एक्शन में प्रशासन : सिलीसेढ़ झील के भराव क्षेत्र में बने 10 होटल सील, बिना कन्वर्जन के हो रहा था अवैध निर्माण

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सिलीसेढ़ झील के अवैध होटलों पर कार्रवाई। बिना कन्वर्जन के बने 10 होटलों को सील किया गया। प्रशासन ने उठाया कदम, शुरू की बड़ी कार्रवाई। आगे भी जारी रहेगा एक्शन।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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सुनील जैन @ अलवर

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सिलीसेढ़ झील को पर्यटकों के बीच अपनी खूबसूरती के लिए खास पहचान मिली हुई है। हालांकि इस झील के भराव क्षेत्र में अवैध रूप से बने आलीशान रिसॉर्ट और होटलों ने इसके प्राकृतिक सौंदर्य को नुकसान पहुंचाया है। प्रशासन ने अब इस पर सख्त कदम उठाते हुए 10 होटलों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई होटल मालिकों द्वारा बिना लैंड कन्वर्जन के होटल चलाने पर की गई है।

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अवैध निर्माण पर प्रशासन सख्त

इन होटलों में शामिल प्रमुख नामों में देसी ठाठ रिसॉर्ट, मेधावन, द जंगल लेप, नमन बाग और फतेहगढ़ फार्म हैं। इन होटलों पर कार्रवाई के दौरान यूआईटी के दस्ते ने इन होटलों के गार्ड रूम को भी तोड़ा। इन होटलों में रुकने वाले मेहमानों और शादी समारोहों में आए लोग इस अचानक हुई कार्रवाई से परेशान हो गए। खासकर शादी का सीजन होने के कारण कई लोग झील के पास शादी समारोह के लिए रुके थे।

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लंबे समय से मिल रही थी शिकायतें

पिछले एक साल से इन होटलों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। सरकारी अफसरों की मिलीभगत से यह अवैध निर्माण कई वर्षों से चलता आ रहा था। पहले भी इस मामले में कार्रवाई की गई थी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। आखिरकार यूआईटी प्रशासन ने गुरुवार को इन होटलों को सील करने का कदम उठाया।

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सिलीसेढ़ झील का ऐतिहासिक महत्व

सिलीसेढ़ झील राजस्थान की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक मानी जाती है। इसके आस-पास कई नामी रिसॉर्ट और होटल स्थित हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश को बिना लैंड कन्वर्जन और लाइसेंस के बनाया गया है। इनमें से कई रिसॉर्ट झील के भराव क्षेत्र में स्थित हैं। ये पूरी तरह अवैध रूप से बने हुए हैं। इनको कृषि भूमि पर निर्मित किया गया है। बिना जरूरी अनुमति के ये रिसॉर्ट वर्षों से चल रहे थे।

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कार्रवाई के बाद प्रशासन की प्रतिक्रिया

यूआईटी ने इन अवैध होटलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। अधिकारियों के अनुसार, रिसॉर्ट के मालिक को पहले दो-तीन बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद नगर निगम की टीम ने इन होटलों को सील कर दिया और मेहमानों को बाहर निकाला। प्रशासन ने साफ किया कि जब तक आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाएंगे, इन होटलों को सील रखा जाएगा।

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अवैध निर्माण पर सख्ती की आवश्यकता

इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पर्यावरण और ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अवैध निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई करना जरूरी है। सिलीसेढ़ झील जैसे ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों की सुरक्षा के लिए सरकार को और भी कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। इस मामले में प्रशासन ने अपनी भूमिका निभाते हुए अवैध निर्माण पर उचित कार्रवाई की है, जो अन्य स्थानों के लिए एक आदर्श बन सकता है।

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सिलीसेढ़ झील पर की गई कार्रवाई

10 होटल सील : सिलीसेढ़ झील के पास बने अवैध होटलों की सील की गई।
कन्वर्जन नहीं हुआ : होटल मालिकों ने बिना लैंड कन्वर्जन के होटल चलाए।
जेसीबी का इस्तेमाल : अतिक्रमण हटाने के लिए आधा दर्जन जेसीबी की मदद ली गई।
अधिकारियों के आदेश : होटल मालिकों को दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया।

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