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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से आने वाले आईएएस हरेन्द्र नारायण की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की। सीखने की ललक और सपनों को साकार करने की जिद ने उन्हें सिविल सेवा की राह पर आगे बढ़ाया।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
हरेन्द्र नारायण के पिता रेलवे कर्मचारी थे और माता ग्रहणी। उनकी पत्नी गृहिणी हैं और दो छोटे बच्चे हैं। उनकी स्कूली शिक्षा फिरोजाबाद में ही हिंदी मीडियम स्कूल से पूरी हुई।
कभी कैट की कोचिंग में पढ़ाते थे
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. बी.आर. आंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीई किया। इसके बाद कुछ समय तक उन्होंने टाइम और कैरियर लॉन्चर जैसे कोचिंग संस्थानों में CAT की तैयारी कराने वाले शिक्षक के रूप में भी काम किया।
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बैंक में दो साल काम करने के बाद शुरू की यूपीएससी की तैयारी
कोचिंग पढ़ाने में मन नहीं लगा तो हरेन्द्र ने बैंक की तैयारी की। लगभग दो साल बैंकिंग सेक्टर में काम किया। लेकिन, वे बताते हैं कि दिल से मुझे हमेशा लगता था कि मैं सिस्टम के भीतर जाकर बदलाव लाना चाहता हूँ। बैंक में काम करते हुए भी मेरा मन समाजसेवा की ओर खिंचता था। इसलिए तय किया कि आईएएस बनना है। 2013 में उनका चयन रेलवे पर्सनल सर्विस में हुआ, और 2014 में रेलवे ट्रैफिक सर्विस के लिए भी चुने गए। एक बार और कोशिश की और 2015 में चौथे प्रयास में उनका चयन आईएएस में हो गया।
पिता से मिली प्रेरणा
आईएएस हरेंद्र नारायण बताते हैं कि मैंने आईएएस बनने से पहले कई नौकरियां की लेकिन ज्यादा दिन किसी में भी मन नहीं लगता था। मेरे पिताजी ने एक बार मुझसे कहा था कि जब तक यूपीएससी क्लियर नहीं करोगे तुम्हें किसी नौकरी में खुशी नहीं मिलेगी। हमेशा यही मेरे दिमाग में रहता था और इसलिए मैंने तय किया कि एक बार यूपीएससी की तैयारी तो करना है।
छोटे-छोटे गोल रखते थे
हरेंद्र बताते हैं कि मैं हमेशा छोटे गोल रखता था और जब उनमें सफलता मिलती थी तो खुशी होती थी। ग्रेजुएशन तक मुझे यूपीएससी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जो मिलता गया उनमें अपना अच्छा परफॉर्म करता गया। इसलिए मुझे कभी निराशा नहीं होती थी।
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हिन्दी मीडियम से की पढ़ाई
आज लोग सोचते हैं कि हिन्दी मीडियम से पढ़ने वालों के लिए यूपीएससी पास करना आसान नहीं है। लेकिन हरेंद्र कहते हैं उन्हें कभी भी इस तरह की कोई दिक्कत नहीं आई। यहाँ तक कि उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा भी अंग्रेजी में ही दी। हां, इंटरव्यू के दौरान उन्हें इस बात का एहसास जरूर हुआ क्योंकि अंग्रेजी में कम्युनिकेशन में उन्हें दिक्कत हो रही थी।
खुद अपना मार्गदर्शक बनें
किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए आपको खुद को पहचानना जरूरी है। लोग सिर्फ गाइड कर सकते हैं बाकी सब आपको खुद ही करना है। पढ़ने की आदत डालिए, खुद अपना मार्गदर्शक बनिए। वे कहते हैं कि हर व्यक्ति में क्षमता होती है, बस ‘सेल्फ-डाउट’ को दूर कर अपनी शामताओं को पहचानें।
ज्यादा डिटेल में जाने की जरूरत नहीं
अपने अनुभव शेयर करते हुए वो कहते हैं कि हर विषय का थोड़ा ज्ञान रखें, रिसर्चर मत बनिए। यूपीएससी की परीक्षा सिलेबस बहुत ज्यादा है। इसमें हर विषय के बारे में पूछा जाता है। इसलिए कोशिश करें हर चीज के बारे में आपको जानकारी हो, हां बहुत ज्यादा जानने की जरूरत नहीं है। याद रखें आपको परीक्षा पास करनी है, रिसर्च नहीं।
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दोस्तों के साथ घूमने का है शौक
हरेन्द्र नारायण बताते हैं उन्हें ग्याहरवीं से ही दोस्तों के साथ घूमना पसंद है। उनके साथ अलग-अलग विषयों पर बात करना अच्छा लगता है और वो आज भी इस बात को मिस करते हैं क्योंकि अब काम के साथ उन्हें समय नहीं मिल पाता है।
विवादों में भी घिरे
भोपाल में अपने कार्यकाल के दौरान हरेन्द्र नारायण कई बार राजनीतिक विवादों में घिरे। सांसद आलोक शर्मा, मंत्री विश्वास सारंग और विधायक भगवानदास सबनानी ने उनके फोन न उठाने और जनसंपर्क में कमी पर नाराज़गी जताई। एक आगजनी की घटना के दौरान फायर ब्रिगेड की देरी ने विवाद को और भड़का दिया। इस पर हरेन्द्र नारायण का कहना था कि प्रशासन में संवाद की कमी कई बार गलतफहमियां पैदा करती है। मेरा उद्देश्य हमेशा जनता की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना रहा है। मैं आलोचना को सुधार का अवसर मानता हूँ। उनके खिलाफ EOW में शिकायत भी दर्ज की गई थी।
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करियर एक नजर
नाम: आईएएस हरेन्द्र नारायण
जन्म: 01-01-1983
जन्मस्थान: फिरोजाबाद, उत्तरप्रदेश
बैच: 2016
कैडर: मध्यप्रदेश
पदस्थापना
वर्तमान में वो छिन्दवाड़ा के कलेक्टर हैं। आईएएस बनने के बाद हरेन्द्र नारायण ने मध्य प्रदेश के दो अनुविभागों में बतौर एसडीएम और बाद में एडिशनल कलेक्टर भोपाल के रूप में कार्य किया। भोपाल नगर निगम के कमिश्नर और मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में अतिरिक्त प्रबंध संचालक के रूप में पदस्थ थे। हरेन्द्र नारायण धार में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं।
देखें आईएएस हरेन्द्र नारायण का सर्विस रिकॉर्ड: Updated November 2
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