BHOPAL. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू हो गईं हैं। 7 दिसंबर 2023 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। राज्य में जहां एक तरफ बीजेपी पूरे जोर-शोर के साथ कार्यक्रमों और योजनाओं का ऐलान कर रही है। वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस भी प्रदेश में वापसी लाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। इसलिए कांग्रेस अभी से उम्मीदवारों पर विचार कर रही है। प्रदेश में मिली हुई सत्ता जाने के बाद इस बार कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इसके साथ ही कोशिश कर रही है कि प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनें।
टिकट वितरण में रखा जाएगा ध्यान
मध्य प्रदेश के देवास जिले के खातेगांव सीट पर आम सभा को संबोधित करने पहुंचे मप्र पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पत्रकारों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने कहा- इस बार टिकट वितरण में काफी ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर कई मानक पैमाने पर खरा उतरने वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाएगा। इस बार पूरा संगठन टिकट तय करेगा।
स्थानीय मुद्दे होंगे महत्वपूर्ण
कमलनाथ से जब पूछा गया कि खातेगांव विधानसभा सीट पर बाहरी प्रत्याशी को उतारने से भी कांग्रेस की हार हुई है। सभी विधानसभा सीटों पर स्थानीय उम्मीदवार को लेकर हमेशा से मांग उठती आई है। इस बार स्थानीय उम्मीदवार के साथ-साथ योग्यता को भी ध्यान में रखकर टिकट वितरण किया जाएगा।
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ऐसे होगा प्रत्याशियों का चयन
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने प्रत्याशियों के चयन को लेकर कहा- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुभवी सदस्य, एआईसीसी द्वारा निर्धारित सर्वे टीम, विधानसभा सीटों के प्रभारी और सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की जनता जिस नेता का नाम सुजाएगी, उसे कांग्रेस मैदान में उतारेगी। कोई एक व्यक्ति या नेता किसी उम्मीदवार का नाम तय नहीं करेगा, बल्कि पूरा संगठन बैठकर विचार करेगा। पहले ही प्रत्याशियों को बता दिया जाएगा कि उन्हें टिकट मिलने वाला है, इसलिए वे अपनी तैयारी शुरू कर दें।
एक सीट पर 21 दावेदार
कमलनाथ ने बताया कि मध्य प्रदेश की कई ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां पर कई उम्मीदवार दावा कर रहे हैं। मेरे पास ऐसे रोजाना कई नेता खुद का बायोडाटा लेकर पहुंचते हैं। इन दिनों एक विधानसभा सीट पर 21 लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। जिसके बाद संबंधित व्यक्ति का पार्टी आंकलन करती है कि वह व्यक्ति कितनी बार अपनी सीट से जीता है।