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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में भजनलाल सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रदेश भर में सरकार जश्न मना रही है और दो साल में ही 70 फीसदी घोषणाएं पूरी होने के दावे कर रही है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर नाकामी और दो साल में राज्य पर 1.55 लाख का कर्जा बढ़ने से हर राजस्थानी नागरिक पर एक लाख रुपए का कर्जा होने के आरोप लगाए हैं। जूली ने कहा कि बहस के लिए तैयार, समय और स्थान बताएं।
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बहस के लिए तैयार
जूली ने बहस के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा कि वह बहस के लिए तैयार हैं और समय और स्थान मुख्यमंत्री बता दें। जूली ने मंगलवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस सरकार के गठन के बाद राजस्थान पर 1.55 लाख करोड़ कर्ज की बढ़ोतरी हुई है।
लगातार कर्ज उठा रही सरकार
साल 2026 तक यह कर्ज बढ़कर 7.26 लाख करोड़ का हो जाएगा। आज की तारीख में हर एक राजस्थानी पर एक लाख कर्जा हो गया है। भाजपा सरकार के आने के बाद अक्टूबर से दिसंबर, 2025 तक की तिमाही के लिए राजस्थान सरकार लगभग 14 लाख 455 करोड़ बाजार से उठाना चाहती है। इसके लिए भी अक्टूबर में सरकार ने बंद नीलामी के जरिए 5000 करोड़ रुपए का कर्ज उठाया था। उस समय ब्याज दर 7.23 प्रतिशत थी।
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1727 में से 754 बजट घोषणा ही पूरी
जूली ने कहा कि सरकार ने दो बजट में 1727 बजट घोषणा की है। उनमें से केवल 754 बजट घोषणा पूरी हुई हैं। 1256 बजट घोषणाएं अभी पेंडिंग हैं। वहीं 760 बजट घोषणाएं ऐसी हैं, जिन पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा के मामले को लेकर कहा कि साल 2023- 24 में सरकारी स्कूलों में 1.67 करोड़ विद्यार्थी थे, जो 24-25 में घटकर 1.62 करोड़ रह गए हैं। इनमें 5 लाख विद्यार्थियों की कमी आई है। 14000 कॉलेज के विद्यार्थियों की भी कमी आई है।
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नौकरियों के कितने विज्ञापन निकाले?
जूली ने सरकारी नौकरियों का मामला उठाते हुए कहा कि इस सरकार ने चार लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन 2 साल में 95 हजार नौकरी दी है। ये भी वह नौकरी हैं, जो कांग्रेस सरकार के समय से प्रक्रिया में चल रही थी। अभी 1.53 लाख नौकरियां प्रक्रिया में हैं। इनमें भी अधिकांश चतुर्थ श्रेणी और सफाई कर्मचारियों की नौकरी है। सरकार को बताना चाहिए कि दो साल में नौकरियों के कितने विज्ञापन निकाले और कितने लोगों को नियुक्ति पत्र दिए।
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35 लाख करोड़ के एमओयू का भी नहीं पता
जूली ने प्रदेश में निवेश के लिए किए गए एमओयू का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकार का दावा है कि 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए हैं और 8 लाख करोड़ के एमओयू जमीन पर उतार दिए हैं। सरकार को इसकी भी जानकारी नहीं है कि 8 लाख करोड़ के एमओयू जमीन पर उतार दिए, क्योंकि जब हम सरकार से सवाल करते ​हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता है। आरटीआई के जरिए भी इसका कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है और विधानसभा में भी सरकार इसका कोई जवाब नहीं दे रही है।
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2 साल में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं
जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने दो साल तक अपनी कुर्सी बचाए रखी। वे राजस्थान के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। मुख्यमंत्री ने दो साल में 72 फीसदी वादे पूरे करने के दावे किए हैं, लेकिन यह जनता के साथ धोखा है।
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ये 10 बड़े वादे नहीं किए पूरे
टीकाराम जूली ने सरकार के 10 प्रमुख अधूरे वादों का जिक्र किया :
1. किसानों की आय : किसानों की आय दोगुनी करने और किसान सम्मान निधि 12 हजार रुपए करने का वादा किया गया था, लेकिन चरणबद्ध तरीके से भी अब तक सिर्फ 9 हजार रुपए ही दिए जा रहे हैं।
2. जल जीवन मिशन : 2025 तक सभी घरों में नल से जल देने और 25 लाख कनेक्शन देने का वादा था, लेकिन अब तक सिर्फ 9 लाख कनेक्शन ही दिए गए।
3. MSP पर फसल खरीद : MSP पर खरीद दोगुनी करने का वादा पूरा नहीं हुआ। गेहूं 2700 रुपए क्विंटल खरीदने का वादा किया गया। बाजरे की MSP पर खरीद का दावा झूठा साबित हुआ।
4. तबादला नीति : तबादला नीति की घोषणा की गई, लेकिन आज तक कोई नीति नहीं बनी व आठ लाख कर्मचारियों को आज भी तबादला नीति का इंतजार है।
5. स्कूल यूनिफॉर्म : छात्रों को यूनिफॉर्म के लिए 1200 रुपए देने का वादा झूठा निकला। एससी एसटी के विद्यार्थियों को केवल 600 रुपए दिए जा रहे हैं। ओबीसी और सामान्य वर्ग को इससे बाहर किया।
6. पशु बीमा योजना : पशुओं का बीमा अधूरा है, कांग्रेस सरकार में 80 लाख पशु पंजीकृत थे। इस सरकार ने केवल 20 लाख पशुओं का ही बीमा किया।
7. शिक्षा विभाग : सभी एक लाख पद भरने का वादा किया गया, लेकिन आज भी हजारों पद खाली हैं।
8. IIT-AIIMS : IIT और AIIMS की तर्ज पर नए संस्थान खोलने की बात कही गई, लेकिन सिर्फ नाम बदले गए।
9. जमीन नीलामी पर रोक : जमीन नीलामी पर रोक लगाने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
10. पेट्रोल-डीजल : गुजरात और हरियाणा की तर्ज पर पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा भी पूरा नहीं हुआ।
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