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upi-rupay-merchant-charge Photograph: (thesootr)
भारत सरकार जल्द ही RuPay डेबिट कार्ड और UPI पेमेंट पर मर्चेंट चार्ज लागू कर सकती है। यह प्रस्ताव 2022 में सरकार द्वारा हटाए गए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को फिर से लागू करने के बारे में है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य फिनटेक कंपनियों और बड़े व्यापारियों के लिए व्यापारिक लेन-देन के खर्च को उचित बनाना है।
कंपनियों की तैयारी और उनके तर्क
फिनटेक कंपनियों ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बड़े व्यापारियों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज लगाया जाना चाहिए क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति इसे संभालने के लिए सक्षम है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि छोटे व्यापारियों को इससे राहत मिलनी चाहिए, और यह शुल्क केवल उन्हीं व्यापारियों पर लागू किया जाए जिनका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये या उससे ज्यादा है। यह कदम Visa और MasterCard जैसे अन्य डेबिट कार्ड के मुकाबले UPI और RuPay डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को समान रूप से परिभाषित करने के लिए लिया जा रहा है।
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MDR शुल्क का असर ग्राहकों पर
हालांकि, यह शुल्क ग्राहकों पर सीधे तौर पर लागू नहीं होगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष असर ग्राहकों पर हो सकता है। कई बार देखा गया है कि दुकानदार इस शुल्क की भरपाई करने के लिए सामान की कीमतों में वृद्धि कर देते हैं, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ता है।
MDR का इतिहास और वर्तमान स्थिति
MDR या मर्चेंट डिस्काउंट रेट, वह शुल्क है जो दुकानदारों को उस पेमेंट के लिए देना होता है जो वे ग्राहकों से प्राप्त करते हैं। 2022 में सरकार ने MDR को हटाने का निर्णय लिया था, लेकिन अब इसे फिर से लागू करने की योजना बनाई जा रही है। फिलहाल, UPI और RuPay डेबिट कार्ड पेमेंट पर MDR लागू नहीं है।
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क्या होता है MDR?
MDR वह चार्ज है जो दुकानदार को पेमेंट गेटवे या बैंक को एक ट्रांजैक्शन के लिए देना पड़ता है। यह आमतौर पर 1% से भी कम होता है और इसे ग्राहक से लिए गए भुगतान पर आधारित होता है।
ग्राहकों के लिए भविष्य के प्रभाव
इस प्रस्ताव के लागू होने से खासकर बड़े व्यापारियों के द्वारा किए गए ट्रांजैक्शन पर शुल्क लिया जाएगा, जिससे ग्राहकों के लिए कीमतों में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, छोटे व्यापारियों को इस शुल्क से राहत मिलेगी, जिससे छोटे व्यापारिक समुदाय पर इसका कम प्रभाव पड़ेगा।