मध्यप्रदेश कांग्रेस के किंग होंगे कमलनाथ, लेकिन किंग मेकर के रोल में दिग्विजय, सत्ता की चौसर में गोटियां फिट करने में जुटे दिग्गी

author-image
Arun Dixit
एडिट
New Update
मध्यप्रदेश कांग्रेस के किंग होंगे कमलनाथ, लेकिन किंग मेकर के रोल में दिग्विजय, सत्ता की चौसर में गोटियां फिट करने में जुटे दिग्गी

BHOPAL. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पिछले दो महीने से नए गेम प्लान के तहत प्रदेश में काम कर रहे हैं। ये पूरा गेम प्लान कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए है। दिग्विजय जहां भी जा रहे हैं, एक वाक्य जरूर दोहराते हैं। इस वाक्य के पीछे ही कांग्रेस की पूरी राजनीति है। कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो यही वाक्य काम करेगा, लेकिन उससे ज्यादा काम ये वाक्य चुनाव के पहले करेगा। क्या है ये सूत्र वाक्य जो दिग्विजय कार्यकर्ताओं को रटवा रहे हैं, आइए आपको बताते हैं। 



किंग कमलनाथ तो किंगमेकर दिग्विजय



दिग्विजय प्रदेश के जिले-जिले घूमकर कार्यकर्ताओं के जेहन में एक ही बात उतार रहे हैं। दिग्विजय कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि कोई किंतु परंतु नहीं है, कांग्रेस की सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री होंगे कमलनाथ। यानी बात बहुत साफ है कि कमलनाथ बनेंगे किंग तो किंगमेकर होंगे दिग्विजय सिंह। 




  • 19 फरवरी, बुदनीः चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में होंगे वही मुख्यमंत्री का चेहरा भी।


  • 10 अप्रैल, विदिशाः मध्यप्रदेश में बहुमत का आंकड़ा छुएगी कांग्रेस, मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे कमलनाथ।

  • 12 अप्रैल, सागरः भाजपा में मुख्यमंत्री पद के 7 दावेदार हैं जबकि मप्र में चुनाव के बाद कमलनाथ ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।



  • कांग्रेस की कलह की आग पर पानी 



    दिग्विजय एक खास रणनीति के तहत ये काम कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने को लेकर विवाद छिड़ गया था। एक तरफ तो जगह-जगह कमलनाथ के पोस्टरों में लिखा जा रहा था कि भावी मुख्यमंत्री, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुछ और ही बयानबाजी कर रहे थे। प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह समेत विधायक जीतू पटवारी ये कह चुके हैं कि चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान और विधायक दल तय करेगा कि प्रदेश में बनने वाली कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इन बयानों से साफ हो गया कि कमलनाथ के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर चुनौतियां मिलने लगी हैं। इसी आग पर पानी डालकर कमलनाथ को सर्वमान्य चेहरा बनाने का काम दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। 



    सत्ता की दिग्विजयी चाल



    ये सत्ता के लिए दिग्विजयी चाल है और ये काम दिग्विजय सिंह जैसा रणनीतकार ही कर सकता है। दिग्विजय कार्यकर्ताओं में समन्वय के बहाने एक चेहरे यानी कमलनाथ की स्वीकार्यता ही बड़ी खूबी से करा रहे हैं। वे हर भाषण में इस बात को दोहराते हैं और प्रेस के सामने भी खुलकर इस बात को बोल रहे हैं। बात साफ है कि दिग्गी इस बात को जानते हैं कि अभी नहीं तो कभी नहीं। 



    हारी विधानसभा सीटों की रिपोर्ट तैयार



    116 के लिए 70 सीटों पर सेंधमारी, चार महीने पहले उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी, दिग्विजय का हारने वाली सीटों पर फोकस 



    दिग्विजय सिंह उन सीटों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, जहां कांग्रेस ज्यादा कमजोर है और लगातार तीन-चार मर्तबा चुनाव हार चुकी है। पिछले दो महीने से दिग्विजय सिंह ऐसी ही सीटों के दौरे कर रहे हैं। दिग्विजय भोपाल, सीहोर, ग्वालियर-चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड की ऐसी 70 सीटों के दौरे पर है जहां पर कांग्रेस को पिछले डेढ़ दशकों से जीत के नाम पर निराशा ही हाथ लगी है। दिग्विजय वहां संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात कर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं तो अलग-अलग गुटों को एक साथ बैठाकर इस बार चुनाव में एकजुट होकर काम करने को कहा जा रहा है। कभी वे मंच के नीचे तो कभी पंक्ति में सबसे पीछे बैठकर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोल रहे हैं।



