NEW DELHI. दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल नतीजों ने आम आदमी पार्टी यानी AAP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यदि ये पूर्वानुमान सटीक साबित हुए तो आम आदमी पार्टी की सरकार के 11 साल के शासन का अंत हो सकता है। हार की स्थिति में पार्टी को सत्ता से बेदखल तो होना ही पड़ेगा। साथ ही संगठन में भी बिखराव होगा। नेता दूसरे दलों में चले जाएंगे।
AAP के सामने तीन बड़ी चुनौतियां...
1. पार्टी में टूट की आशंका...
दिल्ली से जन्मी आम आदमी पार्टी को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा तो इससे पार्टी के भविष्य पर असर पड़ेगा। कार्यकर्ताओं और नेताओं में असंतोष बढ़ सकता है, जिससे पार्टी के भीतर फूट पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से पूछे ये सवाल तो बीजेपी ने बोला हमला
2. पंजाब सरकार पर असर...
दिल्ली की हार का असर सीधे पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी पड़ सकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की स्थिति कमजोर होगी है। नतीजतन कांग्रेस और बीजेपी वहां नए समीकरण बनाने की कोशिश कर करेंगी। वहीं, देश में आम आदमी पार्टी का जनाधार भी खिसकेगा।
3. भ्रष्टाचार मामलों में घिर सकते हैं AAP नेता...
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह जैसे नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जमानत पर हैं। सत्ता जाने के बाद इन मामलों में कानूनी शिकंजा और कस सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेल में बंद नेताओं को अब पहले जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
ये खबर भी पढ़ें...
मैं तो कहूंगा कि अरविंद केजरीवाल भगवान के अवतार हैं : अवध ओझा
AAP की हार से बदलेंगे सियासी समीकरण...
दिल्ली चुनाव में AAP को हार का असर सिर्फ केजरीवाल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे INDIA गठबंधन पर भी पड़ेगा। AAP की हार के बाद विपक्षी गठबंधन में फूट पड़ सकती है, इसमें सबसे ज्यादा असर कांग्रेस और गैर-कांग्रेसी दलों के रिश्तों पर दिख सकता है।
दरअसल, केजरीवाल अब तक INDIA गठबंधन में कांग्रेस के अलावा अन्य बड़े नेताओं शरद पवार (NCP), उद्धव ठाकरे (शिवसेना UBT), अखिलेश यादव (सपा) और ममता बनर्जी (TMC) के करीबी माने जाते हैं, लेकिन अगर दिल्ली में AAP हार जाती है तो केजरीवाल की राजनीतिक स्थिति कमजोर होगी।
ये खबरें भी पढ़ें...
ग्रेटर कैलाश में अरविंद केजरीवाल पर हमला, फेंका लिक्विड
उपराज्यपाल ने मुलाकात के लिए अरविंद केजरीवाल को दिया वक्त, देंगे सीएम पद से इस्तीफा
कांग्रेस पर उठ सकते हैं सवाल
AAP की हार के बाद INDIA गठबंधन में कांग्रेस पर सवाल उठ सकते हैं। विपक्षी दल ये सवाल कर सकते हैं कि क्या कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए AAP को कमजोर किया? विपक्षी खेमे में ये धारणा बन सकती है कि अगर कांग्रेस और AAP मिलकर चुनाव लड़ते तो बीजेपी को फायदा नहीं मिलता। यदि ऐसा होता है तो INDIA गठबंधन के बाकी दल कांग्रेस से दूरी बना सकते हैं और उसकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ सकते हैं।