मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना: बैंकों की लापरवाही से हो रही विफल

राजस्थान की 'मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना' बैंकों की लापरवाही के कारण फेल हो रही है। केवल 8% आवेदकों को लोन मिला है, 90 दिनों से अधिक समय से 4142 आवेदन पेंडिंग हैं।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना" महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उन्हें छोटे व्यवसायों की शुरुआत करने में मदद करना था। लेकिन बैंकों की उदासीनता और लोन देने में होने वाली देरी के कारण महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना फेल होती नजर आ रही है। 

ऋण स्वीकृति की धीमी गति

महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बैंकों को भेजे गए आवेदकों में से सिर्फ 8% को ही लोन स्वीकृत किया गया है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बैंकों का रवैया महिला आवेदकों के प्रति उदासीन और जोखिम से बचने वाला है। चिंता की बात यह है कि बैंकों के पास 4,521 से अधिक आवेदन पेंडिंग हैं, जिनमें से 4,142 आवेदन 90 दिनों से अधिक समय से पेंडिंग हैं।

क्या है मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना?

इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और छोटे उद्योगों को शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत एकल महिलाओं को 50 लाख रुपए तक का लोन और स्वयं सहायता समूहों तथा क्लस्टर फेडरेशन के लिए 1 करोड़ रुपए तक का ऋण देने का प्रावधान है।

इसके अलावा, राज्य सरकार सामान्य आवेदकों को 25% सब्सिडी देती है, जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति, विधवा, परित्यक्ता, हिंसा की शिकार और विकलांग महिलाओं को 30% सब्सिडी मिलती है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2023-24 के आंकड़े

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5,984 आवेदन आए थे, जिनमें से 1,405 स्वीकृत हुए और 930 को ऋण दिया गया। वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4,991 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 1,194 स्वीकृत हुए और 955 को ऋण दिया गया। इस प्रकार, हर साल लोन स्वीकृति की दर बेहद कम है, जिससे यह योजना अपने उद्देश्य को पूरा करने में असफल हो रही है।

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बैंकों को ऋण प्रक्रिया को सरल बनानी चाहिए

महिला उद्यमियों के लिए बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। मौजूदा वित्तीय संकट और महिला उद्यमियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंकों को अपनी प्रक्रिया को सुधारने की जरूरत है। योजना का उद्देश्य ही महिलाओं को इन बाधाओं से मुक्त करना है, लेकिन बैंकों का रवैया उन्हें लगातार इन कठिनाइयों का सामना करवा रहा है।

स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता

कैट की नेशनल एडवाइजरी बोर्ड की सदस्य रुचि प्रभाकर का कहना है कि बैंकों को ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए और योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि महिला आवेदकों के लिए समुचित सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध हो, ताकि वे योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें।

 योजना का उद्देश्य और इसके लाभ

इस योजना का उद्देश्य महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें व्यापार और उद्योगों में भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। इसके तहत महिलाओं को न केवल ऋण दिया जाता है, बल्कि सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। इससे महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलती है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

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अवसर और चुनौतियां

योजना के तहत महिलाओं को बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता मिलती है, लेकिन बैंकों की लापरवाही और ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में देरी इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में प्रमुख रुकावटें बन रही हैं। बैंकों का रवैया बदलने और ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। प्रोत्साहन मिले तो राजस्थान की महिला उद्यमी भी आगे बढ़ सकती हैं।

FAQ

1. मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना में कितना ऋण मिलता है ?
यह योजना महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत एकल महिलाओं को 50 लाख रुपए तक का लोन और समूहों को 1 करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है।
2. इस योजना में बैंकों का रवैया कैसा है?
बैंकों का रवैया इस योजना के प्रति उदासीन है, जिससे सिर्फ 8% आवेदकों को ही लोन स्वीकृत किया गया है। इसके परिणामस्वरूप 4,521 आवेदन पेंडिंग हैं।
3. महिला उद्यमियों को कितनी सब्सिडी मिलती है?
सामान्य महिला आवेदकों को 25% सब्सिडी मिलती है, जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति, विधवा, परित्यक्ता, हिंसा की शिकार और विकलांग महिलाओं को 30% सब्सिडी दी जाती है।
4. क्या बैंकों को ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए?
हां, बैंकों को ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनानी चाहिए ताकि महिला उद्यमियों को योजना का अधिकतम लाभ मिल सके।
5. मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत लोन कितना दिया जाता है?
इस योजना के तहत एकल महिला को 50 लाख रुपए तक का लोन और समूहों को 1 करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है।

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