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संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए श्रम विभाग की ओर से दो अहम फैसले लिए गए हैं। अब कोई भी सरकारी विभाग इन कर्मचारियों से आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करा पाएगा। साथ ही, उन्हें श्रम आयुक्त द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन भी पूरा मिलेगा।
श्रम आयुक्त ने जारी किए निर्देश
इस संबंध में श्रम आयुक्त ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, भुगतान अधिनियम 1936 और संविदा श्रम (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम 1970 का उल्लेख किया गया है।
मध्यप्रदेश श्रम आयुक्त ने यह भी कहा है कि हर महीने की 5 तारीख तक इस संबंध में मासिक रिपोर्ट भेजी जाए। इस फैसले से एक लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों और 10 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मियों को राहत मिलेगी।
संविदा कर्मचारियों को राहत वाली खबर एक नजर
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संविदा कर्मचारियों ने की थी शिकायत
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने स्कूल शिक्षा विभाग के तहत कुछ संस्थानों में कर्मचारियों से 24 घंटे काम कराए जाने की शिकायत की है। शिकायत में विशेष रूप से मध्य प्रदेश शिक्षा केंद्र के अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और बालिका छात्रावासों की सहायक वार्डन का जिक्र किया गया है।
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बताया गया है कि इन कर्मचारियों से साल भर 24 घंटे काम लिया जाता है, और उन्हें साप्ताहिक या अर्जित अवकाश नहीं दिया जाता। यहां तक कि गर्मी की छुट्टियों में भी उन्हें छात्रावासों में ही रुकने के लिए कहा जाता है।
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नए आदेश के तहत क्या बदलाव होंगे?
8 घंटे काम का नियम
अब सभी विभागों को आदेश दिया गया है कि वे संविदा कर्मचारियों से निर्धारित समय से अधिक काम न लें। यह बदलाव कर्मचारी के कार्य घंटे को सीमित करेगा और उनकी कामकाजी परिस्थितियों में सुधार लाएगा।न्यूनतम वेतन का पालन
श्रम विभाग ने आदेश दिया है कि कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का पूरा भुगतान किया जाए। इस आदेश के तहत विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि संविदा कर्मचारियों के वेतन में कोई कमी न हो।रिपोर्टिंग प्रणाली
हर महीने के 5 तारीख तक विभागों को श्रम आयुक्त को मासिक रिपोर्ट भेजनी होगी। इसमें यह बताया जाएगा कि विभाग ने नए नियमों का पालन किया है या नहीं।