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रायपुर. छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी हत्याकांड (Jhiram Ghati Massacre) एक बार फिर चर्चा में है। छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने हमले की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग में नया अध्यक्ष बना दिया है। आयोग में राज्य सरकार ने दो नए सदस्यों को शामिल किया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग (commission) का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग के सदस्य होंगे।
30 सितम्बर को खत्म हो चुका कार्यकाल
सामान्य प्रशासन विभाग को ओर से जारी आधिसूचना में कहा गया कि आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्रा का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो चुका है। साथ ही न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण कर चुके हैं। लिहाजा राज्य सरकार ने दो नए सदस्यों आयोग में शामिल करने का फैसला किया है।
जांच में शामिल हुए 3 नए बिंदू
आयोग पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं के अलावा तीन नए बिंदुओं की जांच करेगा। पहला - क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। दूसरा - ऐसी घटनाओं की दोबारा ने हो इसे रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे। तीसरा - अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करे। आयोग को छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने होगी।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्यों महत्वपूर्ण है झीरम
छत्तीसगढ़ के इतिहास में 25 मई 2013 का दिन हमेशा काले अध्याय के लिए जाना जाएगा। जहां कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान झीरम घाटी में हुए नक्सली हमलें में 29 लोग मारे गए थे। माना जाता है कि यह देश में किसी राजनीतिक दल पर हुआ सबसे बड़ा हमला था।