NEW DELHI. संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी ललित झा को गिरफ्तार कर लिया है। संसद में हुई घटना के बाद ललित बस से राजस्थान भाग गया था। बाद में पुलिस का दबाव बढ़ा तो खुद दिल्ली चला गया। इस मामले में ललित को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। संसद में हमले के मास्टरमाइंड ललित का पश्चिम बंगाल से भी कनेक्शन निकला है। बताया जा रहा है कि वह दो साल पहले तक वहां रहता था, और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। कोलकाता के बड़ा बाजार इलाके में वह रहा करता था। अब मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपियों को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
कोलकाता में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था ललित
एक समाचार एजेंसी को ललित झा के पुराने पड़ोसियों ने बताया कि ललित झा शांत स्वभाव के इंसान था और अपने काम से काम रखा करता था। पड़ोसियों के अनुसार उन्हें हम टीचर की तरह जानते थे। कुछ साल पहले वो इस इलाके में आए था। वो कोलकाता के बड़ाबाजार में अकेले रहने आया और दो साल पहले टीचिंग का काम छोड़ दिया। दो साल पहले ही ललित ने इलाका छोड़ दिया था। पड़ोसियों के अनुसार ललित झा के पिता वॉचमैन थे। ललित दो साल पहले उत्तर 24 परगना के बागुईआटी चला गया था।
ललित ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर किया आत्मसमर्पण
बता दे कि संसद में बुधवार को चार प्रदर्शनकारियों ने सदन के अंदर और परिसर में 'कलर्ड स्मोक' छोड़ा और नारेबाजी की थी। घटना के समय सदन की कार्यवाही चल रही थी, इसके बाद चारों तरफ अफरा तफरी मच गई, इसके बाद कुछ सांसदों और सुरक्षाकर्मियों ने आरोपियों को पकड़ लिया था। इस घटना का मास्टरमाइंड ललित झा को बताया जा रहा है। गुरुवार को ललित ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर सरेंडर किया। इस मामले में ये छठवीं गिरफ्तारी है। अब तक सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
ललित ने बनाया संसद की घटना का वीडियो
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 32 साल का ललित मूलतः बिहार का रहने वाला है। वह बतौर टीचर कोलकाता में नौकरी करता था। पुलिस को पता चला है कि ललित 'नीलाक्ष आइच' नाम की एक एनजीओ में जनरल सेक्रेटरी है। जब प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में कलर्ड स्मोक छोड़ा तो ललित ने इसका वीडियो बनाया और इसे एनजीओ के संस्थापक को भेजते हुए मैसेज में बताया कि वे लोग सुरक्षित हैं।
सरेंडर करने से पहले सारे सबूत मिटाए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरेंडर करने से पहले गुरुवार की सुबह ललित झा ने सभी तरह के टेक्निकल सबूत मिटा दिए थे। इस मामले में पुलिस ने यूएपीए की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने अभियुक्तों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। बताया जा रहा है कि पुलिस हिरासत में भेजने से पहले अदालत ने अभियुक्तों को एक वकील दिया, क्योंकि उनकी पैरवी करने के लिए कोई वकील नहीं था।
आरोपियों को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया
बता दे कि संसद में हुई घटना को लेकर अब तक सात आरोपियों की संलिप्तता सामने आई है। ये आरोपी पांच अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं। 26 साल का सागर शर्मा यूपी के लखनऊ का रहने वाला है। 34 साल का मनोरंजन डी. कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है। 37 साल की नीलम हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की रहने वाली है। 25 साल का अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। इसके साथ ही ललित झा की भी गिरफ्तारी हो गई है। राजस्थान के रहने वाले महेश की भूमिका भी सामने आई है। जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि ललित झा इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है।