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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजधानी जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा 6 की छात्रा अमायरा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन अब तक स्कूल प्रशासन और जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
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अमायरा की मां के आंसू
इससे नाराज अभिभावकों ने जयपुरवासियों के साथ मिलकर शनिवार शाम को शहीद स्मारक पर एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कई सामाजिक और युवा संगठनों ने भी उनका समर्थन किया। प्रदर्शन में कैंडल जलाकर अमायरा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान अमायरा की मां भावुक हो गईं। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
शिक्षिका पर लापरवाही का आरोप
परिजनों और अभिभावक संगठनों का आरोप है कि अमायरा पिछले डेढ़ साल से स्कूल में लगातार बुलिंग का शिकार हो रही थी। बार-बार शिकायत करने के बावजूद क्लास टीचर ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उल्टे बच्ची को डांटती-डराती रहीं।
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वजह नहीं पच रही
शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि अमायरा के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और घटना से एक रात पहले खेले गए किसी हैलोवीन टाइप डरावने गेम को दुर्घटना की वजह बताया गया, जिसे परिजनों ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।
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शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में खामियां
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में कई खामियां उजागर हुईं। इनमें स्कूल भवन में सुरक्षा संबंधी गंभीर कमियां रहीं। वहीं कक्षा में शिक्षिका की लापरवाही। बच्ची की बार-बार की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया। पांचवीं मंजिल पर छोटे बच्चों की कक्षाएं चलाना और रेलिंग पर सुरक्षा जाल का न होना।
मानसिक स्वास्थ्य का तर्क भ्रामक
अमायरा के पिता विजय मीणा ने विभागीय रिपोर्ट को गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देखा, जिसमें अमायरा डांस करती, गोलगप्पे खाती और पूरी तरह सामान्य दिख रही थी, लेकिन एक सहपाठी द्वारा डिजिटल स्लेट पर कुछ दिखाए जाने के बाद अमायरा असहज हो गई और बार-बार शिक्षिका से शिकायत की, जिसे नजरअंदाज किया गया।
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शिक्षिका का बयान बार-बार बदला
विजय मीणा का कहना था कि अमायरा रेलिंग पर बैठने की कोशिश कर रही थी, तभी उसका संतुलन बिगड़ा और वह नीचे गिर गई। उन्होंने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज म्यूट था, जिससे शिक्षिका का बयान बार-बार बदलता रहा। परिजनों ने आरोप है कि सीबीएसई गाइडलाइंस के बावजूद स्कूल में न तो काउंसलर है, ना एंटी-बुलिंग कमेटी और न ही पर्याप्त सुरक्षा मानक।
स्कूल में सुरक्षा की कमी
जांच समिति ने भी माना है कि ऊंचाई वाली मंजिल पर बच्चों की कक्षाएं चलाना जोखिमपूर्ण था और रेलिंग पर सुरक्षा जाल का होना अनिवार्य था, जो कि नहीं लगाया गया था। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि बिना किसी ठोस आधार के पारिवारिक रिश्तों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई, जबकि परिवार ने दीपावली के बाद नए घर की योजना बनाई थी और अमायरा को स्कूल में ऑलराउंडर अवॉर्ड भी मिला था।
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अभिभावकों की प्रमुख मांगें
अभिभावकों ने कई मांगें उठाई हैं। इनमें कहा गया है कि स्कूल की सीबीएसई (CBSE) मान्यता तुरंत रद्द की जाए। जिम्मेदार प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो। स्कूल के अन्य बच्चों के सुरक्षित ट्रांसफर की व्यवस्था की जाए। सभी स्कूलों में काउंसलर और एंटी-बुलिंग सिस्टम को अनिवार्य किया जाए।
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शिक्षा मंत्री दिलावर का बयान
मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि वे खुद इस घटना के तीसरे दिन अमायरा के घर गए थे और परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जा रहा है। जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी। अब राजस्थान सरकार से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।
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