NEW DELHI: दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi Highcourt ) से राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal) को बड़ा झटका तो लगा ही है, साथ ही कोई अंतरिम राहत ( interim relief ) भी नहीं मिली है। कोर्ट का कहना है कि उन्हें गिरफ्तारी ( arrest ) से कोई राहत नहीं दी जा सकती है। शराब घोटाले में 100 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) से लगातार मिल रहे समन (9 समन) को लेकर हाई कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री को ईडी के सामने पेश होना होगा। उनकी गिरफ्तारी पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई जा रही है। असल में केजरीवाल ने कोर्ट में याचिका दायर कर यह आश्वासन मांगा था कि उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। अब गिरफ्तारी की संभावना को लेकर सीएम के आगे संकट खड़ा हो गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। इस बात की संभावना है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
वकील ने कहा, केजरीवाल पूछताछ के लिए आ सकते हैं
दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी के लगातार मिल रहे समन को लेकर लंबा विचार-विमर्श हुआ। केजरीवाल ने कल ही हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शराब घोटाले की जांच में मिल रहे ईडी के लगतार समनों को लेकर गुहार लगाई थी कि उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। सीएम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी के सामने हाजिर होने को तैयार हैं, लेकिन उनके खिलाफ गिरफ्तारी जैसी दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
ईडी के दस्तावेज देखे और दिया आदेश
विशेष बात यह है कि कोर्ट ने ईडी के असिसटेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा था कि वे किन तथ्यों के आधार पर केजरीवाल से पूछताछ करना चाहते हैं। ईडी से सबूत मांगे गए। ईडी ने आज ही कोर्ट के सामने दस्तावेज पेश किए। कोर्ट ने लंच के बाद बंद कमरे में इन कागजातों को चेक किया। इन दस्तावेजों को लेकर ईडी ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि इन्हें केजरीवाल को न दिखाया जाए। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई जा रही है। असल में कोर्ट में यह मसला भी उठा था कि इडी के समन सुनवाई के लायक हैं या नहीं। इस पर कल यानी शुक्रवार को सुनवाई होगी।
कोर्ट से दो माह का प्रोटेक्शन मांगा गया था
बताते हैं कि कोर्ट के आदेश से पहले सुनवाई के दौरान वकील सिंघवी ने माननीय न्यायधीश को जानकारी दी कि केजरीवाल कई बार पहले भी कोर्ट में पेश हो चुके हैं। अब वह कोर्ट के सामने यह अपील कर रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। यह आश्वासन मिल जाएगा तो उन्हें कहीं भी पेश होने में कोई आपत्ति नहीं है। सिंघवी ने कई अदालतों के पुराने आदेशों का हवाला भी पेश किया जिनमें आरोपी या वांछित को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से राहत दी गई है। उनके वकील ने आशंका जताई कि ईडी में पेश होने पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने कोर्ट से गुजारिश की थी कि केजरीवाल को चुनाव तक दो माह के लिए प्रोटेक्शन दे दिया जाए। वह एक राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक हैं। अगर ईडी ने इतना इंतजार किया है तो क्या वह थोड़ा सा इंतजार और नहीं कर सकती।
कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में पार्टी कहा से आ गई
विशेष बात यह है कोर्ट ने पूछा कि केजरीवाल को जो समन मिल रहे हैं, वह उन्हें व्यक्तिगत तौर पर दिए गए हैं, इसमें पार्टी का सवाल कहां से आ गया कि उन्हें गिरफ्तार किया गया तो उनकी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी को नुकसान हो सकता है। माना जा सकता है कि कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक न लगाने का आदेश इसलिए लिया है, क्योंकि उन्होने ईडी के उन दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ा था। ऐसी संभावना है कि इन दस्तावेजों में कोर्ट को कुछ गड़बड़ नजर आई हो। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 22 अप्रैल का समय दिया है।
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