जोधपुर में शराब ठेकेदार से 77 लाख की ठगी, निवेश योजना का लालच देकर हुआ बड़ा धोखाधड़ी का खेल

राजस्थान के जोधपुर में शराब ठेकेदार ने स्कूटी खरीदने के बहाने निवेश योजना के नाम पर एक व्यक्ति को 77 लाख रुपए की ठगी का शिकार बना लिया। फर्जी कंपनी बंद हो चुकी है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jodhpur. राजस्थान के जोधपुर में एक शराब ठेकेदार से 77 लाख 50 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। निवेश पर बड़ा मुनाफा का वादा करने वाले ठगों ने स्कूटी खरीदने गए पीड़ित को एक झूठी निवेश योजना में फंसाकर उसका लाखों रुपया हड़प लिया।

ठगी की कंपनी बंद हो चुकी है। इस मामले में एक आरोपी जेल में है, जबकि पीड़ित अब अपने पैसे की वापसी के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।

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फंस गया निवेश योजना में

प्रीतम सिंह गहलोत नामक पीड़ित मंगरा पुजला का निवासी है। एक दिन कॉलेज इलाके में स्कूटी खरीदने के लिए गया था। वहां उसे एजेंट जुगल ने आकर्षक निवेश योजना का प्रस्ताव दिया। जुगल ने कंपनी का नाम बताते हुए कहा कि यदि आप पैसा लगाते हैं, तो दो साल में दोगुना मुनाफा मिलेगा। 

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पीड़ित ने 77 लाख निवेश किया 

यह सुनकर प्रीतम सिंह को कंपनी के दो पार्टनरों, हीराराम और नरपतराम से मिलवाया गया। पेशेवर माहौल और चमक-दमक देख कर वह विश्वास कर बैठा। कंपनी के पार्टनरों ने भरोसा दिलाया और जुलाई, 2024 तक प्रीतम सिंह ने कैश, आरटीजीएस और मोबाइल ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 77 लाख 50 हजार रुपए निवेश कर दिए। 

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कुछ महीने तक किया भुगतान

कंपनी ने कुछ महीने तक प्रीतम सिंह को मामूली भुगतान किया, जिससे निवेशक का विश्वास मजबूत हो गया। कंपनी ने उसे अगली तारीखों वाले कुछ पोस्ट डेटेड चेक भी दिए, लेकिन धीरे-धीरे कंपनी ने सभी भुगतान बंद कर दिए। कुछ समय बाद प्रीतम को यह पता चला कि कंपनी बंद हो गई है।

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कंपनी बंद, संचालक जेल में

प्रीतम ने जब पैसे की वापसी की मांग की, तो कंपनी के कर्मचारी बहाने बनाकर उन्हें टालते रहे। जल्द ही यह जानकारी सामने आई कि कंपनी बंद हो चुकी है और उसके एक संचालक को जेल में डाल दिया गया है। इस पर पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी

जोधपुर और आसपास के इलाकों में इस प्रकार के निवेश योजनाओं के नाम पर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि नागरिकों को निवेश करने से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि और विश्वसनीयता की पूरी जांच करनी चाहिए। चमकदार ऑफिस और पोस्ट डेटेड चेक पर विश्वास करना धोखाधड़ी का कारण बन सकता है।

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