जमीन-मकानों की रजिस्ट्री में सरकार को करोड़ों का चूना, पकड़े जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

राजस्थान के सीकर और झुंझुनूं में करोड़ों रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी। दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं। राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से कार्रवाई की मांग की।

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Amit Baijnath Garg
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राजस्थान के सीकर और झुंझुनूं जिलों में जमीनों और मकानों की रजिस्ट्री में अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा है। मामले में शिकायत करने के बाद डीआईजी स्टांप तथा एडीएम झुंझुनूं की जांच में तीन से चार करोड़ रुपए की स्टांप चोरी के मामले पता भी चल गए थे। 

दोषी अफसरों और कर्मचारियों को सेवा नियमों के तहत नोटिस भी दिए गए, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। मामले में पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने राजस्थान हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की और अदालत से मामले में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने की गुहार की थी। 

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सरकार को भी लगाई थी फटकार 

एडवोकेट टीएन शर्मा ने बताया कि सरकार ने अदालत को जांच में दोषी पाए गए अफसरों और कर्मचारियों को 16 सीसी और 17 सीसी के नोटिस देकर विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू करने की जानकारी दी थी। इस पर अदालत ने एक ही किस्म की गड़बड़ी में अलग-अलग मापदंड अपनाने पर राजस्थान सरकार को फटकार भी लगाई थी। इसके बाद इन 16 सीसी और 17 सीसी के नोटिसों के तहत शुरू हुई विभागीय जांच का क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं है। 

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स्टांप ड्यूटी की चोरी

एडवोकेट टीएन शर्मा ने बताया कि सीकर और झुंझुनूं जिले में उप-रजिस्ट्रार ऑफिस ने कमर्शियल बिल्डिंगों को रेजिडेंशियल बताकर रजिस्ट्री करके स्टांप ड्यूटी की चोरी की थी। इसके अतिरिक्त ऐसी एग्रीकल्चर जमीन जिस पर आवासीय योजना बनाकर डवलप की जा रही थीं, उन्हें एग्रीकल्चर बताकर रजिस्ट्री करके स्टांप ड्यूटी की चोरी की। इस प्रकार के अनेक मामलों की शिकायत होने के बाद डीआईजी स्टांप वंदना खोरवाल ने एक जुलाई, 2020 से 8 जुलाई, 2020 तक जांच की थी। 

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दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

जांच में साल 2015 से 2020 तक स्टांप ड्यूटी चोरी के अनेक मामले पकड़ में आए थे। इसके अतिरिक्त अतिरिक्त जिला कलेक्टर झुंझुनूं की जांच में ऐसे अन्य मामले पकड़ में आए थे। इस प्रकार सीकर और झुंझुनूं जिलों में ही तीन से चार करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी की चोरी का पता चला था, लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद भी दोषी अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। 

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कोर्ट ने पूछा-केस दर्ज किए या नहीं? 

जांच में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने  जनहित याचिका दायर कर मामले में कार्रवाई की मांग की है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। अदालत में ​अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ शुरू की गई विभागीय जांच का अंतिम परिणाम पेश करने के साथ ही यह भी बताने को कहा है कि क्या दोषी अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामले दर्ज किए हैं या नहीं?

FAQ

Q1: सीकर और झुंझुनूं में स्टांप ड्यूटी चोरी के क्या मामले सामने आए थे?
सीकर और झुंझुनूं में उप-रजिस्ट्रार ऑफिस ने रेजिडेंशियल और कमर्शियल संपत्तियों को गलत तरीके से रजिस्ट्री कर के स्टांप ड्यूटी की चोरी की थी। इसके अलावा, कृषि भूमि को आवासीय भूमि बताकर रजिस्ट्री की गई थी।
Q2: राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से क्या पूछा है?
राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से यह पूछा है कि क्या दोषियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून (Prevention of Corruption Act) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं या नहीं।
Q3: इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की गई है?
जांच में कई मामले सामने आए थे, लेकिन जांच रिपोर्ट के बाद भी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

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