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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान की पंचायतों और नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव की घोषणा नहीं होने और प्रशासक नियुक्ति के आदेश को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर हो गया है। पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद राजस्थान सरकार ने पंचायतों के बाद अब नगर निकायों में भी प्रशासक लगाने के आदेश दे दिए हैं।
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सरकार ने प्रशासक नियुक्त किए
अगले महीने जयपुर, कोटा, उदयपुर नगर निगम में महापौर के बजाय संभागीय आयुक्त के हाथों में प्रशासनिक कमान आ जाएगी, जबकि कार्यकाल समाप्त होने से पहले एकाध मौकों को छोड़कर नियमानुसार चुनाव घोषणा होती आई है। इस बार परिसीमन, आरक्षण और नगर निगम के एकीकरण के कार्य पूरे नहीं होने के कारण समय पर चुनाव कार्यक्रम तय नहीं हो पाए। ऐसे में सरकार ने कुछ समय लेते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना
उधर, प्रशासकों की नियुक्ति आदेश के साथ ही प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर जुबानी हमला तेज कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया में बयान दिया है कि सरकार ने पंचायती राज संस्थानों और नगर निकाय में चुनावों में देरी करके संविधान में प्रदत्त अधिकारों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है। गहलोत ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि भाजपा सरकार डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है।
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पंचायती राज के चुनाव जरूरी
संविधान के अनुच्छेद 243 में पंचायतीराज संस्थानों एवं 243 में नगरीय निकायों के चुनाव आवश्यक रूप से 5 साल में करवाने का प्रावधान है। गोवा सरकार बनाम फौजिया इम्तियाज शेख तथा अन्य केस व पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग बनाम पंजाब सरकार केस के फैसलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि हर पांच साल में पंचायती राज के चुनाव होने चाहिए।
संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन
सरकार पंचायती राज संस्थानों एवं नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी मनमर्जी से प्रशासक लगाकर यहां चुनाव नहीं करवा रही है। यह सीधा संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। ये हालात तो तब है जब मुख्यमंत्री एवं नगरीय विकास मंत्री दोनों ही पंचायतीराज की राजनीति से शुरुआत की है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस मामले में पार्टी आंदोलन करेगी।
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कांग्रेस संविधान की हत्यारी : राठौड़
पूर्व सीएम गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने एक बार नहीं, कई बार संविधान की हत्या की। देश में चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करने का काम किया। जब राम भूमि आंदोलन हुआ तो कांग्रेस ने भाजपा की पांच सरकारों को बर्खास्त करने का काम किया। आपातकाल में कांग्रेस ने मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान को मस्तक पर रखा।
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गहलोत ने किया अन्याय
राठौड़ ने कहा है कि गहलोत बिहार में जाकर युवा नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे हैं। युवाओं को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन राजस्थान में अपने युवा उपमुख्यमंत्री को मारने का काम क्यों किया? उसको नकारा, निकम्मा कहा। राठौड़ ने कहा कि अभी भी पूर्व सीएम और डिप्टी सीएम में छिपा हुआ युद्ध चल रहा है।
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