पिस्टल पर मेड इन इटली नहीं लिखे होने पर आरोपी बरी, कोर्ट ने पुलिस जांच को नहीं माना संदेह से परे

राजस्थान के जयपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने एक अजीब मामला आया, जिसमें अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया। यह मामला पिस्टल के देसी या विदेशी होने से संबंधित था। इस मामले में पुलिस की प्रक्रिया संदिग्ध मानी गई।

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Mukesh Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के जयपुर जिले की न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अवैध हथियार रखने के आरोपी के मामले में पुलिस जांच को स्वतंत्र गवाह नहीं होने के आधार पर संदेहास्पद मानते हुए बरी कर दिया है। इसके साथ ही परिवादी सब इंस्पेक्टर ने अपने बयान में बताया कि मुखबिर की सूचना पर खातीपुरा पुलिया के नीचे उसने जाब्ते के साथ आरोपी उम्मेद सिंह के पास लाल-काले छोटे बैग से देसी पिस्टल मेड इन इटली लिखी बरामद की। 

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पुलिस ने बैग जब्त नहीं किया

दूसरे आरोपी प्रदीप सिंह की पेंट की दाहिनी जेब से जिंदा कारतूस बरामद किया, लेकिन जब्ती रिपोर्ट में कहीं भी पिस्टल को मेड इन इटली होना नहीं लिखा गया। वहां केवल देसी कट्टा बरामद होना बताया गया। वहीं जिस बैग से पिस्टल बरामद होना बताया गया है, उस बैग को भी पुलिस ने जब्त नहीं किया। 

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एक आरोपी की हो गई मौत

सवाल उठता है कि ऐसे में वो बैग कहां गया। ये तमाम बातें पुलिस द्वारा की गई जांच को संदेह से परे साबित नहीं करती हैं। इसलिए संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी किया जाता है। इस मामले में दूसरे आरोपी प्रदीप सिंह की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई। ऐसे में उसके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई को ड्रॉप कर दिया। 

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करीब 11 साल बाद आया फैसला

आरोपी के अधिवक्ता प्रमोद कुमार खंडेलवाल और सतेंद्र सिंह सिसोदिया ने कोर्ट को बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान परस्पर विरोधाभासी हैं और जब्ती प्रक्रिया में गंभीर गलतियां हैं। इसके साथ ही मालखाना रजिस्टर में बैग का कोई उल्लेख भी नहीं है, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि पिस्टल वास्तव में अभियुक्त के कब्जे से मिली थी या नहीं।

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इस तरह दी जानकारी

उन्होंने अदालत को बताया कि यह घटना 30 अक्टूबर, 2014 के शाम 4 बजे की बताई गई है। पुलिस के अनुसार, गश्त के दौरान उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि खातीपुरा पुलिया के नीचे एक युवक के पास हथियार है। वह दूसरे युवक को उसे बेचने के लिए आया है।

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ऐसा संभव नहीं लगता...

इस पर पुलिस ने उन्हें कार्रवाई करके गिफ्तार किया, लेकिन पुलिस का यह कहना कि इस मामले में कोई भी स्वतंत्र गवाह उन्हें नहीं मिला। यह विरोधाभासी है। पुलिस जिस जगह और जिस समय की घटना बता रही है। उस समय वहां आमजन की चहल-पहल रहती है। ऐसे में मौके पर कोई स्वतंत्र गवाह नहीं हो, ऐसा संभव नहीं लगता है।

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