दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। 31 मार्च से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर आधुनिक तकनीक से लैस गैजेट लगाए जाएंगे, जो इन वाहनों की पहचान करेंगे। इस फैसले से राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकार सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की योजना पर भी तेजी से काम कर रही है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह ऐलान किया। सिरसा ने कहा कि इस हम पेट्रोल पंपों पर गैजेट लगा रहे हैं जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। ऐसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा।
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सरकार के अन्य फैसले...
- ऊंची इमारतों और होटलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया गया है।
- 90% CNG बसों को 2025 तक इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना बनाई गई है।
- मार्च 2024 तक दिल्ली में 1000 नई इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जाएंगी।
प्रदूषण के खतरनाक आंकड़े...
- नवंबर 2013 में दिल्ली का औसत AQI 287 था, जो नवंबर 2024 में 500+ हो गया।
- 2013 में एक व्यक्ति 10 सिगरेट के बराबर धुआं रोजाना लेता था, अब यह आंकड़ा 38 सिगरेट तक पहुंच गया है।
- लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण ब्रेन स्ट्रोक का बड़ा कारण बन रहा है।
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एयर क्वालिटी इंडेक्स और GRAP नियम...
- AQI के अनुसार, हवा की गुणवत्ता को चार स्तरों में बांटा गया है-
- खराब (AQI 201-300)– हल्की पाबंदियां लगाई जाती हैं।
- बहुत खराब (AQI 301-400)– निर्माण कार्य पर रोक और ट्रकों की एंट्री बंद।
- गंभीर (AQI 401-450)– स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश।
- गंभीर प्लस (AQI 450+)– पूरी दिल्ली में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध।
प्रदूषण के मुख्य कारण...
- पराली जलाना (37%)– पंजाब, हरियाणा और यूपी में जलने वाली पराली दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाती है।
- वाहनों से प्रदूषण (12%)– दिल्ली में करीब 80 लाख गाड़ियां हैं, जो PM 2.5 प्रदूषक तत्व उत्सर्जित करती हैं।
- फैक्ट्रियों से प्रदूषण (44%)– दिल्ली और आसपास की इंडस्ट्री PM 2.5 और PM 10 का बड़ा स्रोत हैं।