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Photograph: (the sootr)
Udaipur. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में अवैध भूमि आवंटन के मामले को लेकर अब भाजपा सांसद मन्नालाल रावत और प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर डॉ. अंजली जोरवाल के बीच विवाद गहरा गया है। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है और दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पत्राचार किया है।
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कुछ दिन पहले लिखा था पत्र
कुछ दिन पहले सांसद मन्नालाल रावत ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कलेक्टर डॉ. अंजली पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें विपक्षी पार्टी से मिलीभगत और सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने की बात कही गई थी। अब कलेक्टर ने भी सांसद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
तथ्यों के विपरीत आरोप
प्रतापगढ़ की कलेक्टर डॉ. अंजली ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में सांसद मन्नालाल रावत पर आरोप लगाया कि वे डीएमएफटी फंड से जुड़े तथ्यों के विपरीत जाकर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। कलेक्टर ने यह भी कहा कि सांसद खुद एक राजपत्रित अधिकारी रहे हैं और उन्हें प्रशासनिक प्रक्रिया की पूरी जानकारी है, फिर भी वे तथ्यों के विपरीत जाकर आरोप लगा रहे हैं।
अमर्यादित भाषा के उपयोग का आरोप
इसके अलावा, कलेक्टर ने यह भी कहा कि सांसद महोदय मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन के अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। डॉ. अंजली ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद मन्नालाल रावत ने मर्यादित भाषा का पालन नहीं किया, जो कि किसी भी अधिकारी के संदर्भ में पत्राचार करते समय जरूरी है।
यह नियमों के खिलाफ
कलेक्टर ने राजस्थान हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और कार्मिक विभाग के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि खासकर महिला अधिकारियों के संबंध में पत्राचार में मर्यादित भाषा का उपयोग अनिवार्य है। कलेक्टर ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद डीएमएफटी फंड की अधिकांश राशि सिर्फ धरियावद पंचायत समिति में खर्च करने का दबाव बना रहे हैं, जबकि यह नियमों के खिलाफ है।
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विशेष क्षेत्र में राशि खर्च करने का दबाव
उन्होंने कहा कि जिले में कुल 8 पंचायत समितियां हैं, जिनमें से सिर्फ धरियावद पंचायत समिति ही उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है, जबकि बाकी पंचायत समितियां चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। नियमानुसार, डीएमएफटी फंड का वितरण सभी पंचायत समितियों में आनुपातिक रूप से होना चाहिए।
मैं बोलूंगा तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा
विवाद के बाद सांसद रावत ने कहा कि अगर वे इस मामले में अपनी बात रखते हैं, तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर की सोच अलोकतांत्रिक है। अधिकारियों का दायित्व होता है कि वे जहां जनता की मांग हो और विकास कार्य जरूरी हों, वहां विकास कार्य करें। सांसद ने यह भी कहा कि यह कोई विवाद का विषय नहीं है, बल्कि जनता की सेवा के लिए लगातार विकास कार्य होते रहने चाहिए।
सांसद रावत पर अशिष्ट भाषा का आरोप
- कलेक्टर डॉ. अंजली ने सांसद मन्नालाल रावत पर आरोप लगाया कि वे डीएमएफटी फंड से जुड़े तथ्यों के विपरीत आरोप लगा रहे हैं और उन्होंने सांसद पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया है।
- सांसद रावत ने कहा कि अगर वे अपनी बात रखते हैं, तो यह विवाद बड़ा रूप ले सकता है। अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे विकास कार्यों को सही तरीके से लागू करें और जनप्रतिनिधियों का भी यह काम है कि वे जनता की आवाज उठाएं।
- कलेक्टर ने सांसद रावत पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने महिला अधिकारियों के बारे में मर्यादित भाषा का पालन नहीं किया, जो कि राजस्थान हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और कार्मिक विभाग के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
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