आईसीयू में पढ़ाई कर रहे बच्चों का जज्बा देखने लायक, परिजनों की मदद से लौट रही मुस्कान

राजस्थान के झालावाड़ स्कूल हादसे में घायल हुए बच्चे अस्पताल के आईसीयू में पढ़ाई कर रहे हैं। उनका जज्बा देखने लायक है। परिजनों की मदद से उनकी मुस्कान वापस लौट आई है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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झालावाड़ के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। इस हादसे में घायल हुए 11 बच्चों को उपचार के लिए झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। हादसे की दर्दनाक यादें भले ही लोगों के दिमाग से नहीं निकलें, लेकिन इन बच्चों का हौसला और संघर्ष देखने लायक है। आईसीयू में भी ये बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जो उनके मजबूत जज्बे को दर्शाता है। हादसे के बाद इन बच्चों की शिक्षा के प्रति लगन उनके उज्ज्वल भविष्य के सपनों को सामने लाती है।

बच्चों के चेहरों पर मुस्कान

हादसे के बाद इन बच्चों का हौसला और आत्मविश्वास बढ़ गया, खासकर जब उनके परिजनों ने उन्हें किताबें और स्कूल बैग दिए। इस दृश्य को देखकर हर कोई भावुक हो गया। जब ये बच्चे किताबों और बैग को पाकर मुस्कुराए, तो यह साबित हो गया कि भले ही वे शारीरिक रूप से घायल हैं, लेकिन उनका मनोबल और शिक्षा की ओर उनका उत्साह अडिग है।

आईसीयू में भी जारी है पढ़ाई

ये बच्चे आईसीयू में भर्ती होने के बावजूद पढ़ाई में लगे हुए हैं। उनका यह जज्बा दिखाता है कि किसी भी हालात में वे अपनी पढ़ाई को नहीं छोड़ सकते। यह दृश्य हर किसी को प्रेरित करता है और यह साबित करता है कि शिक्षा का महत्व इन बच्चों के लिए जीवन से भी बढ़कर है।

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मनोचिकित्सक द्वारा काउंसलिंग और सुधार

घायल बच्चों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मनोचिकित्सक (Psychiatrist) भी उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं। अधिकारियों और स्थानीय निवासियों ने बच्चों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया है और धीरे-धीरे बच्चों की मानसिक स्थिति में सुधार आ रहा है। हालांकि जब ये बच्चे हादसे को याद करते हैं, तो वे उदास हो जाते हैं, लेकिन उनकी आंखों में पढ़ाई और सफलता के सपने भी नजर आते हैं।

नए सपने और हौसले की उड़ान

बच्चों के अंदर शिक्षा और सफलता की ललक साफ दिखाई देती है। वे पढ़ाई को अपनी राह का हिस्सा मानते हुए आगे बढ़ने की सोच रहे हैं। साथ ही, ये बच्चे अपने दोस्तों को भी याद करते हैं जो अब हमारे बीच नहीं हैं। वे इस दुख को अपने मन में संजोए रखते हैं। बावजूद इसके, उनकी आंखों में एक नई उम्मीद और भविष्य को लेकर उमंग है। इन बच्चों का जज्बा देखते ही बनता है। सवाल यह है कि क्या हम बचपन को बचा पाएंगे?

FAQ

1. झालावाड़ हादसे में घायल बच्चों की हालत क्या है?
झालावाड़ स्कूल हादसे में घायल बच्चों की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। वे अस्पताल में भर्ती हैं और मनोचिकित्सक उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं।
2. आईसीयू में भर्ती बच्चे क्या कर रहे हैं?
आईसीयू में भर्ती ये बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जो उनकी शिक्षा के प्रति ललक और मजबूत इरादों को दर्शाता है। वे हादसे के बावजूद अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
3. बच्चों को किस तरह की सहायता मिल रही है?
बच्चों को उनके परिजनों से किताबें और स्कूल बैग मिल रहे हैं, जिससे उनके चेहरे पर मुस्कान आ रही है। इसके अलावा, मनोचिकित्सक भी उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काउंसलिंग कर रहे हैं।

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