विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक नई ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की है। इसमें यह बताया गया है कि छात्र अब अंडरग्रेजुएट (UG) या पोस्टग्रेजुएट (PG) पाठ्यक्रमों में किसी भी विषय या स्ट्रीम में प्रवेश ले सकते हैं, चाहे उन्होंने अपनी 12वीं या अंडरग्रेजुएट शिक्षा में किस भी विषय को चुना हो। इस गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि छात्रों को साल में दो बार एडमिशन मिलने का ऑप्शन होगा, साथ ही वे एक ही पाठ्यक्रम में कई बार एंट्री और एग्जिट करने का विकल्प भी चुन सकेंगे। इन प्रस्तावित बदलावों का मुख्य उद्देश्य नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत शैक्षिक ढांचे को और ज्यादा लचीला और मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन को बढ़ावा देना है।
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बाइएनुअल एडमिशन सिस्टम से बढ़ेगी सुविधा
नई नीति के तहत, उच्च शिक्षा संस्थान जो बाइएनुअल एडमिशन (साल में दो बार एडमिशन) को लागू करने में सक्षम हैं, वे अब साल में दो बार – जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में स्टूडेंट्स को एडमिशन देने की सुविधा देंगे। इससे छात्रों को ज्यादा अवसर भी मिल पाएंगे।
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मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा
इस नए प्रस्तावित नियम के तहत, छात्रों को एक ही एकेडमिक प्रोग्राम में कई पॉइंट पर एंट्री और एग्जिट की फैसिलिटी दी जाएगी। इससे छात्र अपनी पिछली पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए बिना किसी प्रॉब्लम के अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। इसके साथ ही, छात्र अब एक साथ दो UG या PG प्रोग्राम कर सकते हैं, जिससे उन्हें उनके एकेडमिक हॉरिजोन को बढ़ाने के लिए और ज्यादा अवसर मिलेंगे।
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डिसिप्लिन-एग्नोस्टिक एडमिशन की नीति
अब स्टूडेंट्स UG और PG में किसी भी स्ट्रीम में एडमिशन ले सकते हैं और इसके लिए 12वीं या अंडर ग्रैजुएशन में लिए गए सब्जेक्ट आधार नहीं होंगे। वे किसी भी फील्ड में यूजी या पीजी डिग्री प्रोग्राम के लिए अप्लाई कर सकते हैं, बशर्ते उन्होंने संबंधित एंट्रेंस एग्जाम पास की हो। यह सुधार विशेष रूप से इंटर डिसिप्लिनरी और मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में तय किया गया है।
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फ्लेक्सिबल अटेंडेंस पॉलिसी
वर्तमान में, पढ़ने के अलग-अलग तरीकों और हाइब्रिड एजुकेशन के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, उच्च शिक्षा संस्थानों को अब अलग- अलग प्रोग्रामों के लिए अटेंडेंस की जरूरतों को तय करने की फ्रीडम होगी। यह संस्थानों को ऑनलाइन और ट्रेडिशनल क्लास को बैलेंस करने में मदद करेगा।
डिग्री के लिए क्रेडिट डिस्ट्रिब्यूशन
किसी भी स्पेशल सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन डिग्री लेने के लिए, स्टूडेंट्स को उस सब्जेक्ट में कम से कम 50% क्रेडिट स्कोर पूरा करना होगा। बाकी क्रेडिट को स्किल बेस्ड कोर्स या दूसरे सब्जेक्ट में भी अलॉट किया जा सकता है। इस क्रेडिट स्ट्रक्चर से स्टूडेंट्स को होलिस्टिक एजुकेशन एक्सपीरियंस मिलेगा।
एक्सीलेरेटेड और एक्सटेंडेड डिग्री प्रोग्राम्स का ऑप्शन
नए नियमों के तहत, स्टूडेंट्स को अंडर ग्रेजुएट लेवल पर एक्सेलेरेट डिग्री प्रोग्राम ADP) और एक्सटेंडेड डिग्री प्रोग्राम (EDP) का ऑप्शन मिलेगा। ADP स्टूडेंट को अपनी डिग्री को जल्दी पूरा करने का अवसर प्रदान करेगा, जबकि EDP के लिए कोई समय सीमा नहीं है। इन प्रोग्रामों का मोटिवेट स्टूडेंट को अपनी शिक्षा की गति के अनुसार अधिक फ्लेक्सिबिलिटी देना है।
चार साल के यूजी प्रोग्राम के बाद पीजी में प्रवेश की सुविधा
जो छात्र 4 साल का ऑनर्स या रिसर्च के साथ यूजी प्रोग्राम पूरा करेंगे, वे सीधे एडवांस पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (जैसे M.Tech या M.E.) के लिए पात्र होंगे। यह नीति UG और PG शिक्षा के बीच अलाइनमेंट को बढ़ाता है और छात्रों को गहन और रिसर्च-ओरिएंटेड एजुकेशन में पार्ट लेने के लिए मोटिवेट करती है।
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