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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में पढ़ने वाली 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की आत्महत्या के बाद से उसके परिवार ने न्याय की मांग की। 1 नवंबर, 2025 को अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। अब सीबीएसई ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है, लेकिन अब तक इस केस में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अमायरा सुसाइड केस में सीबीएसई ने नीरजा मोदी स्कूल की 12वीं तक की मान्यता रद्द कर दी है।
घटना के बाद सबूत मिटाए गए
घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने लापरवाही बरती। पुलिस जांच से पहले ही अमायरा के गिरने के स्थान को पानी से धुलवा दिया गया, जिससे सबूत मिटाने की कोशिश की गई। अमायरा की मां और पिता ने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाए और इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया।
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शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई
अमायरा की मां ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी बेटी को स्कूल में कुछ बच्चे परेशान करते थे और उसका शोषण करते थे। अमायरा ने अपनी क्लास टीचर से दो बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण अमायरा की आत्महत्या के लिए स्कूल प्रबंधन को दोषी ठहराया गया।
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कैंडल मार्च और न्याय की मांग
अमायरा की मौत के बाद उसके माता-पिता ने जयपुर में कैंडल मार्च आयोजित किया। इस मार्च में सैकड़ों नागरिकों ने हिस्सा लिया और अमायरा को न्याय दिलाने की मांग की। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर #JusticeforAmaira अभियान भी जोर पकड़ने लगा, और राजस्थान सरकार से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद जताई गई।
शिक्षा मंत्री का आश्वासन और लापरवाही
घटना के तीन दिन बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अमायरा के परिजनों से मुलाकात की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। हालांकि जांच कमेटी को स्कूल परिसर में घुसने में काफी समय लगा। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही जांच शुरू हो पाई।
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शिक्षा मंत्री के खिलाफ लापता के पोस्टर
अमायरा के मामले में जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो जयपुर में शिक्षा मंत्री के खिलाफ लापता के पोस्टर चिपका दिए गए। इस मामले में सीबीएसई ने 30 दिसंबर को नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी। अब राज्य सरकार से कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
CBSE की कार्रवाई और स्कूल की स्थिति
स्कूल की 12वीं तक की CBSE मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। हालांकि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र इस सत्र 2025-26 में भी यहीं से परीक्षा दे सकेंगे। स्कूल में पढ़ाई कर रहे 9वीं और 11वीं के छात्रों को 31 मार्च 2026 तक सीबीएसई अजमेर के निर्देश पर पास के किसी अन्य स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा। इन छात्रों को सत्र 2026-27 तक उस स्कूल से पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिलेगी।
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नए दाखिलों पर रोक और प्रमोशन की स्थिति
अब से इस स्कूल में 9वीं और 11वीं कक्षा में नए दाखिले नहीं किए जा सकेंगे। साथ ही, स्कूल को निचली कक्षाओं से छात्रों को बढ़ाकर इन कक्षाओं में प्रमोट करने की अनुमति भी नहीं होगी। यह कदम स्कूल के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि छात्रों के लिए शिक्षा की निरंतरता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
आवेदन और मान्यता के लिए शर्तें
स्कूल को दोबारा CBSE से मान्यता प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा। यदि स्कूल अगले साल (सत्र 2027-28 से) 10वीं तक के लिए मान्यता प्राप्त करना चाहता है, तो उसे सभी सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा और उस दौरान 10वीं स्तर पर सफलतापूर्वक संचालन करना होगा। इसके बाद ही वह फिर से मान्यता के लिए आवेदन कर सकेगा।
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12वीं तक की मान्यता के लिए शर्तें
स्कूल को 12वीं तक की मान्यता दोबारा प्राप्त करने के लिए उसे कम से कम दो साल तक 10वीं स्तर पर सफलता पूर्वक संचालन करना होगा। यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसे पूरा करने में समय लगेगा। CBSE की ओर से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल की स्थिति में सुधार हो और वह नए मानकों के अनुरूप काम करे।
पहली से आठवीं कक्षा की स्थिति
अब यह निर्णय राज्य सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा लिया जाएगा कि स्कूल पहली से आठवीं कक्षा तक चलता रहेगा या नहीं। इसमें CBSE की कोई भूमिका नहीं होगी, क्योंकि यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस पर निर्णय राजस्थान सरकार को ही लेना होगा।
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