत ने सुझाव दिया कि राजस्थान में बने गिग कर्मकार कल्याण कानून को पूरे देश में लागू किया जाए।
गहलोत का कहना है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा पारित यह ऐतिहासिक कानून गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस कानून को लागू करने में उदासीनता दिखाई है।
गिग वर्कर्स की हड़ताल की गंभीरता
गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि जब देश नववर्ष की तैयारियों में व्यस्त है, तो हमारे गिग वर्कर्स हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं। ये श्रमिक हैं, जो रोजाना अपनी मेहनत से अपना घर चलाते हैं, लेकिन जब उन्हें ज्यादा काम मिल सकता है, तब भी हड़ताल पर जाने का निर्णय आर्थिक मजबूरी का परिणाम है, न कि उनका शौक।
अरावली पर सियासी घमासान : गहलोत के भाजपा पर गंभीर आरोप, 100 मीटर की परिभाषा पर उठाए सवाल
राहुल गांधी के प्रयासों से बना कानून
गहलोत ने बताया कि गिग वर्कर्स ने अपनी समस्याओं को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के सामने रखा था। इसके बाद राहुल गांधी की पहल पर राजस्थान सरकार ने गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (रजिस्ट्रीकरण और कल्याण) अधिनियम 2023 पारित किया था। इस कानून का उद्देश्य गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना था।
अरावली पर सियासी घमासान : राजेंद्र राठौड़ का अशोक गहलोत पर हमला, भ्रम फैलाने का लगाया आरोप
केंद्र से गहलोत की अपेक्षाएं
गहलोत ने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की कांग्रेस सरकार ने भी गिग वर्कर्स के लिए एक कानून बनाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि राजस्थान की तर्ज पर पूरे देश में एक कानून लागू किया जाए, ताकि गिग वर्कर्स के शोषण को रोका जा सके। उन्होंने कर्नाटक के कानून को भी समझने की अपील की है।
मनरेगा का विरोध और नई योजना पर सवाल
गहलोत ने केंद्र सरकार के मनरेगा योजना के नए स्वरूप की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मनरेगा का पुराना स्वरूप बहाल किया जाना चाहिए, क्योंकि नए फंडिंग पैटर्न में राज्यों को केवल 40 फीसदी धन मिलेगा, जिससे यह योजना कमजोर हो जाएगी। गहलोत ने इसे योजना का गला घोंटने जैसा बताया।
अरावली बचाने की मुहिम में उतरे पूर्व CM अशोक गहलोत, सोशल मीडिया पर DP बदलने से चर्चा तेज
मनरेगा की भावना को खत्म करना
गहलोत ने आगे कहा कि मनरेगा की जगह जी-राम-जी विधेयक लाने और इसके फंडिंग पैटर्न को बदलने से यह योजना कमजोर हो जाएगी। केंद्र सरकार का यह कदम करोड़ों गरीब परिवारों को पुनः अंधकार और अभाव की ओर धकेलने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने मनरेगा को कानूनी सुरक्षा दी थी, जिससे लाखों परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला गया था।
आज जब पूरा देश नववर्ष के स्वागत की तैयारियों में व्यस्त है, तब हमारे गिग वर्कर्स (डिलीवरी पार्टनर्स) का हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 31, 2025
यह वे श्रमिक हैं जो रोजाना पैसे कमाकर अपना घर चलाते हैं, इसके बावजूद जिस दिन इन्हें ज्यादा ऑर्डर्स मिलने की संभावना है, उस दिन अपनी दिहाड़ी…
मनरेगा और राजस्थान का प्रदर्शन
गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान ने मनरेगा के तहत रोजगार देने में पूरे देश में प्रमुख स्थान प्राप्त किया है। इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान किया है। गहलोत ने सरकार से मांग की कि मनरेगा को पुनः लागू किया जाए और जो नई योजना लाई जा रही है, उसको वापस लिया जाए।
गिग वर्कर्स के समर्थन में गहलोत
- गहलोत ने राजस्थान में बने राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (रजिस्ट्रीकरण और कल्याण) अधिनियम 2023 को पूरे देश में लागू करने की बात की है।
- गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा का पुराना स्वरूप समाप्त करने की कोशिश की है, जो ग्रामीण भारत की जीवनरेखा थी। उन्होंने नई योजना को अनावश्यक बताया।
- गहलोत ने केंद्र सरकार से गिग वर्कर्स के शोषण को रोकने के लिए राजस्थान की तर्ज पर एक राष्ट्रीय कानून लागू करने की मांग की है।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us