राजस्थान में निकाय व पंचायत चुनाव मई में ही संभव, वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत होंगे चुनाव

राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर चल रही सियासत के बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने साफ किया कि अब नगर निकाय के चुनाव मई में ही संभव हैं। SIR कार्यक्रम के चलते चुनाव अभी करवाना संभव नहीं है।

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Rakesh Kumar Sharma
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jhabar singh kharra

Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पंचायत और निकाय चुनाव की बदलती तारीख पर भाजपा सरकार को घेर रही है।

पहले दिसंबर, फिर जनवरी में चुनाव की बात करने वाली भजनलाल सरकार की मंशा पर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार हार के डर से चुनाव आगे से आगे खिसका रही है।

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निकाय के चुनाव मई में ही संभव

पंचायत और निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर चल रही सियासत के बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने साफ किया कि अब नगर निकाय के चुनाव मई में ही संभव हैं। खर्रा ने कहा कि सरकार की तरफ से सभी तैयारी पूरी है, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के SIR कार्यक्रम के चलते चुनाव अभी करवाना संभव नहीं है। अब नगर निकाय के चुनाव मई में ही होंगे।

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चुनाव की तैयारी पूरी 

यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा कि स्वायत्त शासन विभाग और राजस्थान सरकार के स्तर पर जितना काम होना था, वह सितंबर में पूरा हो चुका है। नगर निकाय की सीमा विस्तार का काम पूरा हो चुका है। उसके लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है।

नगर निकाय के वार्डों का परिसीमन और पुनर्गठन का काम भी पूरा हो चुका है। उसका भी नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। उन्होंने कहा कि स्वायत्त शासन विभाग और सरकार के स्तर पर ऐसा कोई काम बाकी नहीं है, जिससे कि चुनाव में कोई बाधा उत्पन्न हो।

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दो काम शेष, उसके होते ही चुनाव

खर्रा ने कहा कि दो काम बाकी हैं, जिसमें एक सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को निकायवार पिछड़ा वर्ग के आंकड़े एकत्रित करने हैं, दूसरा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के आधार पर लॉटरी निकालने का काम बचा है।

आयोग ने आश्वस्त किया था कि सर्वे का काम सितंबर में पूरा हो जाएगा, उसी आधार पर सरकार ने दिसंबर में चुनाव करने की बात कही थी, लेकिन अब निर्वाचन आयोग ने SIR का कार्यक्रम जारी कर दिया। इसके चलते नगर निकाय के चुनाव अभी नहीं करवा सकते हैं।

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पुरानी सूची से मतदान नहीं करा सकते 

एसआईआर तहत अब पुरानी मतदाता सूची से मतदान कराने की कोई वैधानिक सत्यता नहीं रहेगी। SIR कार्यक्रम के पूर्ण होने का इंतजार करना ही पड़ेगा। मंत्री खर्रा ने कहा कि विभाग और सरकार के स्तर पर किसी तरह की कोई तैयारी पेंडिंग नहीं है, लेकिन ये कटु सत्य है कि जब तक SIR का कार्यक्रम चलेगा, नगर निकाय के चुनाव संभव नहीं हैं। 

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परीक्षाओं में नहीं करा सकते चुनाव

हम ये मान सकते हैं कि 15 फरवरी तक विशेष मतदाता पुनरीक्षण का कार्यक्रम पूरा हो जाए, लेकिन 15 फरवरी से 15 अप्रैल तक अलग-अलग स्कूलों के बच्चों की परीक्षाएं होंगी। फरवरी से अप्रैल तक स्कूल और कॉलेज में परीक्षाओं का समय होता है।

किसी भी तरह के चुनाव कराने के लिए सबसे ज्यादा मैनपावर शिक्षा विभाग की काम में आती है। वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव अब मई में ही संभव हैं।

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