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मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने जब 2015 से 2025 तक बेरोजगारी के आंकड़ों में कमी या वृद्धि को लेकर सरकार से सवाल पूछा, तो सरकार के पास जवाब नहीं था। इस पर राज्य के कौशल विकास और रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल ने दिलचस्प बयान दिया।
मंत्री टेटवाल ने कहा कि राज्य सरकार के रोजगार पोर्टल पर बेरोजगारों का डेटा नहीं रखा जाता। इस जवाब ने न केवल सवाल खड़े किए बल्कि सरकार की बेरोजगारी से संबंधित आंकड़े रखने की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान लगा दिए। बेरोजगारों के आंकड़े न होने से यह साफ जाहिर हो गया कि सरकार के पास बेरोजगारी की स्थिति की कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं है।
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राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश के रोजगार पोर्टल पर बेरोजगारों का डेटा नहीं रखा जाता। केवल उन युवाओं का डेटा रखा जाता है जो रोजगार की तलाश में हैं और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बेरोजगारी भत्ता (unemployment allowance) देने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को अप्रेंटिसशिप (apprenticeship) और स्व रोजगार (self-employment) के माध्यम से सहायता प्रदान करने के प्रयास कर रही है।
रोजगार मेलों में युवाओं को मिला ऑफर लेटर
मंत्री टेटवाल ने यह भी बताया कि 2023-24 में लगभग 53 हजार युवाओं को रोजगार मेलों में ऑफर लेटर प्राप्त हुए हैं। इस आंकड़े को सरकार द्वारा एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रदेश में रोजगार सृजन के प्रयासों में कुछ हद तक सफलता मिल रही है। सरकार के इस कदम से युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिलने की संभावना बढ़ी है, और यह राज्य की रोजगार नीति को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति
मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति पर गौर करें तो यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कई पहल की हैं, जिनमें कौशल विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षण, और रोजगार मेलों का आयोजन शामिल है। हालांकि, बेरोजगारी भत्ता की अनुपस्थिति के बावजूद, राज्य सरकार का ध्यान रोजगार सृजन और युवाओं को विभिन्न रोजगार अवसरों से जोड़ने पर केंद्रित है।
मुख्य योजनाएं और पहलें
- स्व रोजगार और अप्रेंटिसशिप: युवाओं को स्वरोजगार (self-employment) और अप्रेंटिसशिप (apprenticeship) के माध्यम से मदद।
- रोजगार मेलों का आयोजन: 2023-24 में लगभग 53 हजार युवाओं को रोजगार मेलों में ऑफर लेटर मिला।
- कौशल विकास: युवाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
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