पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर भ्रष्टाचार केस में CBI ने पेश की चार्जशीट

CBI ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर 2200 करोड़ के भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की, मलिक अस्पताल में भर्ती हैं। तीन साल की जांच के बाद यह मामला अदालत में पेश किया गया है...

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और अन्य पांच लोगों के खिलाफ कीरू जलविद्युत परियोजना के कार्यों में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गुरुवार को आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया। यह मामला लगभग तीन साल की जांच के बाद अदालत में पेश किया गया है।

मामला कब और कैसे शुरू हुआ?

सीबीआई ने अप्रैल 2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। सत्यपाल मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। इस अवधि में उन्होंने परियोजना के ठेके में अनियमितताओं के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज कराई थीं।

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कीरू जलविद्युत परियोजना में भ्रष्टाचार

कीरू जलविद्युत परियोजना के तहत 2200 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। सीबीआई के मुताबिक, इस परियोजना में अनियमितताओं के लिए सत्यपाल मलिक समेत कई अधिकारियों ने मिलीभगत की।

अन्य नामजद आरोपी

चार्जशीट में चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के तत्कालीन अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी, एम एस बाबू, एम के मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा और निर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को भी शामिल किया गया है।

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चार्जशीट दाखिल होते ही अस्पताल में भर्ती

चार्जशीट दाखिल होने के बाद मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि वे अस्पताल में भर्ती हैं और फिलहाल किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने अपने समर्थकों और शुभचिंतकों के फोन कॉल्स का जवाब न देने के लिए माफी मांगी।

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आरोपों का मलिक ने किया खंडन

पूर्व राज्यपाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें इस परियोजना की मंजूरी के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। हालांकि, सीबीआई के तलाशी अभियान के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया था।

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शिकायतों के जवाब में सीबीआई की कार्रवाई

मलिक ने आरोप लगाया कि उन्होंने जिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ शिकायत की थी, उनकी जांच के बजाय सीबीआई ने उनके आवास पर छापे मारे। उन्होंने तानाशाही और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। मलिक ने कहा कि मैं एक किसान का बेटा हूं, न डरूंगा न झुकूंगा।

भ्रष्टाचार मामले की जांच का महत्व

यह मामला जम्मू-कश्मीर के विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर अहम साबित होगा। भ्रष्टाचार के आरोपों की गहराई से जांच सरकार और आम जनता के लिए भविष्य के लिए मिसाल बनेगी।

 

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