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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के रिहायशी क्षेत्रों में लेपर्ड-भालू के मूवमेंट बढ़ने लगे हैं। यह मूवमेंट जयपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, सिरोही जैसे जिलों में देखने को ज्यादा मिल रहा है। शुक्रवार रात को जयपुर के दुर्गापुरा क्षेत्र में एक लेपर्ड का काफी देर तक मूवमेंट रहा। उसके गुर्राने की आवाज से लोग दहशत में आ गए। सड़क और घरों में चहलकदमी के फुटेज सीसीटीवी में कैद हो गए हैं।
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वन विभाग की टीम का सर्च अभियान
वन विभाग की टीम ने सर्च अभियान चलाया, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया है। जयपुर के अलावा सिरोही में दो भालुओं के एक मंदिर में आने से दहशत हो गई। मंगला आरती से पहले ही भालू आ धमके। गनीमत रही कि मंदिर परिसर के गेट बंद थे अन्यथा भालू हमला कर सकते थे। शोर मचाकर भालूओं को भगाया गया।
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लेपर्ड की आवाज सुन घबराए कॉलोनीवासी
दुर्गापुरा की लाल बहादुर कॉलोनी में शुक्रवार देर रात लेपर्ड के तेज गुर्राने की आवाज सुनकर लोग जाग गए। रात 2 बजे लेपर्ड घूमता नजर आया था। लोगों का कहना था कि देर रात तेज अजीब सी आवाज सुनाई दी थी। सीसीटीवी फुटेज देखे तो कॉलोनी की सड़क पर लेपर्ड को आता-जाता और गुर्राते हुए देखा।
पकड़ में नहीं आया लेपर्ड
सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीमें पहुंची। वन विभाग की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन लेपर्ड पकड़ में नहीं आया। संभवतया वह वापस जंगल में चला गया है। जयपुर में लेपर्ड का मूवमेंट काफी देर तक कॉलोनी में रहा। पूर्व भाजपा सांसद रामचरण बोहरा के घर के पास उसकी गुर्राहट भी सुनी गई। लेपर्ड का मूवमेंट बढ़ने से लोगों में दहशत है। शनिवार सुबह तक लेपर्ड का पता नहीं चल सका।
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पांच किमी दूर झालाना सेंचुरी से आया लेपर्ड
दुर्गापुरा तक लेपर्ड के मूवमेंट ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। जिस लाल बहादुर कॉलोनी में लेपर्ड देखा गया है, उसके तीन से पांच किलोमीटर तक घनी आबादी क्षेत्र है। करीब पांच किलोमीटर दूर झालाना लेपर्ड अभयारण्य है। जहां से झालाना, जेएलएन मार्ग को पार करते हुए दुर्गापुरा की लाल बहादुर कॉलोनी तक पहुंचा है। स्थानीय निवासी रामोतार अग्रवाल ने बताया कि आज पहले तक दुर्गापुरा में कभी भी लेपर्ड का मूवमेंट नहीं देखा गया। लेपर्ड का यहां तक आना चौंकाने वाला है।
कुछ दिनों में पहले फैक्ट्री में मिला
कुछ दिनों पहले गोपालपुरा बायपास में एक फैक्ट्री में लेपर्ड आया था। जंगल से इतनी दूर तक आना खतरे की घंटी है। लेपर्ड रात में अकेले राहगीर पर हमला कर सकते हैं और शिकार बना सकते हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है जिस एरिया में लेपर्ड दिखा है, वहां से झालाना लेपर्ड सेंचुरी की दूरी करीब 5 किलोमीटर है। लेपर्ड के झालाना सेंचुरी आने की संभावना है।
लगातार बढ़ रहा मूवमेंट
उधर, घनी आबादी की कॉलोनियों और गांवों में इनके मूवमेंट से लोगों में दहशत में है। लेपर्ड और बियर का मूवमेंट लगातार शहरों में बढ़ रहा है। दिन के बजाय के रात के अंधेरे में घूम रहे हैं। कॉलोनियों में आ रहे हैं। घरों में घुस रहे हैं। गाड़ियों और दरवाजों तक दस्तक दे रहे हैं। पालतू कुत्तों और गायों को शिकार बना चुके हैं।
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वन विभाग भी चिंता में आया
लेपर्ड, भालू के अलावा अन्य खतरनाक वन्यजीवों के लगातार शहरों की तरफ आने से वन विभाग भी चिन्ता में है। विभाग के कर्मचारी इन्हें पकड़ने के लिए पिंजरे लगाते हैं। कुछ पकड़ में आते हैं, तो कुछ घूमते रहते हैं। जयपुर के झालाना, बजाज नगर, दुर्गापुरा, गोपालपुरा, जगतपुरा, जामडोली, घाट की गुणी, नायला और जवाहर सर्कल क्षेत्र में तेंदुओं की गतिविधियां कई बार कैमरे में कैद हो चुकी हैं। अचरोल, कूकस, आमेर जैसे क्षेत्रों में लगातार लेपर्ड का मूवमेंट आबादी वाले इलाकों में देखा जा रहा है।
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झालाना सेंचुरी में 40 लेपर्ड
शहर के मालवीय नगर इलाके के नजदीक झालाना लेपर्ड सेंचुरी में करीब 40 से अधिक लेपर्ड बताए जाते हैं। लेपर्ड की संख्या बढ़ने से ये जंगल से निकलकर शहरी क्षेत्रों में घुसने लगे हैं। गमीमत है कि ये सिर्फ रात के समय ही ज्यादा देखे गए हैं। एकाध बार दिन में भी मूवमेंट हो चुका है।
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जानवरों का कर रहे शिकार
जंगलों से निकलकर शहरी क्षेत्रों में आकर ये पालतू जानवरों और आवारा जानवरों का शिकार कर रहे हैं। खासकर कुत्तों को ज्यादा शिकार करते हैं। रात के समय आने के चलते दिल्ली रोड पर एकाध लेपर्ड तो वाहनों की चपेट में आकर मर चुके हैं। गोपालपुरा में तो कुछ दिनों पहले एक लेपर्ड को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया था।
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रघुनाथ मंदिर में दिखे भालू
सिरोही के माउंट आबू में शनिवार सुबह नक्की झील के किनारे स्थित भगवान श्रीराम के प्रसिद्ध रघुनाथजी मंदिर में आरती से ठीक पहले दो जंगली भालू पहुंच गए। मंदिर परिसर में भालुओं को देख पुजारी परिवार और कर्मचारी दहशत में आ गए।
गनीमत रही कि भालू बिना किसी को नुकसान पहुंचाए जंगल में चले गए। जंगली भालू गांव के अंदर भोजन की तलाश में आ जाते हैं। पिछले कुछ समय से माउंट आबू क्षेत्र में भालुओं की आवाजाही बढ़ी है। पिछले दिनों पुलिस थाने में भालू आ धमके थे।
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