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अगर इरादे मजबूत हों तो कठिन परिस्थितियां भी लक्ष्य को पाने से रोक नहीं सकतीं। इसी कहावत को सही साबित किया है बिहार के नवादा जिले की आईएएस अर्चना कुमारी ने। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और अटूट इच्छाशक्ति के दम पर UPSC 2020 में 110वीं रैंक हासिल की। आज वे मध्यप्रदेश कैडर की एक प्रतिबद्ध और सशक्त IAS अधिकारी हैं।
साधारण पृष्ठभूमि से UPSC तक का सफर
IAS Archana Kumari बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होनहार रही हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर, राजगीर में हुई। बाद में 11वीं–12वीं के लिए वे दिल्ली आईं और आर.के. पुरम से शिक्षा पूरी की।
उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वूमेन से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अर्थशास्त्र में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया।
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तैयारी के दौरान हुआ मां का निधन
आईएएस अर्चना के पिता राजेंद्र प्रसाद, मध्य विद्यालय डोहरा के रिटायर्ड प्रधानाध्यापक हैं। उनकी मां पार्वती देवी का निधन UPSC की तैयारी के दौरान हो गया।
यह क्षति अर्चना के लिए बड़ा सदमा था, लेकिन पिता और बहनों के संबल ने उन्हें टूटने नहीं दिया। अर्चना पांच बहनों में सबसे छोटी हैं। मां की स्मृति ही उनके लिए सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत बन गई।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
अर्चना कुमारी भले ही पहले दो प्रयास में आईएएस नहीं बन सकीं, लेकिन तीसरे प्यास में वो सफल रहीं। वैसे UPSC से पहले वे Indian Economic Service (IES) भी पास कर चुकी थीं, जहाँ उन्होंने AIR-16 प्राप्त की थी।
कृषि मंत्रालय में सहायक निदेशक के रूप में उन्हों कार्य भी किया। इससे पहले बीपीएससी की परीक्षा में भी छठा स्थान हासिल किया है।
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इंटरव्यू के समय कोरोना से लड़ी लड़ाई
आईएएस अर्चना को यूपीएससी के इंटरव्यू के दौरान कोरोना हो गया था। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। घर से ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया और इंटरव्यू की तैयारी जारी रखी।
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वनसेवा में हैं पति
UPSC की तैयारी के दौरान उनकी मुलाकात IFS अधिकारी विवेक सिंह से हुई। समान विचारधारा और समान लक्ष्य ने दोनों को करीब लाया। विवेक सिंह ने UPSC 2020 में AIR-34 हासिल कर भारतीय वन सेवा में सफलता हासिल की। दोनों ने साल 2024 में शादी की और अब एक बेटी के माता-पिता हैं। विवेक सिंह वर्तमान में उमरिया जिले में वन संरक्षक और वन प्रभागीय अधिकारी के पद पर तैनात हैं।
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मजबूत नींव ही देती है बड़ी सफलता
अर्चना का मानना है कि किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए 10वीं तक की पढ़ाई सबसे मजबूत आधार होती है। वे कहती हैं कि एकाग्रता, धैर्य, समर्पण और आत्मविश्वास, इन चार बातों के बिना UPSC में सफलता संभव नहीं है।
अपनी क्षमता पहचानकर आगे बढ़ें। एक बार जीवन में जो भी करने का तय कर लें, उसको पाने के लिए अपना सब-कुछ लगा दें।
सख्त अधिकारी
अर्चना कुमारी की पहचान एक ईमानदार और कर्मठ अधिकारी के रूप में है। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने सिहोरा में SDM के रूप में कार्य किया, जहाँ खनन डंपिंग यार्ड में अनियमितताओं की शिकायत पर उन्होंने खनन, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बनाकर जांच कराई।
EOW में हुई थी शिकायत
आईएएस अर्चना कुमारी पर भ्रष्टाचार को लेकर आरोप के चलते EOW में शिकायत हुई थी। उस समय वो शुजालपुर में एसडीएम के पद पर कार्यरत थीं। हालाँकि बाद में उन्हें इन आरोपों में क्लीनचिट मिल गई।
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सोशल मीडिया पर हैं काफी सक्रिय
अर्चना कुमारी और उनके पति विवेक सिंह दोनों सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। उनके इंस्टाग्राम पर करीब 10,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं और लोग उनकी प्रेरणादायक पोस्टों को काफी पसंद करते हैं। वे अक्सर अपनी तैयारी, UPSC रणनीति, जीवन मूल्यों और प्रशासनिक अनुभवों से युवाओं को सीख देती हैं।
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करियर एक नजर
नाम: अर्चना कुमारी
जन्मस्थान: नवादा, बिहार
एजुकेशन: एमए अर्थशास्त्र
बैच: 2021
कैडर: मध्य प्रदेश
पदस्थापना
IAS अर्चना कुमारी अनूपपुर जिला पंचायत में CEO और अपर कलेक्टर के रूप में सेवाएँ दे रही हैं। वो एसडीओ शुजालपुर भी रह चुकी हैं।
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Social Media Accounts of IAS Archana Kumari
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अर्चना कुमारी की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों के सामने हार मान लेते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हर परेशानी को अवसर में बदला, और इसी सोच ने उन्हें अपनी मंज़िल तक पहुँचाया।
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