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Photograph: (the sootr)
Pushkar. एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला (Pushkar Animal Fair 2025) इस बार फिर चर्चा में है। राजस्थान के पुष्कर में चल रहे मेले में देशभर से आए अश्वपालक अपने कीमती घोड़े लेकर पहुंचे हैं। इनमें पंजाब के बठिंडा से आई मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी नगीना सबका ध्यान खींच रही है, जिसकी कीमत एक करोड़ रुपए लगाई गई है।
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मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की धूम
पुष्कर मेला देशभर में अपने मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों के लिए प्रसिद्ध है। इस बार भी मेले में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से बड़ी संख्या में घोड़े पहुंचे हैं। हरियाणा के अश्वपालक गौरव यादव ने बताया कि वे पिछले पांच सालों से इस मेले में घोड़े लेकर आ रहे हैं। इस बार उन्होंने ऑनलाइन भूखंड आवंटन की सुविधा का लाभ उठाया। उन्होंने कहा कि मेला प्रबंधन ने इस बार अश्वपालकों के लिए आधुनिक और आरामदायक शामियाने उपलब्ध कराए हैं।
शानदार सुविधाएं और लग्जरी व्यवस्था
यादव ने बताया कि उन्होंने फिलहाल चार घोड़े मेले में लाए हैं, जबकि पांच और लाने की योजना है। उनके पास दिलबाग का पोता और लाल रत्न का बेटा जैसे मशहूर घोड़े हैं, जिनकी नस्ल और सहनशीलता उन्हें खास बनाती है। मारवाड़ी नस्ल के ये घोड़े न केवल सुंदर होते हैं, बल्कि बेहद वफादार भी हैं। इनकी कीमत करोड़ों रुपए तक जाती है।
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दाना का बेटा ब्रह्मदेव भी बना आकर्षण
अश्वपालक प्रमोद पाराशर ने बताया कि उनके पास मारवाड़ी नस्ल का बेशकीमती घोड़ा ब्रह्मदेव है। यह दाना का बेटा है, जो कभी उद्योगपति मुकेश अंबानी के पास सबसे महंगे दामों में बिका था। उन्होंने कहा कि मारवाड़ी अश्व न केवल सुंदर होते हैं, बल्कि अपने मालिक के प्रति वफादार भी रहते हैं। यही कारण है कि इन घोड़ों को राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा माना जाता है।
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पंजाब से आई नगीना स्टार घोड़ी
बठिंडा के अश्वपालक गोरा भाई इस बार अपनी घोड़ी नगीना लेकर पुष्कर पहुंचे हैं। नगीना की उम्र 31 माह है और उसकी हाइट 63.5 इंच है। गोरा भाई के मुताबिक, अब तक नगीना के 55 लाख रुपए तक के ऑफर मिल चुके हैं, लेकिन हम इसे एक करोड़ रुपए से कम में नहीं बेचेंगे। उनका कहना है कि 2010 से वे हर साल पुष्कर मेले में भाग लेते हैं और इस बार नगीना ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
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पुष्कर मेला बना घोड़ा व्यापार का हब
मेले में घोड़ों की खरीद-फरोख्त जोरों पर है। कई व्यापारी अपने पसंदीदा घोड़ों पर बोली लगा रहे हैं। अश्वपालक अपने घोड़ों के साथ विशेष गाड़ियों में आते हैं और उनके लिए लक्जरी केयर स्पेस की व्यवस्था करते हैं। मेले में प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं, जिनमें बेहतरीन नस्ल और प्रदर्शन वाले घोड़ों को पुरस्कृत किया जाएगा।
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क्यों खास हैं मारवाड़ी नस्ल के घोड़े
- राजस्थान की जलवायु के अनुकूल और कठोर परिस्थितियों में भी सहनशील
- अपने मालिक के प्रति निष्ठावान और प्रशिक्षण में आसान
- घुमावदार कानों और सुंदर चाल के लिए प्रसिद्ध
- लाखों से लेकर करोड़ों तक की बाजार कीमत
- राजस्थान की शाही परंपरा और संस्कृति का प्रतीक
पशु मेला : पर्यटकों के लिए खास आकर्षण
- ऊंट और घोड़े की सजावट प्रतियोगिता
- लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम
- विदेशी पर्यटकों के लिए फोटो जोन
- सर्वश्रेष्ठ नस्ल के घोड़े को सम्मान
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