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Photograph: (the sootr)
Jaipur. महिला सुपरवाइजर भर्ती 2018 पेपर लीक व नकल मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने कालेर गैंग के मुखिया पौरव कालेर को जमानत देने से इनकार कर दिया हैं। जस्टिस चंद्रप्रकाश श्रीमाली की अदालत ने पौरव कालेर, राजाराम उर्फ राजू मैट्रिक्स और सुमन बैरा की जमानत याचिका खारिज कर दी।
पहले भी जमानत खारिज
पौरव कालेर गैंग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कराने के लिए कुख्यात है। इस गैंग पर राजस्थान में पटवारी, ईओ-आरओ, हाई कोर्ट एलडीसी, एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और नकल करवाने के आरोप हैं। कालेर की एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में भी जमानत खारिज हो चुकी है।
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नकल कराने की एवज में लिए 15 लाख
अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश चौधरी ने कोर्ट को बताया कि पौरव कालेर ने राजाराम उर्फ राजू मैट्रिक्स के साथ मिलकर बीकानेर में स्कूल संचालक दिनेश सिंह के साथ परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर लीक करवाया। उसके बाद उसने अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ की मदद से नकल करवाई, जिससे 4 अभ्यर्थियों का परीक्षा मे चयन हुआ। सुमन बोरा भी महिला सुपरवाइजर में चयनित अभ्यर्थी है। इसके लिए कालेर को 15 लाख रुपए मिले।
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राजू मैट्रिक्स ने फोटो खींचकर कालेर को भेजी
कालेर पर साल 2014 से 2025 तक पेपर लीक व नकल कराने के 8 मामले दर्ज हैं। इसी तरह से राजाराम उर्फ राजू मैट्रिक्स भी महिला सुपरवाइजर परीक्षा का पेपर लीक करने में शामिल है। उसने ही बीकानेर की रामसहाय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सेंटर में मोबाइल से पेपर की फोटो खींचकर कालेर को भेजी थी।
बचाव के लिए दिए तर्क
उसके खिलाफ भी पेपर लीक व नकल के 4 प्रकरण दर्ज हैं। इसी तरह से अभ्यर्थी सुमन बेरा ब्लूटूथ से नकल करके भर्ती मे चयनित हुई। इन सभी ने भर्ती की पवित्रता को भंग किया हैं। इन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। वहीं आरोपियों की ओर से कहा गया कि अभियुक्त लंबे समय से जेल में हैं। उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है, कोई बरामदगी भी शेष नहीं है।
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जमानत याचिका खारिज
आरोपियों का कहना है कि ट्रायल में लंबा समय लगेगा, ऐसे में उन्हें अनिश्चितकाल तक जेल मे नहीं रखा जा सकता है। अन्य मामले विचारधीन होने के आधार पर जमानत खारिज नहीं की जानी चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 14 नवंबर को सुनवाई पूरी करके फैसला रिजर्व कर लिया था। वहीं अब फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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