इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नाम पर हुए देशभर के सबसे संगठित और चौंकाने वाले जीएसटी घोटालों में से एक की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ( EOW ) ने इस मामले में अहम भूमिका निभाते हुए आरोपी जफर शेख को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर जबलपुर लाया और 5 दिन की न्यायिक रिमांड पर ले लिया है। सूत्रों की मानें तो यह घोटाला 100 नहीं, बल्कि अब 130 करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है।
फर्जी फर्मों का नेटवर्क, आम लोगों के नाम पर खाता
ईओडब्ल्यू की जांच के अनुसार आरोपी जफर शेख और उसके साथियों ने जबलपुर, भोपाल और कई अन्य राज्यों में दर्जनों फर्जी फर्में बनाईं। इन फर्मों के नाम पर बिना किसी वास्तविक व्यापार के केवल इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया गया। इतना ही नहीं, कई आम नागरिकों के आधार और पैन कार्ड का गलत उपयोग करते हुए बैंक खाते भी खोले गए, जिनका इस्तेमाल लेन-देन और टैक्स रिफंड लेने में किया गया।
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विनोद सहाय की गिरफ्तारी से खुली परतें
इस संगठित घोटाले की असल कड़ियां तब खुलीं, जब मुख्य आरोपी विनोद सहाय की गिरफ्तारी हुई। सहाय की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों को इस फर्जीवाड़े के पीछे के पूरे नेटवर्क की जानकारी मिलनी शुरू हुई। आरोपी जफर शेख की गिरफ्तारी उसी कड़ी का हिस्सा है, और माना जा रहा है कि वह इस गिरोह के तकनीकी और दस्तावेजी जाल को संभालता था।
130 करोड़ का घोटाला, और बढ़ सकती है राशि
ईओडब्ल्यू के जांच अधिकारी हरिओम दीक्षित ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है और शुरुआती पूछताछ में जो तथ्य सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। अब तक 130 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी का खुलासा हो चुका है, लेकिन यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। जांच अधिकारी यह भी मानते हैं कि इस घोटाले में कई राज्यों के कारोबारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट और बैंक अधिकारी भी संदिग्ध भूमिका में हो सकते हैं।
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द सूत्र ने पहले भी दी है मामले की विस्तृत जानकारी
‘द सूत्र’ की खबरों में इस पूरे घोटाले की जड़ों को विस्तार से उजागर किया गया है। जिसमें हमने बताया था कि जैसे छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में जाल बिछाया गया था। आरोपी गिरोह बोगस कंपनियों के नाम से कारोबार दर्शाकर बड़े पैमाने पर टैक्स क्रेडिट क्लेम कर रहे थे। ई-वे बिल, पेन नंबर और जीएसटी नंबर के साथ डिजिटल दस्तावेजों में हेरफेर कर के पूरे तंत्र को गुमराह किया गया।
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EOW को मिले और भी सुराग, जल्द होंगी गिरफ्तारियां
जफर शेख की गिरफ्तारी से अब इस घोटाले की आर्थिक और डिजिटल प्लानिंग की जानकारी सामने आएगी। जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, और जिन बैंकों के खाते इस्तेमाल किए गए, उनसे भी दस्तावेज तलब किए जा रहे हैं। यह घोटाला देशभर में जीएसटी सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है।
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टेक्नोलॉजी की आड़ में टैक्स चोरी का नया चेहरा
यह पूरा मामला केवल एक आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि देश के टैक्स सिस्टम को चकमा देने की सुनियोजित साजिश का प्रतीक बन गया है। जिस तरह आम लोगों के नाम पर फर्जी फर्में और खाते खोले गए, उससे यह भी उजागर होता है कि डिजिटल इंडिया की खामियों का किस तरह फायदा उठाया जा सकता है। अब देखना होगा कि ईओडब्लू इस गिरोह की सभी कड़ियों को कब तक उजागर कर पाता है।
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