राजस्थान के 7 विश्वविद्यालयों को मिल गए नए कुलगुरु, राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने जारी किए आदेश

राजस्थान के सात विश्वविद्यालयों को आखिरकार नए कुलगुरु मिल गए हैं। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने तीन साल या 70 वर्ष की आयु तक नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने सात विश्वविद्यालयों के लिए नए कुलगुरुओं की नियुक्ति की है। शनिवार को जारी आदेशों में राज्य सरकार के परामर्श से यह नियुक्तियां की गईं। इससे लंबे समय से खाली पड़े कई प्रमुख विश्वविद्यालयों के शीर्ष पद अब भर गए हैं।

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इन विश्वविद्यालयों को मिले कुलगुरु

राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय, कोटा में डॉ. बिमला डूंकवाल, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर में डॉ. वीरेंद्र सिंह जेतावत, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में प्रो. पुष्पेंद्र सिंह चौहान, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में डॉ. प्रताप सिंह, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में प्रो. पवन कुमार शर्मा, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में प्रो. गोविंद सहाय शुक्ला और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में प्रो. निमित रंजन चौधरी को कुलगुरु नियुक्त किया है। 

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कार्यकाल और शर्तें

राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक कुलगुरु का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। यदि किसी कुलगुरु की आयु तीन वर्ष की अवधि से पहले 70 वर्ष पूरी हो जाती है, तो उनका कार्यकाल वहीं समाप्त माना जाएगा। यह प्रावधान राजस्थान विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत किया गया है, ताकि प्रशासनिक और शैक्षणिक स्थिरता बनी रहे।

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राज्यपाल की भूमिका, सरकार का परामर्श

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने इन नियुक्तियों को राज्य सरकार के परामर्श से जारी किया है। कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल विश्वविद्यालयों के सर्वोच्च पदाधिकारी हैं और सभी नियुक्तियां संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार की गई हैं। इन आदेशों के जारी होने से उच्च शिक्षा विभाग में लंबे समय से चली आ रही रिक्तियों को पूरा किया जा सका है।

उच्च शिक्षा में नई ऊर्जा की उम्मीद

राजस्थान के सात विश्वविद्यालयों में कुलगुरुओं की नियुक्ति से शिक्षाविदों ने राहत की सांस ली है। लंबे समय से इन संस्थानों में कार्यवाहक कुलगुरु या अतिरिक्त प्रभार पर अधिकारी काम कर रहे थे। अब नियमित नियुक्ति से अकादमिक और प्रशासनिक निर्णयों में तेजी आने की उम्मीद है।

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कृषि-तकनीकी शिक्षा पर फोकस

इस बार जिन विश्वविद्यालयों को कुलगुरु मिले हैं, उनमें कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय प्रमुख हैं। राजस्थान जैसे कृषि प्रधान राज्य में इन विश्वविद्यालयों की भूमिका अहम है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नियुक्तियां प्रदेश में रिसर्च, नवाचार और रोजगारपरक शिक्षा को नया आयाम देंगी।

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शैक्षणिक नेतृत्व को नई दिशा

नवनियुक्त कुलगुरुओं में अधिकांश वरिष्ठ शिक्षाविद हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनकी नियुक्ति से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी। राज्यपाल के निर्णय से शिक्षा जगत में सकारात्मक संदेश गया है।

FAQ

1. राजस्थान के किन विश्वविद्यालयों को नए कुलगुरु मिले हैं?
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने सात विश्वविद्यालयों में कुलगुरु नियुक्त किए हैं, जिनमें कोटा, जोधपुर, उदयपुर और जोबनेर के कृषि, तकनीकी और आयुर्वेद विश्वविद्यालय शामिल हैं।
2. कुलगुरुओं का कार्यकाल कितना होगा?
हर कुलगुरु का कार्यकाल कार्यभार ग्रहण की तिथि से तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक मान्य रहेगा, जो भी पहले हो।
3. इन नियुक्तियों का क्या महत्व है?
लंबे समय से कई विश्वविद्यालयों में कुलगुरु के पद रिक्त थे। इन नियुक्तियों से उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रशासनिक स्थिरता और शैक्षणिक प्रगति की उम्मीद है।

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