विनम्रता लेकिन दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने वाले अधिकारी हैं आईएएस अभिजीत अग्रवाल

पारंपरिक बिजनेस फैमिली से आने वाले अभिजीत अग्रवाल ने पारिवारिक राह छोड़कर अपनी अलग पहचान बनाने का फैसला किया। आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा को अपना लक्ष्य बनाया और तीसरे प्रयास में आईएएस बनकर अपने सपने को हकीकत में बदला।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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IAS Abhijeet Agrawal
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मध्य प्रदेश कैडर के 2010 बैच के अधिकारी आईएएस अभिजीत अग्रवाल अपनी सख्त लेकिन संवेदनशील कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद उन्होंने कॉर्पोरेट क्षेत्र में जाने की जगह प्रशासन का रास्ता चुना। आज वो कई युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

इंजीनियरिंग के साथ की UPSC की तैयारी 

अभिजीत अग्रवाल का जन्म झारखंड में एक पारंपरिक मारवाड़ी बिजनेस फैमिली में हुआ। वहीं से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। व्यापारिक माहौल में रहते हुए उन्हें व्यापार संभालने की प्रेरणा दी गई थी। लेकिन उनकी कभी भी बिजनेस में रुचि नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना। बारहवीं के बाद वे कोटा पहुंचे, जहां से आईआईटी की तैयारी की। उनका चयन आईआईटी कानपुर में हुआ। यह फैसला उनके जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। आईआईटी कानपुर मैं पहुंचते ही उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी करने का मन बना लिया था। उनके लिए आईआईटी केवल एक डिग्री नहीं, बल्कि सिविल सेवा की दिशा में कदम था। 

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तीसरे प्रयास में मिली सफलता

अभिजीत अग्रवाल का तीसरे प्रयास में 2010 में आईएएस में चयन हुआ। इसके पहले 2009 में उनका इंडियन फारेस्ट सर्विसेज में चयन हुआ था। उनके वैकल्पिक विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री थे। अपनी स्ट्रेटेजी के बारे में बात करते हुए अभिजीत कहते हैं उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत नोट्स तैयार करने में की थी। इन्हीं को पढ़कर उन्हें सफलता मिली। यहां तक कि कई दूसरे प्रत्याशियों ने भी उनके नोट्स से पढ़कर यूपीएससी क्लियर किया।

संघर्ष से मिली मजबूती

अभिजीत अग्रवाल बताते हैं कि जब वे कोटा में पढ़ाई कर रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि पिता को गोली मार दी गई है। उस घटना ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया, लेकिन यही पीड़ा उनकी मजबूती बन गई। वो कहते हैं उस समय मैंने ठान लिया कि अब पीछे मुड़कर नहीं देखना है, मेहनत और भी ज्यादा करनी है। उनकी पत्नी गृहिणी हैं और दो बच्चे हैं।

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काम ही पूजा है

अभिजीत अग्रवाल का जीवन मंत्र है- कर्म ही ईश्वर है। वे कहते हैं कि अगर हम जिस काम में हैं, उसमें तन्मयता से मेहनत करें, तो वही सबसे बड़ी पूजा है। इसी वजह से वो हर काम पॉजिटिव माइंडसेट के साथ करते हैं। वे मानते हैं कि नेगेटिविटी कभी भीतर जगह नहीं लेनी चाहिए। अगर आप सकारात्मक सोच के साथ काम करते हैं, तो हर असंभव चीज भी संभव हो जाती है।

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कॉफी के हैं शौक़ीन

आईएएस अभिजीत कॉफी के शौक़ीन हैं। उन्हें कॉफी के बारे में पढ़ना और नए कैफे एक्सप्लोर करना पसंद है। इसके अलावा उन्हें कुकिंग का भी शौक है, इसलिए जब भी समय मिलता है वो कुकिंग करते हैं।

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प्लान बी रखना जरूरी

सिविल सेवा की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को संदेश देते हुए अभिजीत कहते हैं- पॉजिटिव सोच रखिए, परिवार को विश्वास में लीजिए और मेहनत कीजिए। अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट है, तो राह खुद बन जाएगी। आप बस अपना बेस्ट दीजिए। वे मानते हैं कि हर व्यक्ति के पास एक प्लान बी भी होना चाहिए ताकि अगर लक्ष्य न भी मिले, तो आत्मविश्वास बना रहे।

करियर एक नजर 

नाम: आईएएस अभिजीत अग्रवाल 

जन्म: 2-6-1981

जन्म स्थान: झारखंड 

एजुकेशन: बी टेक 

बैच: 2010

पदस्थापना 

अभिजीत अग्रवाल वर्तमान में आबकारी कमिश्नर (Excise Commissioner MP) के पद पर कार्यरत हैं। इसके पहले वो टीकमगढ़ और श्यौपुर के कलेक्टर रह चुके हैं। वो अनुसूचित-जनजाति कल्याण में अपर आयुक्त, होशंगाबाद जिला पंचायत सीईओ और मैहर एसडीएम के पद पर काम कर चुके हैं। 

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देखें अभिजीत अग्रवाल का सर्विस रिकॉर्ड 

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आबकारी कमिश्नर अभिजीत अग्रवाल की आईआईटी से आईएएस तक की यात्रा केवल प्रशासनिक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, पारिवारिक मूल्यों और कर्मनिष्ठा की मिसाल है।

FAQ

आईएएस अभिजीत अग्रवाल कौन हैं और वे किस कैडर से हैं?
अभिजीत अग्रवाल 2010 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे अपनी सख्त लेकिन संवेदनशील कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं और वर्तमान में राज्य प्रशासन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
अभिजीत अग्रवाल की शैक्षणिक पृष्ठभूमि क्या है?
न्होंने आईआईटी कानपुर से बी.ई. (इंजीनियरिंग) की डिग्री प्राप्त की। वहीं पढ़ाई के दौरान उन्होंने सिविल सर्विस में जाने का निर्णय लिया और इंजीनियरिंग के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
अभिजीत अग्रवाल को आईएएस बनने में कितने प्रयास लगे?
न्होंने तीसरे प्रयास में (2010) आईएएस परीक्षा पास की। इससे पहले, 2009 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) में हुआ था।
आईएएस अभिजीत अग्रवाल का जीवन मंत्र क्या है?
उनका जीवन मंत्र है — “कर्म ही ईश्वर है।” वे मानते हैं कि जिस काम में आप हैं, उसमें पूर्ण तन्मयता और सकारात्मक सोच से मेहनत करें — वही सबसे बड़ी पूजा है।
सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के लिए अभिजीत अग्रवाल की क्या सलाह है?
वे युवाओं से कहते हैं कि तैयारी के दौरान सकारात्मक सोच रखें, परिवार को विश्वास में लें और हमेशा एक ‘प्लान बी’ तैयार रखें। उनके अनुसार, “अगर लक्ष्य स्पष्ट है और मेहनत सच्ची है, तो राह अपने आप बन जाती है।”




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