जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनने की मच रही होड़, गहलोत सुनील तो डोटासरा पुष्पेंद्र के लिए अड़ रहे

राजस्थान कांग्रेस में जयपुर शहर अध्यक्ष के लिए गहलोत और डोटासरा आमने-सामने। अध्यक्ष बनाने की होड़ में कई नेता आपस में भिड़ रहे हैं। गहलोत सुनील शर्मा के लिए, तो डोटासरा पुष्पेंद्र भारद्वाज के लिए अड़ रहे हैं। वहीं तिवाड़ी भी उम्मीद कर रहे हैं।

author-image
Mukesh Sharma
New Update
jaipur

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत राजस्थान कांग्रेस के पांच जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिला अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है। बचे हुए पांच जिलों में सबसे ज्यादा टकराव जयपुर शहर में है। यहां तक कि अपना अध्यक्ष बनवाने के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आमने-सामने हो गए हैं। कांग्रेस में जयपुर शहर अध्यक्ष बनने के लिए हमेशा से ही विशेष कारणों से संघर्ष रहता आया है।  

संगठन सृजन अभियान : औपचारिक दिखा चयन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष वे ही बने, जिन पर वरिष्ठ नेताओं का हाथ रहा

जयपुर अध्यक्ष का है विशेष महत्व

राजस्थान की राजधानी होने के कारण जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष का विशेष महत्व होता है। यहां होने वाली प्रत्येक राजनीतिक गतिविधि का संदेश पूरे राज्य में तो जाता ही है। साथ में पार्टी के बड़े नेताओं से भी सीधे संबंध बनते हैं। पार्टी के केंद्रीय नेताओं के जयपुर आने से लेकर जाने तक शहर अध्यक्ष उनके साथ रहता है। हर कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष होने के नाते मंच पर स्थान मिलता है। इससे अध्यक्ष को आमजन में एक नेता के रूप में स्थापित होने में सहायता मिलती है। 

संगठन सृजन अभियान : कांग्रेस में जिलाध्यक्षों के साथ प्रदेश में भी होगा बदलाव, बदलेगी संगठन की तस्वीर

राहुल ने लगाए सपनों को पंख

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अगुआई में पार्टी में जिला अध्यक्षों को मजबूत करने की कवायद चल रही है। उनके अनुसार विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक के टिकट में जिला अध्यक्ष की राय को ही सबसे ज्यादा महत्व मिलना चाहिए। 

संगठन सृजन अभियान : कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट सौंपी, राहुल गांधी की टीम कर रही आंतरिक जांच

सबको चाहिए पद

हालांकि अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार विधानसभा और लोकसभा तो दूर की बात है, जिला अध्यक्ष अपनी मर्जी से पार्षद और पंचायतों के उम्मीदवार भी तय नहीं कर सकते। हालांकि जो भी हो, राहुल की नई पहल ने कांग्रेस नेताओं के सपनों को पंख लगा दिए। हाल यह है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल के साथ सदस्य रहे पूर्व सांसद रघुवीर मीणा भी उदयपुर के अध्यक्ष बने हैं। 

जयपुर में क्या है पेंच?

जयपुर अध्यक्ष पद को लेकर सुनील शर्मा और पुष्पेंद्र भारद्वाज को शुरू से ही मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। दोनों में से एक का अध्यक्ष बनना तय था, लेकिन दोनों के ही खिलाफ प्रति​द्वंद्वियों ने शिकायतें की हैं।

सुनील शर्मा पर घोर दक्षिणपंथी और कांग्रेस विरोधी संस्था जयपुर डायलॉग्स के निदेशक मंडल में रहने का आरोप है। इस कारण ही उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में मिला हुआ टिकट छोड़ना पड़ा था। सुनील शर्मा सचिन पायलट समर्थक और उनके विश्वासपात्रों में रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के टिकट वाली घटना के बाद से वह पूरी तरह पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ हो गए हैं।

संगठन सृजन अभियान : कांग्रेस में जिलाध्यक्ष के लिए पूर्व मंत्री, विधायक प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में

पुष्पेंद्र पर भी मची रार

पुष्पेंद्र भारद्वाज सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस के उम्मीदवार रहे हैं। वह भी गहलोत समर्थकों में माने जाते थे, लेकिन जब से डोटासरा अध्यक्ष बने हैं, वे पूरी तरह उनके साथ हैं। उनके खिलाफ जमीनों के मामले में दो मुकदमे दर्ज होने की शिकायतें की गई हैं, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि एक मामले में तो पुलिस ने एफआर लगा दी है और दूसरा मामला भी झूठा है। 

कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान : अजमेर से कोटा तक फिर सामने आई गुटबाजी

गहलोत व डोटासरा आमने-सामने!

जयपुर अध्यक्ष के लिए गहलोत सुनील शर्मा और डोटसरा पुष्पेंद्र भारद्धाज के लिए अड़े हुए हैं। दोनों के अपने-अपने तर्क और दलीले हैं। भारद्वाज समर्थकों का कहना है कि गहलोत ने ही आरआर तिवाड़ी को जयपुर का अध्यक्ष बनवाया था, लेकिन वे पूरी तरह फेल साबित हुए।

वहीं भारद्वाज राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं और उनके पास युवा कार्यकर्ताओं की अच्छी-खासी फौज है। वहीं सुनील शर्मा कांग्रेस संगठन की गतिविधियों में कभी भी सक्रिय नहीं रहे हैं। इसलिए उनके पास समर्पित कार्यकर्ता नहीं हैं।  

कांग्रेस-गहलोत मुस्लिम को टिकट देकर हराने की राजनीतिक साजिश रचते हैं : सैयद अंसारी

दोनों ही शिक्षण संस्था संचालक

यह भी रोचक है कि ​जयपुर अध्यक्ष पद के दोनों दावेदार शिक्षण संस्थाओं के संचालक हैं। सुनील निजी युनिवर्सिटी व स्कूल चलाते हैं और उनका एक निजी मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी जोरों पर है। वहीं पुष्पेंद्र का परिवार भी लॉ कॉलेज चलाने के साथ ही एक ​स्कूल भी चलाता है। 

गहलोत ने कसा तंज : आखिर कौन है सीएम भजनलाल का सलाहकार, जो अहंकार-बुराई का साथ देने की कह रहा है?

तिवाड़ी भी आस में

जयपुर के अध्यक्ष के चुनाव में चल रही खींचतान के बीच वर्तमान जिलाध्यक्ष आरआर तिवाड़ी भी दावेदारी बनाए हुए हैं। दोनों उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला नहीं होने की दशा में उन्हें लगता है कि अंतत: वही दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य होंगे और उन्हें एक मौका और मिल जाएगा। जयपुर के अतिरिक्त प्रतापगढ़, राजसमंद, बारां और झालावाड़ के अध्यक्षों की भी अभी नियुक्तियां होनी हैं।

राहुल गांधी कांग्रेस राजस्थान राजस्थान कांग्रेस गोविंद सिंह डोटासरा जयपुर अशोक गहलोत संगठन सृजन अभियान
Advertisment