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Photograph: (the sootr)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें सबसे प्रमुख 2800 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा परियोजना है, जो राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। पीएम मोदी का यह दौरा न केवल विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि यह बीजेपी (BJP) की रणनीति का अहम हिस्सा भी है। इससे आगामी चुनावों में भाजपा का राजनीतिक प्रभाव बढ़ सकता है।
आदिवासी बेल्ट पर विकास का दांव
बांसवाड़ा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आदिवासी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह राजस्थान के वागड़ क्षेत्र का हिस्सा है। इसके आसपास की सीमाएं गुजरात और मध्य प्रदेश से जुड़ी हुई हैं। यहां की आदिवासी आबादी खासकर भील समुदाय हमेशा से स्थानीय राजनीति में प्रभावशाली रहा है। इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की एक बड़ी आबादी है, जो लोकसभा चुनाव 2024 में BAP सांसद राजकुमार रोत के समर्थन में नजर आई थी। प्रधानमंत्री मोदी के विकास योजनाओं के माध्यम से भाजपा का उद्देश्य इस आदिवासी क्षेत्र में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना है।
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BAP की चुनौती और आदिवासी राजनीति
भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने हाल के वर्षों में कांग्रेस और भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई है। 2018 के बाद से BAP का वोट प्रतिशत तीन गुना बढ़ा है और इसने बांसवाड़ा लोकसभा सीट को 2 लाख वोटों के अंतर से जीता है। BAP के उदय के साथ भाजपा के लिए इस क्षेत्र में अपनी स्थिति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए भाजपा इस बार विकास के एजेंडे के जरिए आदिवासी समुदाय में अपनी पहचान मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष का मुआवजे का मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर BAP के सांसद राजकुमार रोत ने विरोध जताया और मांग की कि इस परियोजना से मिलने वाले CSR फंड का इस्तेमाल क्षेत्र के आदिवासी विकास के लिए किया जाए। हालांकि भाजपा के नेता राजेंद्र राठौड़ ने इसका विरोध करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने सभी अधिग्रहित भूमि के लिए उचित मुआवजा प्रदान किया है और विकास कार्य लगातार जारी हैं। इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन ने नापला गांव में दो स्कूल और एक अस्पताल का निर्माण भी शुरू किया है।
आदिवासी युवाओं को बेहतर भविष्य का भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा आदिवासी युवाओं को यह संदेश देने के लिए है कि बड़ी परियोजनाओं से उनके भविष्य में रोजगार और आर्थिक अवसर मिलेंगे। इससे आदिवासी समुदाय की आकांक्षाओं को साकार करने के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों की पहचान-आधारित राजनीति को कमजोर किया जाएगा। भाजपा इस विकास के माध्यम से इस क्षेत्र में आदिवासी समाज के साथ-साथ आम जनता के बीच अपनी छवि को मजबूत करना चाहती है।
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जातीय राजनीति की खाई पाटने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने बांसवाड़ा में अपने भाषण में वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने और राजस्थान की सौर ऊर्जा सफलता को परमाणु ऊर्जा तक ले जाने की बात की। यह सीधे तौर पर आदिवासी समाज और बांसवाड़ा के सामान्य लोगों को एक बेहतर भविष्य का भरोसा देना था। भाजपा इस तरह विकास के एजेंडे के माध्यम से जातीय राजनीति की खाई को पाटने की कोशिश कर रही है, ताकि वह इस क्षेत्र में अपनी नींव और मजबूत कर सके।
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बीजेपी मजबूत गढ़ बनाने की ओर
पीएम मोदी का बांसवाड़ा दौरा केवल एक तात्कालिक चुनावी रणनीति नहीं है, बल्कि यह भाजपा की राजस्थान में लंबे समय तक प्रभाव बनाने की योजना का हिस्सा है। यदि इन विकास परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को वास्तविक लाभ होता है, तो यह आदिवासी बहुल क्षेत्र भाजपा के लिए एक मजबूत राजनीतिक गढ़ बन सकता है। ऐसे में आगामी चुनावों में यह कदम भाजपा को बड़ा फायदा दिला सकता है।