एक अफसर ऐसी भी...संस्कृति जैन ने तीन बार दिया UPSC का पेपर और तीनों बार मिली सफलता

IAS संस्कृति जैन ने कभी सिविल सर्विसेज को अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था। वे पीएचडी करने की योजना बना रही थीं, लेकिन दोस्तों की जिद ने उनकी राह बदल दी।

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सपनों की उड़ान तभी साकार होती है, जब जिद और जुनून उसे पंख देते हैं। मध्यप्रदेश की आईएएस अधिकारी संस्कृति जैन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। UPSC जैसी कठिन परीक्षा एक बार पास करना ही बड़ी बात होती है, लेकिन संस्कृति ने इसे तीन बार पास कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। तीसरी बार में उन्होंने ऑल इंडिया 11वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ खुद को बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया। उनके पति आशुतोष गुप्ता आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी तैनाती भी मध्यप्रदेश में है। 

संस्कृति जैन का जन्म श्रीनगर में हुआ। उनके माता-पिता भारतीय वायु सेना में थे, इसलिए उनका बचपन अलग-अलग राज्यों में बीता। पिता फाइटर पायलट और मां मेडिकल डिपार्टमेंट में थीं। यही वजह थी कि देश सेवा का जज्बा बचपन से ही उनके अंदर समाया हुआ था। उन्होंने गोवा से ग्रेजुएशन पूरा किया और आगे की पढ़ाई के लिए लेजिस्लेटिव असिस्टेंट टू मेंबर ऑफ पार्लियामेंट (LAMP) फेलोशिप की।

दोस्तों की जिद ने बदल दी राह

संस्कृति जैन ने कभी सिविल सर्विसेज को अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था। वे पीएचडी करने की योजना बना रही थीं, लेकिन दोस्तों की जिद ने उनकी राह बदल दी। उन्होंने पहली बार मजाक-मजाक में UPSC की परीक्षा दी और सफलता भी मिल गई, लेकिन उनका सपना IAS बनना था, इसलिए उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी और इस बार IRS (Indian Revenue Service) में चयनित हुईं। असली मंजिल तो अभी बाकी थी। लिहाजा, संस्कृति ने तीसरी बार UPSC की परीक्षा दी और पूरे देश को चौंकाते हुए ऑल इंडिया 11वीं रैंक हासिल कर ली। उन्होंने यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता।

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सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता...

संस्कृति के व्यक्तित्व की खासियत यह भी है कि वे प्रशासनिक कामकाज को संवेदनशीलता और अनुशासन के साथ संभालती हैं। जनता की परेशानियों को सुनना और उनका तत्काल समाधान निकालना उनकी कार्यशैली का अहम हिस्सा है। 

आईएएस संस्कृति जैन का कहना है, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। कड़ी मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी ही आपको अपने सपनों तक पहुंचा सकती है। वह युवाओं को प्रेरित करते हुए कहती हैं— अपने लक्ष्य पर फोकस करें, असफलताओं से घबराएं नहीं। हर असफलता आपको एक नया सबक सिखाती है, इसलिए हार न मानें। अगर मैं कर सकती हूं, तो आप भी कर सकते हैं।

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कैसी है कार्यशैली 

संस्कृति जैन की पहचान ऐसे अफसर के रूप में है, जिनके दरवाजे हर वक्त आम जनता के लिए खुले रहते हैं। किसानों की समस्याओं को समझने के लिए वे खुद खेतों में जाती हैं। उर्वरक, बीज व फसल से जुड़ी परेशानियों का समाधान करती हैं। सरकारी कार्यालयों और स्कूलों का औचक निरीक्षण करना उनकी आदत में शामिल है। एक बार जब वे सरकारी स्कूल पहुंचीं, तो बच्चों के नाटक में खुद ही शामिल हो गईं। संस्कृति जैन ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल कीं है। इसी के तहत उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए खुद स्कूलों का दौरा किया। पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने पहुंचीं, तो अपनी चप्पल क्लास के बाहर उतार दी, जिससे उनकी सादगी की खूब चर्चा हुई। महंगी किताबों और स्कूल फीस पर नियंत्रण लगाने के लिए निजी स्कूल संचालकों को तलब किया और अनावश्यक फीस वसूली पर रोक लगाई।

ये भी किए अनूठे काम 

रोजगार मेले का आयोजन करवाया, जिससे सैकड़ों युवाओं को नौकरियां मिलीं। महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया। स्कूलों में पौधारोपण अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने खुद बच्चों के साथ मिलकर पौधे लगाए। सरकारी कार्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया। 

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प्रोफाइल पर एक नजर 

नाम: संस्कृति जैन 
जन्म दिनांक: 14 फरवरी 1989
जन्म स्थान: श्रीनगर, जम्मू
एजुकेशन: बीई, एमएससी 
बैच: 2015 (मध्यप्रदेश)

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पदस्थापना

2015 बैच की IAS अधिकारी संस्कृति जैन 26 मार्च 2025 की स्थिति में मध्यप्रदेश के सिवनी जिले की कलेक्टर हैं। खास बात यह है कि वह इस जिले की पहली महिला कलेक्टर हैं। इससे पहले वे रीवा नगर निगम आयुक्त, सतना में अपर कलेक्टर, मऊगंज में SDM और अलीराजपुर व नर्मदापुरम में जिला पंचायत CEO के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं।

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