BHOPAL. मध्यप्रदेश के 5 जिलों के 19 नगरीय निकायों में काउंटिंग पूरी हो गई है, सभी निकायों के रिजल्ट भी आ गए हैं। इनमें से 11 पर बीजेपी और 8 पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है । 4 नगर पालिका और 7 नगर परिषद में बीजेपी का कब्जा हो गया है। कांग्रेस ने पीथमपुर और दिग्विजय सिंह के गढ़ राघौगढ़ में नगर पालिका सीट जीती है, जबकि 6 नगर परिषद में भी कांग्रेस को जीत मिली है। गुना जिले की राघौगढ़ नगर पालिका में मतगणना पूरी हो गई, राघौगढ़ में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बन रही है। सभी 24 वार्डों के रिजल्ट आ गए हैं, जिनमें से 16 पर कांग्रेस तो बीजेपी को 8 सीटें मिलीं हैं। आपको बता दें कि राघौगढ़ में चुनावी समर पर सभी की नजर थी, यहां से दिग्विजय सिंह के लिए बीजेपी लगातार घेराबंदी के लिए जुटी थी, लेकिन दिग्गी ने तमाम कोशिशों को धता बताते हुए फिर अपने गढ़ में कांग्रेस का परचम लहराया है। ओंकारेश्वर के सभी नतीजे आ गए हैं। यहां बीजेपी की नगर सरकार बनेगी। 15 में से 9 में बीजेपी तो 6 में कांग्रेस जीती है। मंत्री प्रेम सिंह पटेल और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के गढ़ बड़वानी में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन के क्षेत्र राजपुर में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है।
पीथमपुर में विक्रम वर्मा तो धार में मनोज सिंह गौतम की साख पर उठे सवाल
पीथमपुर नगर पालिका में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। यहां धार विधायक नीना वर्मा के पति और बीजेपी के दिग्गज नेता विक्रम वर्मा की साख दांव पर थी। यहां पार्टी को अपने ही बागियों से बड़ा नुकसान पहुंचा। इस चुनाव में बीजेपी की हार ने वर्मा दंपति की साख पर बड़ा सवाल खड़ा किया है, यहां पिछली बार बीजेपी ने नगर परिषद पर कब्जा जमाया था लेकिन इस बार ये शहर कांग्रेस के खाते में गया है। धार नगरपालिका पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है। धार नपा के 18 वार्डों में बीजेपी ने जीत दर्ज की। इसके अलावा कांग्रेस यहां 9 वार्डों में सिमट गई। 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी यहां जीत हासिल की। पीथमपुर में जहां कांग्रेस को सफलता मिली है, तो धार में बीजेपी ने राहत की सांस ली है, हालांकि धार में कांग्रेस की तरफ से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष बालमुकुमंद सिंह गौतम के भाई मनोज सिंह गौतम ने प्रचार की कमान संभाली थी, ऐसा माना जा रहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव के चलते मनोज सिंह गौतम अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, इसी क्रम में नपा चुनाव में उनकी काफी सक्रियता भी थी, लेकिन धार शहर से बीजेपी की जीत से उनकी साख पर सवाल खड़े हुए हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी निकाय चुनाव
मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये आखिरी निकाय चुनाव है। ऐसे में दोनों प्रमुख सियासी दल बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी अपनी ताकत लगा दी थी। यहां इनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। चुनाव वाले निकायों में पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री-विधायक और पूर्व मंत्रियों के क्षेत्र भी आते हैं, इसलिए कुछ जगह मुकाबला रोचक रहा। इस चुनाव को दोनों दल एक परीक्षा की तरह देख रहे हैं।
बड़वानी- यहां के 24 वार्डों में से 14 पर बीजेपी और 10 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। यह क्षेत्र प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह पटेल और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का गढ़ है। पटेल की भांजा बहू अश्विनी भी जीत गई हैं।
राघौगढ़- सभी 24 वार्डों के रिजल्ट आ गए हैं, जिनमें से 16 पर कांग्रेस तो बीजेपी को 8 सीटें मिलीं हैं
पीथमपुर- इस नगर पालिका पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। 17 वार्डों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, वहीं भाजपा को 12 वार्डों में जीत मिली है।
सेंधवा- सेंधवा नगर पालिका के 24 वार्डों में से 19 पर भाजपा और 5 पर कांग्रेस (1निर्विरोध रहा) प्रत्याशियों को विजय मिली है।
राजगढ़- धार जिले की राजगढ़ नगर परिषद में कांग्रेस ने कब्जा जमाया है।
राजपुर- नगर परिषद राजपुर में बीजेपी का कब्जा। बीजेपी ने 11 तो कांग्रेस ने 4 पर जीत दर्ज की।
मनावर- यहां भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है। कुल 15 में से बीजेपी ने 9 व कांग्रेस ने 6 सीटें जीती हैं।
ओंकारेश्वर- यहां की कुल 15 सीटों में से 9 बीजेपी व 6 कांग्रेस ने जीती हैं। वार्ड 3 से भाजपा की संगीता गवले तो वार्ड 13 से भाजपा की मनीषा परिहार जीतीं।
जैतहरी- अनूपपुर की जैतहरी नगर परिषद के सभी 15 वार्डों के रिजल्ट आ गए हैं। यहां 7 वार्डों में भाजपा, 6 पर कांग्रेस और 2 पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की है।
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एमपी के 19 नगरीय निकायों में मतदान जारी: धार में 57 फीसदी, राघौगढ़ में 65.5 फीसदी मतदान
20 जनवरी को हुई थी वोटिंग
6 नगर पालिका और 13 नगर परिषद के लिए 20 जनवरी को वोट डाले गए थे। इन चुनावों में 67 परसेंट से ज्यादा मतदान हुआ था। अनूपपुर जिले के जैतहारी और बड़वानी के राजपुर निकाय में 80 फीसद मतदान हुआ।
कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर
मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले का ये अंतिम निकाय चुनाव है, इसलिए इसके परिणाम पर कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है।