पिपलोदी स्कूल हादसा पीड़ितों संग आए नरेश मीणा, आमरण अनशन पर बैठे

राजस्थान के नरेश मीणा ने पिपलोदी स्कूल भवन ढहने में मारे गए बच्चों के लिए न्याय की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू किया। जानें इस मामले में उनका संघर्ष।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव के स्कूल में हुई दर्दनाक घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। जुलाई 2025 में इस सरकारी स्कूल का पुराना भवन बारिश के कारण ढह गया, जिसमें सात मासूम बच्चों की जान चली गई। इस हादसे के बाद समरावता थप्पड़कांड से चर्चा में आए नरेश मीणा एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने इस घटना के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया है। नरेश मीणा ने कहा है कि जब तक पीड़ित बच्चों के परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वह अन्न का एक भी दाना अपने पेट में नहीं जाने देंगे।

नरेश मीणा ने शुक्रवार को आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि वह पिपलोदी स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने तक अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे। मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अनशन के दौरान वह मौन रहेंगे, लेकिन हर दिन दोपहर 3 बजे अपने साथियों से रणनीति पर चर्चा करेंगे। 

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भाजपा सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोप

नरेश मीणा ने सरकार पर आरोप लगाया कि पिपलोदी स्कूल का भवन अत्यंत जर्जर स्थिति में था, और झालावाड़ स्कूल हादसा सरकारी भ्रष्टाचार और लापरवाही का परिणाम है। उनका कहना था कि जिस भवन में बच्चों को पढ़ाई दी जा रही थी, उसकी मरम्मत और सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया था। सरकार द्वारा इस लापरवाही के बावजूद, अभी तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। मीणा ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।

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पायलट और बेनीवाल से भी शामिल होने की अपील

नरेश मीणा ने इस मुद्दे को और भी व्यापक बनाने के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट से भी इस मामले में समर्थन की अपील की। उन्होंने दोनों नेताओं को फोन करके पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए उनके संघर्ष में शामिल होने का अनुरोध किया।

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नरेश मीणा एसडीएम थप्पड़कांड क्या है?

नरेश मीणा बारां जिले के रहने वाले हैं और छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया। वे राजस्थान यूनिवर्सिटी में महासचिव रहे हैं। नरेश, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कई बार कांग्रेस से टिकट की मांग की लेकिन असफल रहे। पिछले साल देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 44,000 वोट हासिल किए थे। नवंबर-2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता (टोंक) गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।

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पीड़ितों के लिए सौंपेंगे पांच बकरियां

नरेश मीणा ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद भी देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह इन परिवारों को पांच बकरियां सौंपेंगे, ताकि वे अपनी आजीविका के लिए कोई उपाय कर सकें। यह कदम निश्चित रूप से इन परिवारों के लिए कुछ राहत का कारण बनेगा, जिनके बच्चों ने इस हादसे में अपनी जान खो दी।

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मीणा की गिरफ्तारी और कोर्ट से राहत

बता दें, पिपलोदी स्कूल हादसे के बाद नरेश मीणा ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई। अब, एक बार फिर से मीणा पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की लड़ाई में शामिल हो गए हैं। नरेश मीणा आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

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पिपलोदी स्कूल हादसा क्या है?

  • 25 जुलाई 2025 को राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव के सरकारी स्कूल में एक दर्दनाक हादसा हुआ।

  • सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान स्कूल की जर्जर छत अचानक गिर पड़ी।

  • इस हादसे में 7 छात्रों की जान चली गई और 22 अन्य घायल हो गए।

  • हादसे की वजह मरम्मत कार्य में की गई तकनीकी खामियां और कमजोर दीवारें थीं, जिससे भवन कमजोर हो गया था।

  • इस घटना के बाद पीड़ितों के परिजनों ने मुआवजे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार की कहानी

इस हादसे के बाद से, कई सवाल उठे हैं कि जब स्कूल भवन की हालत इतनी खराब थी, तो सरकार ने इसे सुधारने की दिशा में कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए? नरेश मीणा और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। हालांकि, हादसे के बाद जांच की गई, लेकिन अभी तक किसी दोषी को सजा नहीं दी गई है।

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