New Delhi. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर विवादों में है। 10 अप्रैल को यहां कावेरी हॉस्टल के छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई। ये विवाद रामनवमीं पर नॉनवेज खाने को लेकर शुरू हुआ था। देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। इसमें एबीवीपी और लेफ्ट संगठनों के 10 से ज्यादा छात्र घायल हो गए।
ये पहली बार नहीं है, जब देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू विवादों में घिरा हो। इसके पहले भी जेएनयू का विवादों से लंबा नाता रहा है। जेएनयू के लेफ्ट संगठनों पर कभी पाकिस्तान के समर्थन में मुशायरा तो कभी भारतीय जवानों की शहादत पर जश्न मनाने का आरोप लगा। कई बार हिंसात्मक घटनाएं हुईं। आइए जानते हैं कब-कब जेएनयू बड़े विवादों में रहा है...?
1. जब इंदिरा ने यूनिवर्सिटी बंद करने के आदेश दिए
बात 1980 की है। तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री हुआ करती थीं। जेएनयू में वामपंथी संगठन और राइट विंग के छात्रों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। ये विवाद इतना बढ़ गया कि 16 नवंबर 1980 से लेकर 3 जनवरी 1981 तक इसे बंद करना पड़ा था। इंदिरा गांधी ने खुद इसे बंद रखने के आदेश दिए थे। हालात पर काबू रखने के लिए जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) प्रेसिडेंट राजन जी को हिरासत में लेना पड़ा था। राजीव गांधी के जीवनी लेखक मिन्हाज मर्चेट के मुताबिक, जेएनयू का वामपंथ द्वारा उकसाई हिंसा का लंबा इतिहास है।
2. पाकिस्तान के समर्थन में मुशायरा कराने का आरोप
जेएनयू में 2000 में एक मुशायरे का आयोजन हुआ। इसमें कई गजलें पढ़ी गईं। आरोप है कि इस दौरान कई गजलें पाकिस्तान के समर्थन में भी पढ़ी गईं। तब वहां मौजूद सेना के दो जवानों ने इसका विरोध किया। इस पर मुशायरे का आयोजन करने वाले छात्र संगठन के नेताओं ने दोनों जवानों को बुरी तरह से पीटा। तब ये मामला बीजेपी सांसद बीसी खंडूरी ने संसद में भी उठाया था।
3. मनमोहन का विरोध
मामला 2005 का है। तब प्रधानमंत् रहे मनमोहन सिंह को जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाना था। तब भारत ने ईरान के एटमी प्रोग्राम को लेकर उस पर बैन लगाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया था। जेएनयू कैंपस में छात्रों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कहा जाता है कि इस दौरान प्रधानमंत्री का रास्ता भी रोकने की भी कोशिश हुई थी।
4. जवानों की शहादत पर जश्न मनाने का आरोप
मामला 2010 का है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमला हुआ। सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे। कांग्रेस के छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने आरोप लगाया कि लेफ्ट पार्टियों के छात्रों ने इसकी खुशी मनाने के लिए कैंपस में कार्यक्रम का आयोजन किया। यह भी दावा किया गया कि इस दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए।
5. महिषासुर बलिदान दिवस मनाने का आरोप
अक्टूबर 2014 की बात है। जेएनयू कैंपस में महिषासुर बलिदान दिवस नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आरोप लगे कि इस कार्यक्रम में पर्चे बांटे गए, जिसमें देवी दुर्गा के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। इसे लेकर विरोध हुआ और छात्रों के बीच काफी मारपीट हुई।
6. देश के टुकड़े करने के नारे लगाने का आरोप
जेएनयू से जुड़ा सबसे बड़ा विवाद 9 फरवरी 2016 का है। तब कैंपस में 2001 में भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की तीसरी बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में देशविरोधी नारे लगाने का आरोप लगा। इस पर खूब बवाल हुआ। इस नारेबाजी के कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें कुछ चेहरा ढके हुए छात्र देश विरोधी नारे लगा रहे थे। इसको लेकर छात्र गुट आपस में भिड़ गए थे।
11 फरवरी को टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर देश विरोधी नारे लगाने के वीडियो टेलीकास्ट हुए, जिसमें देशविरोधी नारे लगाने का मुख्य आरोप तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और तत्कालीन छात्रसंघ सदस्य उमर खालिद पर लगा। हालांकि वामपंथी छात्रों ने इस तरह के नारे लगाने के आरोपों से इनकार किया। इसके बाद दिल्ली के वसंतकुंज थाने में धारा 124A के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 12 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर देशद्रोह के आरोप लगे। वहीं उमर खालिद अंडरग्राउंड हो गए।
इस पूरे मामले में देशविरोधी गतिविधियों में छात्र संघ की भूमिका और जेएनयू को लेकर खूब विवाद हुआ। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य समेत कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया। हालांकि, कन्हैया कुमार अपने ऊपर लगे आरोपों को कई बार खारिज कर चुके हैं।
7. फीस बढ़ोतरी को लेकर बवाल
मामला 2019 का है। फीस बढ़ोतरी को लेकर जेएनयू में जंग शुरू हो गई। कैंपस में कोहराम मच गया था और छात्रों ने संसद तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। तब पुलिस पर पथराव हुए। पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया था।
8. नकाबपोशों ने किया हमला
जेएनयू 2020 में फिर सुर्खियों में आई। 5 दिसंबर को कैंपस में नकाबपोश लोगों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की। कई छात्रों को इस दौरान अस्पताल में भर्ती भी कराना पड़ा। अभी तक गुनहगार पकड़े नहीं गए हैं।