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राजस्थान में छोटे बच्चों का आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने की प्रक्रिया धीमी है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) और राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड की बैठक में यह खुलासा हुआ कि प्रदेश में एक करोड़ से अधिक बच्चों का आधार अपडेट नहीं हो सका है।
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा और भारतीय डाक विभाग को विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं ताकि बच्चों के आधार को अपडेट किया जा सके और यह माता-पिता के आधार से लिंक हो सके।
निष्क्रिय हो सकता है आधार कार्ड
राजस्थान में जिन बच्चों के आधार कार्ड पिछले कुछ वर्षों में बनाए गए थे, उनमें बायोमेट्रिक जानकारी (फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग) नहीं ली जाती। ऐसे में 5 और 15 वर्ष की आयु के बाद इन आधार कार्डों को अपडेट करना जरूरी हो जाता है।
अगर बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक जानकारी नहीं होती, तो यह निष्क्रिय हो सकता है, जिससे स्कूल एडमिशन, सरकारी योजनाओं और स्कॉलरशिप जैसी सेवाओं में समस्या हो सकती है।
माता-पिता के आधार से लिंकिंग
UIDAI ने इन बच्चों के आधार को अब माता-पिता के आधार से लिंक करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि कई बच्चों के आधार में एड्रेस (पता) गलत होने की शिकायतें आई हैं।
बच्चों के आधार को सही करने के लिए माता-पिता के आधार और अन्य पहचान पत्र से लिंक किया जाएगा, ताकि बच्चों के एड्रेस को सही तरीके से सुनिश्चित किया जा सके। अब तक अधिकांश बच्चों के आधार जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर बनाए गए थे।
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विशेष शिविर लगाने के निर्देश
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने UIDAI से डेटा प्राप्त करने के बाद, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को बच्चों के आधार अपडेट करने के लिए विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, और शिक्षा विभाग को अपने-अपने क्षेत्रों में आधार अपडेट शिविर लगाने के लिए कहा गया है। विशेष रूप से, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के आधार अपडेट करने के लिए कैंप लगाए जाएंगे। राजस्थान में बच्चों का आधार अपडेट करने के लिए लगेंगे विशेष कैंप।
इसलिए हो रहा है बच्चों का आधार अपडेट
बच्चों का आधार 5 साल से कम उम्र में बिना बायोमेट्रिक जानकारी के बनता है। लेकिन 5 साल की उम्र के बाद बच्चों का आधार अपडेट करना जरूरी होता है, जिसमें उनके फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग और फोटो शामिल हैं।
अगर यह प्रक्रिया नहीं की जाती तो आधार निष्क्रिय हो सकता है, जिससे बच्चों को स्कूली एडमिशन, स्कॉलरशिप या सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकता। राजस्थान में 1 करोड़ बच्चों का आधार अपडेट नहीं है।
स्कूलों में आधार अपडेट की प्रक्रिया क्या होगी
UIDAI हर जिले में बायोमेट्रिक मशीनें भेजेगा, जो स्कूलों में बच्चों का डेटा अपडेट करेंगी। माता-पिता की सहमति से बच्चों के फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग और फोटो लिए जाएंगे।
यह अभियान दो महीने में शुरू होगा और धीरे-धीरे सभी स्कूलों में पहुंचेगा। 15 साल की उम्र में एक और अपडेट करना होगा।
क्या आधार अपडेट के लिए पैसे देने होंगे
5 से 7 साल की उम्र के बच्चों का आधार अपडेट मुफ्त है। हालांकि, 7 साल से बड़े बच्चों के लिए 100 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। समय पर अपडेट नहीं करने से आधार निष्क्रिय हो सकता है, और इससे बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
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आधार अपडेट कराना क्यों जरूरी है
आधार का अपडेटेड होना स्कूल एडमिशन, स्कॉलरशिप, परीक्षा रजिस्ट्रेशन और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए जरूरी है। UIDAI का कहना है कि सही बायोमेट्रिक डेटा होने से बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) और अन्य सुविधाएं समय पर मिलेंगी। स्कूलों के माध्यम से यह कार्य अधिक सुगम और तेज़ होगा।
आधार कार्ड की जानकारी केवल एक पहचान प्रमाण नहीं है, बल्कि यह बच्चों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।
स्कूलों में आधार कार्ड अपडेट करने की प्रक्रिया बच्चों के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यह उनकी पहचान को सही और सटीक रूप से सुनिश्चित करता है।