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Photograph: (the sootr)
Sawai Madhopur. राजस्थान में जयपुर के शिक्षक मुकेश जांगिड़ के आत्महत्या मामले के बाद अब सवाई माधोपुर जिले के बहरावंडा खुर्द गांव में बीएलओ हरिओम बैरवा की असामयिक मौत से शिक्षक वर्ग में हड़कंप मच गया है।
हरिओम बैरवा और मुकेश जांगिड़ दोनों ही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान में कार्यरत थे। मुकेश ने तनाव के कारण आत्महत्या की थी और अब हरिओम की हार्ट अटैक से मौत ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।
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तहसीलदार का फोन और मौत की गुत्थी
हरिओम बैरवा की मौत से जुड़े घटनाक्रम में उनके परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों के अनुसार, बुधवार सुबह 7:32 बजे तहसीलदार जयप्रकाश रोलन का फोन आया था, जिसके लगभग 5 मिनट बाद हरिओम अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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मानसिक तनाव के आरोप
मृतक के पिता बृजमोहन बैरवा का कहना है कि पिछले 6 दिनों से उनके बेटे को SIR कार्य को लेकर मानसिक तनाव था। तहसीलदार जयप्रकाश रोलन द्वारा लगातार दबाव डाला जा रहा था। बृजमोहन ने यह भी कहा कि हरिओम ने घर पर किसी से बातचीत नहीं की और कई दिनों से अच्छी नींद भी नहीं ले पा रहे थे।
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बहुत तनाव में थे बड़े भाई
हरिओम का छोटा भाई हितेश भी इस आरोप को सही मानता है और कहता है कि हरिओम को बीएलओ का चार्ज मिलने के बाद से वह डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। वे कई दिन से न ढंग से खाना खा पा रहे थे और ना ही पूरी नींद ले पा रहे थे। वे बहुत तनाव में थे और किसी से बात भी नहीं कर रहे थे।
चार बेटियों के सिर से उठा पिता का साया
हरिओम अपने परिवार के लिए सबसे बड़े थे। उनकी चार बेटियां हैं अक्षिता (8), अंजलि (5), अर्पिता (3) और एक साल की अनन्या, जिनके सिर से अब पिता का साया उठ चुका है। यह घटना उनके परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी बन गई है। वे इस गहरे सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।
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तहसीलदार ने आरोपों को खारिज किया
तहसीलदार जयप्रकाश रोलन ने परिवार के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हरिओम एक अच्छा कार्यकर्ता था। उन्होंने कहा कि एसआईआर के तहत उसे उच्च अधिकारियों से मिले निर्देश ही दिए गए थे। रोलन ने बीएलओ की मौत के कारण दबाव का आरोप नकारते हुए कहा कि इस प्रकार का दबाव डालने की कोई बात नहीं है।
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मामले में पुलिस की जांच जारी
हरिओम की मौत के बाद परिजनों ने बहरावंडा खुर्द चौकी में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद उन्हें खंडार थाने भेजा गया। थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अब तक कोई लिखित रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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