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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान सरकार ने सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती 2021 को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है। सरकार की ओर से खंडपीठ में दायर अपील में कहा है कि चंद लोगों की गलती की वजह से पूरी भर्ती को रद्द नहीं किया जा सकता। सेंटर से लीक पेपर मात्र कुछ अभ्यर्थियों के पास ही पहुंचा था।
कुछ लोगों तक ही पहुंचा पेपर
सरकार का तर्क है कि आरपीएससी से लीक हुआ पेपर मामले में संलिप्त आरपीएससी सदस्य के बच्चों और दलालों तक ही गया था। इस लीक पेपर का प्रसार पूरे राजस्थान में नहीं हुआ। भर्ती को पूरी तरह से रद्द करने का प्रभाव सही अभ्यर्थी के जीवन पर पड़ रहा हैं। जांच एजेंसियां अगर भर्ती में सही और गलत की छंटनी कर सकती हैं, तो कोर्ट को पूरी भर्ती रद्द नहीं करनी चाहिए।
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देरी माफी का भी लगाया प्रार्थना-पत्र
हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 28 अगस्त को एसआई भर्ती 2021 को रद्द किया था। इसकी अपील 60 दिन में खंडपीठ में की जा सकती थी, लेकिन सरकार ने 60 दिन निकलने के बाद अपील दायर की है। ऐसे में सरकार ने अपील के साथ खंडपीठ में देरी माफी का प्रार्थना-पत्र भी लगाया हैं।
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अगर स्वीकार होती है अपील...
राजस्थान हाई कोर्ट अगर देरी के साथ अपील को स्वीकार करता है, तो इसकी सुनवाई चयनित अभ्यर्थियों की अपील के साथ कर सकता है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने चयनित अभ्यर्थियों की अपील पर सुनवाई 24 नवंबर को तय कर रखी है। संभावित है कि दोनों अपीलों पर कोर्अ एकसाथ सुनवाई कर ले।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला
राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 28 अगस्त को एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने का आदेश दिया था। इस आदेश को चयनित अभ्यर्थियों ने चुनौती दे रखी है। खंडपीठ ने आठ सितंबर को सुनवाई करते हुए एकल पीठ के भर्ती रद्द करने के 28 अगस्त के आदेश पर रोक लगाते हुए चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग जारी करने को कहा था।
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तीन महीने में सुनवाई पूरी करें
राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ के अंतरिम आदेश को कैलाश चंद्र शर्मा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 सितंबर को खंडपीठ के फैसले पर यथास्थिति के आदेश देते हुए हाई कोर्ट को मामले में तीन महीने में सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए थे। अब सरकार ने एकल पीठ के आदेश को ढाई महीने बाद चुनौती दी है।
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