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Photograph: (the sootr)
Jodhpur. राजस्थान के जोधपुर के कुड़ी थाने में सोमवार को एक पुलिस अधिकारी और अधिवक्ता के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया। इस घटना के बाद मंगलवार को वकीलों ने हाई कोर्ट और अन्य अधीनस्थ अदालतों में कार्य बहिष्कार का आह्वान किया।
इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश पासवान को तलब किया और मामले की गहन जांच का आदेश दिया।
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पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई
हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसपी शर्मा और न्यायाधीश बीएस संधू ने पुलिस कमिश्नर को कड़े निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि वह उस पुलिस अधिकारी को शाम तक थाने से हटा दें, जिसने इस घटना को अंजाम दिया। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस को यह प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए कि वे जनता, फरियादियों और वकीलों के साथ कैसे व्यवहार करें।
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वकीलों की ओर से कार्रवाई की मांग
हालांकि कोर्ट ने इस मामले में कोई लिखित आदेश नहीं दिया, लेकिन उम्मीद जताई कि पुलिस सेवा नियमों के तहत कार्रवाई करेगी। वकीलों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।
वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन आचार्य और दिग्विजय सिंह जसोल ने कहा कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका आरोप था कि थाने में महिला अधिवक्ता की उपस्थिति के बावजूद पुलिस ने संयमित व्यवहार नहीं किया।
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घटना का विवरण
इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब अधिवक्ता भरत सिंह अपने क्लाइंट के साथ थाने में बयान देने गए थे। वहां एक कांस्टेबल ने बिना वर्दी के आधार कार्ड मांगा, जिस पर अधिवक्ता ने आपत्ति जताई। इस पर थानाधिकारी हमीर सिंह ने अधिवक्ता से अभद्र व्यवहार किया और पुलिसकर्मियों से उन्हें शांतिभंग के आरोप में अंदर डालने को कहा।
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अधिवक्ता को कमरे में बंद कर दिया
इस पर पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता को एक कमरे में बंद कर दिया, जिससे विवाद बढ़ गया और रात को थाने पर धरना दिया गया। इसके बाद वकील संगठन ने उच्च न्यायालय में विरोध दर्ज कराते हुए काम बंद कर दिया।
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हाई कोर्ट का निर्देश और कमिश्नर का जवाब
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर ने वकीलों को भरोसा दिलाया कि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए वे कड़ी निगरानी रखेंगे।
SHO सस्पेंड, पूरा थाना लाइन हाजिर
जोधपुर वकील दुर्व्यवहार केस में वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाते हुए SHO को तुरंत सस्पेंड करने और पूरे मामले की जांच IPS रैंक के अधिकारी से कराने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी जाए, ताकि जनता से बात करने का तरीका समझ सकें। कमिश्नर ने कोर्ट में बताया कि SHO के साथ अन्य दोषियों को भी थाने से हटाया जा रहा है। कोर्ट ने एक सप्ताह में पूरी जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।
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