मप्र में एक माह चलेगी SIR प्रक्रिया: अगर अभी की वोटर लिस्ट में नहीं है आपका नाम तो करना होगा ये काम

Thesootr Prime में जानेंगे कि SIR प्रक्रिया में आप अपना नाम कैसे वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं। 4 नवंबर से एक महीने तक 11 दस्तावेजों की मदद से यह काम आसानी से हो सकता है।

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CHAKRESH
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चुनाव आयोग ने SIR- Special Summary Revision (स्पेशल समरी रिवीजन) के दूसरे चरण का एलान कर दिया है। बिहार के बाद अब 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इनमें अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुड्डचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

  • मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि SIR के दूसरे फेज की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू होगी। 
  • प्रिटिंग और ट्रेनिंग का काम 28 अक्टूबर 2025 से 3 नवंबर 2025 तक चलेगा। 
  • 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाई जाएगी। 
  • 9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट पेश किया जाएगा।
  • ड्राफ्ट सूची में कोई विवाद होने पर 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक का समय क्लेम और ऑब्जेक्शन के लिए रखा गया है। 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और वेरिफिकेशन फेज रखा गया है। सारी प्रक्रियाओं के बाद 7 फरवरी 2026 को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

SIR के लिए आवश्यक दस्तावेज

चुनाव आयोग ने एसआईआर में वोटर द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची भी जारी की है। अगर आपके पास ये दस्तावेज है, तो इन्हें आपको अपने बीएलओ को दिखाना होगा। जो लोग ये दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, SIR के बाद बनने वाली मतदाता सूची में उनका नाम आने में दिक्कत हो सकती है।

  1. केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर
  2. सरकारी/स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, LIC द्वारा जारी सर्टिफिकेट
  3. जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate)
  4. पासपोर्ट
  5. शैक्षणिक प्रमाणपत्र (Educational Certificate)
  6. स्थायी निवास प्रमाणपत्र (Permanent Residence Certificate)
  7. वन अधिकार सर्टिफिकेट (Forest Rights Certificate)
  8. जाति प्रमाणपत्र (Caste Certificate)
  9. एनआरसी (NRC)
  10. राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार किया गया फैमिली रजिस्टर
  11. जमीन या घर आवंटन प्रमाणपत्र (Land/House Allocation Certificate)

पहले समझते हैं SIR क्या है?

SIR यानी Special Intensive Revision (विशेष गहन पुनरीक्षण), चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की शुद्धता और लिस्ट अपडेट करने के लिए चलाया जाता है। इसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में घर-घर जाकर पात्र नागरिकों के वोटर रजिस्ट्रेशन की पुष्टि की जाती है। इसमें नए मतदाताओं को जोड़ने, मृत/अपात्र नागरिकों के नाम हटाने और गलतियों को सुधारने का अभियान चलता है।

SIR की मुख्य बातें

  • यह एक केंद्रित और समयबद्ध प्रक्रिया है, जिसमें बूथ लेवल अधिकारी (BLO) हर घर जाकर मतदाता पहचान, दस्तावेज़ और जानकारियों की गहन जांच करते हैं।

  • इसके तहत मतदाता सूची को सही, समावेशी और त्रुटिरहित बनाने का काम किया जाता है।

  • SIR की जरूरत इसलिए होती है कि सूची में पुराने, फर्जी या दोहरे नाम हटाए जा सकें। नए योग्य नागरिकों को जोड़ा जाए और सभी जरूरी सुधार किए जा सकें। इससे चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतांत्रिक होते हैं।

  • SIR खासकर उन इलाकों में होती है जहां जनसंख्या में बदलाव या बड़े चुनाव हैं, जैसे विधानसभा या लोकसभा चुनाव।

  • प्रक्रिया में डिजिटल पंजीकरण, ऑनलाइन आवेदन और नए तकनीकी उपायों का भी उपयोग किया जाता है ताकि नाम जोड़ना, हटाना या सुधार करना आसान और पारदर्शी हो।

SIR की चरणवार प्रक्रिया के बारे में समझिए

  1. सभी मतदाता एनुमरेशन फॉर्म भरते हैं।

  2. नागरिकता सिद्ध करने के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स जमा कराए जाते हैं (2003 के बाद रजिस्ट्रेशन पर दस्तावेज आवश्यक हैं)।

  3. सभी दस्तावेजों के आधार पर ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाती है।

  4. छूटे या किसी भी गलती के लिए दावे और आपत्तियां जमा करने की अवधि दी जाती है।

  5. ERO (Electoral Registration Officers) द्वारा दावों और आपत्तियों की जांच और निपटारा किया जाता है।

  6. और तय तारीख को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाती है।

एन्यूमरेशन फॉर्म की अनिवार्यता: प्रक्रिया व प्रश्नोत्तर

  • बीएलओ (Booth Level Officer) हर घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे और पुराने SIR (Special Summary Revision) सूची से घरवालों के नाम का मिलान करेंगे।
  • SIR की ऐतिहासिक सूची आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है, जिससे नाम सत्यापित किए जाते हैं।

क्या हर नागरिक को एन्यूमरेशन फॉर्म भरना जरूरी है?

  • हाँ, सभी नागरिकों को फॉर्म भरना अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति फॉर्म नहीं भरता, तो उसे स्थानीय निवासी नहीं माना जाएगा।

  • फॉर्म के आधार पर नाम नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल होता है, चाहे पुरानी वोटर लिस्ट में नाम हो या न हो।

क्या फॉर्म के साथ कोई दस्तावेज देना होगा?

