/sootr/media/media_files/2025/02/15/y6SoeUb3NFVrtLYR13Mq.jpg)
us-bourbon-whiskey Photograph: (thesootr)
विदेशी शराब के शौकीनों के लिए राहत की खबर है। भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते के तहत अमेरिकी शराब, विशेष रूप से बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क में कटौती की गई है। पहले इस पर 150% टैक्स लगाया जाता था, जिसे अब घटाकर 50% कर दिया गया है। इस फैसले से भारतीय बाजार में अमेरिकी शराब के दाम कम होंगे और उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
व्हिस्की पर आयात शुल्क 150% से 50% किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान भारत में अमेरिकी शराब पर टैरिफ कम करने पर सहमति बनी। इस समझौते के तहत अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क को 150% से घटाकर 50% कर दिया गया है। अब भारतीय बाजार में यह व्हिस्की सीधे 66% सस्ती हो जाएगी। इसका सीधा असर भारतीय बाजार में शराब की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक किफायती दामों पर विदेशी शराब उपलब्ध हो सकेगी।
ये खबरें भी पढ़ें...
ज्योतिरादित्य सिंधिया से की अजीब मांग... राजा साहब! थकान लगती है, शराब सस्ती कर दो...
पूर्व महापौर एजाज ढेबर हो सकते हैं गिरफ्तार, शराब घोटाले में पेशी आज
यह छूट केवल बॉर्बन व्हिस्की पर होगी लागू
भारत सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यह छूट केवल बॉर्बन व्हिस्की पर लागू होगी, जबकि अन्य विदेशी Liquor पर पहले की तरह ही शुल्क लगेगा। भारत में अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की की मांग काफी अधिक है, और यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
टैरिफ घटने से इसके दामों में आएगी कमी
आंकड़ों के अनुसार अमेरिका से भारत में आयात की जाने वाली Liquor में एक चौथाई हिस्सा बॉर्बन व्हिस्की का होता है। पहले इसके ऊंचे टैरिफ के कारण भारतीय बाजार में इसकी कीमत काफी अधिक थी, लेकिन अब टैरिफ घटने से इसके दामों में कमी आएगी।
ये खबरें भी पढ़ें...
जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत, चुनाव में बांट रहे नेता
चुनाव से पहले 1 करोड़ की शराब जब्त, वोटरों को बांटना चाहते थे नेता
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध होंगे मजबूत
प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते को भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।