    हरल्ली सीटों पर चार महीने पहले उम्मीदवारों का ऐलान



    मंडलम-सेक्टर की बैठक में सबसे पिछली पंक्ति में बैठे दिग्विजय सिंह का ये नया अंदाज हैं। वे कॉपी पेन लेकर बैठते हैं और कार्यकर्ताओं के सुझावों को गंभीरता से लिखते जाते हैं। दरअसल ये उस सीट के आंकलन का तरीका है, दिग्विजय कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने की किशिश कर रहे हैं। साथ ही अजेय सीटों पर उम्मीदवारों की तलाश भी जारी है। कांग्रेस की कोशिश है कि इन अजेय सीटों पर चार से पांच महीने पहले ही उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाए ताकि उसे चुनाव प्रचार का भरपूर मौका मिल सके। दिग्विजय मानते हैं कि कांग्रेस का संगठन कमजोर है जिसको मजबूत करना जरूरी है। 



    कमजोर सीटों पर सबसे पहले कमलनाथ की सभा



    जिस सीटों पर कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है और जो भी कांग्रेस के दावेदार है, उनमें से मजबूत दावेदार पर नेताओं को नजर है। और कई नेताओं को चुनावी तैयारी करने के संकेत भी दिए जा चुके हैं। वैसे पिछले चुनाव में कांग्रेस को मालवा निमाड़ से ही सफलता मिली थी। यहां 32 से ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन इस क्षेत्र में कुछ सीटें ऐसी है, जहां कांग्रेस जीत नहीं पाती। अब दिग्विजय खुद ऐसी सीटों पर जा रहे हैं। इंदौर के दो नंबर विधानसभा क्षेत्र के अलावा पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस जीत नहीं पाती है। इसके अलावा महू विधानसभा सीट भी लगातार तीन बार भाजपा जीत चुकी है। 30 मार्च को दिग्विजय सिंह महू विधानसभा क्षेत्र के दौरा कर चुके है। हरसूद विधानसभा क्षेत्र के अलावा उज्जैन शहर की सीट भी कांग्रेस जीत नहीं पाती है। 26 मार्च को ग्वालियर जिले की उन सीटों पर सिंह जा चुके हैं, जहां कांग्रेस को सफलता नहीं मिलती है। दिग्विजय ऐसी सीटों पर कमलनाथ की ज्यादा से ज्यादा सभाएं करने की बात करते हैं।



    इन सीटों पर लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस



    सागर, नरयावली, रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, मानपुर, भोजपुर, नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया, धार, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, महू, शिवपुरी, गुना, ग्वालियर ग्रामीण, बीना, पथरिया, हटा, चांदला, बिजावर, रामपुरबघेलान, सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, सिंगरौली, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मुड़वारा, जबलपुर केंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, सिवनी, आमला, हरसूद ,टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागुपर, पिपरिया, कुरवाई, शमशाबाद, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, मंदसौर, रतलाम सिटी, मल्हारगढ़, नीमच, जावद।



    सिंधिया पर निशाना



    दिग्विजय अपने दौरों में सिंधिया पर निशाना साधते हैं तो कांग्रेस में बुजुर्ग नेताओं के सवाल पर भडक भी उठते हैं। दिग्विजय कहते हैं कि सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस में शांति और बीजेपी में अशांति हो गई है। वे कहते हैं कि मोदी बुजुर्ग हैं तो फिर उनसे सवाल क्यों नहीं किए जाते। 



    एक मंच पर कांग्रेस के नेता



    चुनाव से पहले कांग्रेस के सभी दिग्गजों ने एक मंच पर आकर अपनी एकजुटता का परिचय भी दे दिया हैं। सुभाष यादव की जयंति के बहाने उनके पैतृक गांव में अरुण यादव के बुलावे पर कमलनाथ, दिग्विजय, पचौरी, भूरिया समेत सभी दिग्गजों का जमावड़ा लगा। इस कार्यक्रम के जरिए कांग्रेस ने एकजुटता दिखाने की भी कोशिश की है।


    MP News एमपी न्यूज Congress in Madhya Pradesh Kamal Nath will be King Digvijay in the role of King Maker Diggi engaged in fitting the pieces of power मध्यप्रदेश में कांग्रेस किंग होंगे कमलनाथ किंग मेकर के रोल में दिग्विजय सत्ता की गोटियां फिट करने में जुटे दिग्गी