भोपाल. सिर्फ कुर्सी पर बैठकर आदेश देना ही प्रशासन नहीं होता, जमीन पर उतरकर लोगों की जिंदगी बदलना असल नेतृत्व है। यह बात आईएएस भव्या मित्तल पर सटीक बैठती है। संवेदनशीलता, सख्ती और समाज के प्रति गहरी समझ... इन तीन गुणों के संगम से भव्या मित्तल मध्यप्रदेश की चर्चित युवा आईएएस अफसरों में गिनी जा रही हैं।
दिल्ली में जन्मी भव्या मित्तल 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने नीमच में जिला पंचायत सीईओ, धार में एसडीएम और इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त जैसे अहम पदों पर काम किया। फिर उनके जीवन में आया वो पल, जिसे हर आईएएस अफसर जीना चाहता है। यानी बतौर कलेक्टर भव्या की पहली पोस्टिंग बुरहानपुर में हुई। उन्होंने जिले में 'एक युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान छेड़ा। स्कूलों में प्रहरी समूह, हॉटस्पॉट एरिया में जागरूकता पोस्टर और बाल गृहों के आसपास निगरानी जैसे उपाय उन्होंने खुद फील्ड में जाकर लागू कराए।
वहीं दूसरी ओर, वे बच्चों की सबसे प्रिय टीचर भव्या मैम भी हैं। एक दिन वे खुद स्कूल चलें अभियान के तहत स्कूल में शिक्षक बनकर पहुंचीं और विद्यार्थियों को पढ़ाई की प्रेरणा दी। उन्होंने छात्राओं को प्रशासनिक सेवाओं के बारे में बताया और अपनी कहानी साझा कर उन्हें यह यकीन भी दिलाया कि कोई भी लड़की अगर ठान ले तो आईएएस बन सकती है।
इंग्लिश बोलो पोस्टर पर सख्ती
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आईएएस भव्या मित्तल को जब पता चला कि बुरहानपुर में ही अंग्रेजी शराब की दुकान पर 'दिन में इंग्लिश बोलना सीखें' जैसा पोस्टर चिपका है, तो वे भड़क उठीं। उन्होंने पोस्टर हटवाया और यह साफ किया कि अंग्रेजी सीखना गलत नहीं है, पर उसका प्रचार ऐसे स्थानों से नहीं होना चाहिए, जो सामाजिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी सुभाष काकड़े को आंगनवाड़ी सहायिका की भर्ती के लिए ₹10,000 की रिश्वत मांगने के आरोप में चपरासी के पद पर डिमोट कर दिया।
खुद जंगल में उतरीं
यही नहीं, एक बार तो वे खुद जंगल में उतर गईं। दरअसल, पता चला कि बुरहानपुर अंचल के घाघरला क्षेत्र में बाहरी अतिक्रमणकारी आ बसे हैं। उन्होंने खुद पगडंडियों के रास्ते छह किलोमीटर पैदल चलकर टीम के साथ स्थिति का जायजा लिया। वहां अतिक्रमणकारियों के रात बिताने के सबूत मिले। भव्या मित्तल ने संवाद का रास्ता अपनाया, पुलिस को परिजनों से संपर्क करने के निर्देश दिए और कुछ ही समय में अतिक्रमणकारी वहां से हट गए। इसके बाद उन्होंने स्थायी वन चौकी बनवाने के निर्देश दिए ताकि यह स्थिति दोबारा न हो।
बुरहानपुर के सिर सजा ताज
आईएएस भव्या मित्तल को जब पहली बार जिले की कमान मिली तो उन्होंने इतिहास रच दिया। मध्यप्रदेश का बुरहानपुर जिला देश का पहला 'हर घर जल' सर्टिफाइड जिला बना और इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया। जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में बुरहानपुर ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि एक योजना का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि उन हजारों महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान थी, जो अब पानी के लिए मीलों नहीं चलतीं।
कॅरियर एक नजर
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नाम: भव्या मित्तल
जन्म दिनांक: 29-05-1990
जन्म स्थान: दिल्ली
एजुकेशन: M.Tech., B.Tech
बैच: 2014 आरआर (मध्यप्रदेश)
पदस्थापना
19 अप्रैल 2025 की स्थिति में भव्या मित्तल खरगोन कलेक्टर हैं। इससे पहले वे बुरहानपुर कलेक्टर रह चुकी हैं। वहीं, सहायक कलेक्टर सीधी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) धार, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागौद जिला सतना, अपर कलेक्टर राजगढ़, अपर आयुक्त इंदौर और जिला पंचायत सीईओ नीमच जैसे पदों पर भी काम किया है।
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