जैसलमेर में डायनासोर के अवशेषों की खोज, प्राचीन काल से जुड़े रहस्यों से उठ सकेगा पर्दा

राजस्थान के जैसलमेर जिले के मेघा गांव में डायनासोर काल से जुड़े अवशेष मिले हैं, जो पुरातत्वविदों के लिए महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकती है। इससे कई रहस्यों से पर्दा उठने की उम्मीद है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उपखंड के मेघा गांव में हरपाल की तालाब के पास हाल ही में हुई खुदाई ने पुरातात्विक और भूवैज्ञानिक समुदायों में हलचल मचा दी है। यहां खुदाई के दौरान मिले कुछ अवशेषों ने यह संभावना जताई है कि ये अवशेष डायनासोर काल से जुड़े हो सकते हैं। इस खोज ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के बीच बहस को जन्म दिया है कि क्या यह सचमुच डायनासोर के अवशेष हैं या फिर किसी अन्य प्राचीन जीव के।

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खुदाई में मिले अवशेष

मेघा गांव में चल रही खुदाई के दौरान कुछ ऐसे पत्थर पाए गए, जो पूरी तरह से फॉसिल्स (fossils) में तब्दील हो चुके थे। ये पत्थर लकड़ी जैसे सख्त हो गए थे, जो प्राचीन जीवाश्मों की प्रमुख विशेषता है। इसके अलावा, एक हड्डियों का स्ट्रक्चर भी सामने आया है, जो इस खोज को और रहस्यमयी बनाता है। इन अवशेषों का आकार और संरचना इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ये संभवतः लाखों साल पुराने हो सकते हैं।

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डायनासोर काल से जुड़े होने की संभावना

वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नारायण कुमार इनखिया का मानना है कि इन अवशेषों का संबंध ब्रटीवेट (vertebrate) जीवों से हो सकता है। उनका अनुमान है कि यह संरचना लगभग 6-7 फीट लंबी हो सकती है, जो डायनासोर या उससे मिलते-जुलते किसी प्राचीन जीव का हो सकता है। हालांकि इस पर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने में समय लगेगा, क्योंकि इसे डायनासोर के अवशेष मानना जल्दबाजी होगी। इनखिया के अनुसार, यह संरचना डायनासोर या उसके समकक्ष किसी जीव के संरचनात्मक लक्षणों से मेल खाती है।

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एएसआई-ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की जांच

फतेहगढ़ के एसडीएम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया है और अब इस स्थान पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (Archaeological Survey of India) और ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Geological Survey of India) की टीमों द्वारा गहन जांच की जाएगी। इनखिया ने बताया कि यह रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी जाएगी, जिसके आधार पर उत्खनन कार्य शुरू किया जाएगा। इस उत्खनन के बाद इन अवशेषों की सटीक उम्र और प्राचीनता का खुलासा हो सकेगा।

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जैसलमेर में डायनासोर के अवशेषों का इतिहास

जैसलमेर क्षेत्र पहले भी डायनासोर के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध रहा है। इससे पहले आकल और थईयात गांवों में डायनासोर के जीवाश्म मिल चुके हैं, जिनकी पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा, जैसलमेर शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में भी डायनासोर से संबंधित कई अवशेष पाए गए हैं। यह नई खोज जैसलमेर को डायनासोर काल के अध्ययन के लिए और भी महत्वपूर्ण बना सकती है।

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मुख्य तथ्य

  • डायनासोर के अवशेष जैसलमेर के मेघा गांव में मिले हैं।
  • पुरातत्व विभाग और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जल्द करेंगे गहन जांच।
  • इस क्षेत्र में पहले भी डायनासोर से जुड़े अवशेष पाए गए हैं।

FAQ

Q1: जैसलमेर में डायनासोर के अवशेष कहां पाए गए थे?
जैसलमेर के फतेहगढ़ उपखंड के मेघा गांव में हरपाल की तालाब के पास हुए खुदाई में डायनासोर काल से जुड़े अवशेष मिले हैं।
Q2: क्या यह अवशेष डायनासोर के हैं?
यह अवशेष डायनासोर के हो सकते हैं, लेकिन अभी इस पर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने में समय लगेगा। विशेषज्ञ इसे डायनासोर या उसके समकक्ष किसी प्राचीन जीव से जोड़ रहे हैं।
Q3: इस खोज से जैसलमेर को कैसे फायदा होगा?
इस खोज से जैसलमेर को डायनासोर काल के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में जाना जाएगा, जिससे यहां पुरातात्त्विक पर्यटन और शोध की दिशा में विकास हो सकता है।

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