  • एन्यूमरेशन फॉर्म के साथ दस्तावेज लगाना जरूरी नहीं है।

  • यदि आपका नाम पुराने SIR में नहीं मिलता, तो नोटिस मिलेगा।

  • ड्राफ्ट लिस्ट में नाम न होने पर आपको निर्धारित दस्तावेज़ से नागरिकता प्रमाणित कराना होगा।

  • अनुपस्थित, मृतक या डुप्लीकेट नाम आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाएंगे।

अगर नाम कट गया या आपत्ति है तो क्या करें?

  • नाम कटने पर नागरिकता प्रमाणित करना और आपत्ति/अपील करना संभव है।

  • सुनवाई के बाद नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी होगी।

यदि पुराने SIR में (2003) नाम है तो?

  • अगर पुराने SIR में आपका या माता-पिता का नाम है, तो दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी।

नए मतदाता या पता बदलना:

  • नया मतदाता बनने के लिए फॉर्म 6, घोषणा के लिए फॉर्म 7 और बदलाव के लिए फॉर्म 8 भरना जरूरी है।

  • ऑनलाइन आवेदन पर भी बीएलओ द्वारा सत्यापन किया जाएगा।

असम में SIR प्रक्रिया

  • असम राज्य में फिलहाल SIR लागू नहीं है।

  • वहां नागरिकता नियम अन्य राज्यों से अलग हैं। चुनाव आयोग अलग रिवीजन ऑर्डर व तिथि घोषित करेगा।

आगामी चुनावों का शेड्यूल:

  • 2026: बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, पुदुचेरी

  • 2027: उत्तर प्रदेश, गोवा, गुजरात

  • 2028: मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान

मध्यप्रदेश में SIR को लेकर क्या तैयारी है?

मध्यप्रदेश में SIR (Special Intensive Revision) को लेकर चुनाव आयोग ने व्यापक तैयारियां की हैं। इनमें कई नवाचार और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही वोटर लिस्ट का नवीनतम डेटा भी अपडेट किया जा रहा है।

SIR के लिए एमपी में क्या तकनीकी तैयारियां हैं?

मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल के जरिये अब नागरिक खुद भी मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

E-EPIC डाउनलोड की सुविधा सभी मतदाताओं को दी गई है, जिससे वे डिजिटल वोटर कार्ड आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश का नवीनतम वोटर डेटा

https://ceomadhyapradesh.nic.in के अनुसार मप्र में जनसंख्या और वोटिंग एज में तेजी से बदलाव आने के कारण 2025 में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 5.60 करोड़ के आसपास पहुंची है।
मतदाता सूची में अब नियमित अपडेट को प्राथमिकता दी जा रही है- नवयुवक वोटर, प्रवासी नागरिक और नये शादीशुदा महिला वोटर को जोड़ने को विशेष फोकस दिया गया है।

अंतिम मतदाता सूची जनवरी 2025 में प्रकाशित हुई थी। इसमें हर जिले के लिए ऑनलाइन विशेष सॉर्टिंग की गई है। अपने इलाके की लिस्ट आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी से देख सकते हैं:

https://ceomadhyapradesh.nic.in

मतदाता सूची से जुड़े मुख्य फॉर्म के बारे में जानिए

वोटर बनने, पता बदलने, विदेश में रहने वाले भारतीयों के रजिस्ट्रेशन, आपत्ति या सुधार के लिए कई फॉर्म्स हैं। आइए जानते हैं इन कब कौन सा फार्म उपयोग किया जा सकता है।

फॉर्म का नामउपयोग
Form 6नए मतदाता के जुड़ने या बाहर/विदेश से रजिस्ट्रेशन के लिए
Form 6Aविदेशों में रहने वाले भारतीय मतदाताओं के लिए
Form 7आपत्ति या किसी नाम को हटाने के लिए
Form 8किसी भी सुधार- नाम, एड्रेस, जन्मतिथि आदि बदलने के लिए
Form 8Aअस्थायी पता या स्थान परिवर्तन के लिए

वोटर नहीं, नागरिक बनें- यह काम जरूर करें

साफ और अद्यतन मतदाता सूची निष्पक्ष चुनाव के लिए आवश्यक है। SIR पर विपक्षी पक्ष और समर्थन दोनों हैं, लेकिन नागरिकों के लिए मुख्य जिम्मेदारी है:

  • प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची को अच्छी तरह जांचें।

  • आवश्यक होने पर सही फॉर्म में आवेदन करें।

  • नव-मतदाता या स्थान बदलने वाले अवश्य फॉर्म भरें।

  • सिविल सोसायटी और राजनीतिक दल गरीब, दिव्यांग, दलित एवं मोहल्ले के लोगों को प्रक्रिया में सहयोग दें।

  • आधार कार्ड समेत आवश्यक डॉक्युमेंट्स अपलोड करें।

  • विशेष सतर्कता पर बूथ लेवल ऑफिसर का नंबर अपने पास जरूर रखें, ताकि उसे अपडेट किया जा सके।

निष्कर्ष

Thesootr Prime की यह खबर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने में मददगार है। SIR और सभी फॉर्म्स से जुड़े दिशानिर्देशों की जानकारी नागरिकों को सशक्त बनाती है और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करती है। सभी तथ्य और दिशा-निर्देश चुनाव आयोग के आदेश, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और बिहार SIR रिपोर्ट के आधार पर दिए गए हैं।

स्रोत: चुनाव आयोग आदेश, सुप्रीम कोर्ट निर्देश, बिहार SIR रिपोर्ट, BLO उपस्थिती जानकारी

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