/sootr/media/media_files/2025/09/20/mp-heart-deaseas-2025-09-20-10-11-02.jpg)
देश के दिल कहलाने वाले मध्य प्रदेश के लोगों का दिल लगातार कमजोर होता जा रहा है। यह बात मह नहीं कह रहे हैं, बल्कि केंद्रीय महापंजीयक कार्यलय की एमसीसीडी की 2022 तक की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
राज्य में खेल-कूद की उम्र के बच्चों और युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। जून 2025 में जारी भारत के महापंजीयक की रिपोर्ट-2022 के अनुसार, कोविड-19 के बाद दिल की बीमारियों से मौतों में अचानक वृद्धि देखी गई है। यह आंकड़ा राज्य में चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि पहले के मुकाबले इन मौतों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है।
कोविड-19 के बाद का बदलाव
कोविड-19 के पहले वर्ष 2018 में 1 से 4 आयु वर्ग में दिल से संबंधित मौतें केवल 0.6% थीं, जो 2022 में 14.1% हो गईं। इस अवधि में 2250% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, 5 से 14 आयु वर्ग में यह आंकड़ा 3.7% से बढ़कर 18.6% हो गया, यानी लगभग 403% की वृद्धि। 15 से 24 आयु वर्ग में भी 39.64% की बढ़ोतरी हुई है।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है, जो विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए खतरे की घंटी है।
मध्य प्रदेश में कोविड के बाद आयु-वर्ग के अनुसार मृत्यु दर (प्रति लाख)
मेडिकल सर्टिफाइड प्रति 100 के हिसाब से प्रतिशत में
आयु वर्ग | 2018 | 2022 | वृद्धि/कमी (%) |
1-4 | 0.6 | 14.1 | +2250% |
5-14 | 3.7 | 18.6 | +403% |
15-24 | 16.9 | 23.6 | +39.64% |
25-34 | 32.8 | 28.7 | -12.8% |
35-44 | 48.2 | 32.2 | -33.19% |
45-54 | 56.4 | 38.5 | -31.73% |
55-64 | 62.3 | 43.3 | -30.39% |
65-69 | 66.3 | 48.3 | -27.15% |
70+ | 65.7 | 48.6 | -26.03% |
कुल | 42 | 33.9 | -19.28% |
हृदय रोगों से होने वाली मौतों का प्रतिशत (राज्य और वर्ष के अनुसार)
राज्य | 2008 | 2013 | 2022 |
मध्य प्रदेश | 19.2% | 24.6% | 33.9% |
छत्तीसगढ़ | 20.7% | 50.7% | 27.2% |
बिहार | 34.8% | 29.7% | 44.9% |
गुजरात | 21.2% | - | 45.2% |
हरियाणा | 28.3% | - | 26.3% |
राजस्थान | 20.6% | 18.5% | 24.4% |
पंजाब | 23.9% | 24.7% | 40.8% |
देश में कुल औसत | 27% | 29% | 47.1% |
मध्यप्रदेश में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि
मध्यप्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में युवा पीढ़ी में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से पहले 35 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हार्ट अटैक का शिकार होते थे, लेकिन कोविड के बाद अब 18 साल के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। रिपोर्ट से साफ हो गया है कि एमपी में कोविड के बाद दिल की बीमारी से मौतें बढ़ीं हैं। बच्चे को हार्ट अटैक आना बढ़ा है। साथ ही, युवाओं में हार्ट अटैक के केस बढ़े हैं।
जेएएच कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. गौरव कवि भार्गव ने कहा कि यह स्थिति अब चिंता का विषय बन चुकी है। युवाओं में बढ़ती दिल की समस्याओं के कारण नियमित व्यायाम, धूम्रपान से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जा रही है।
ये भी पढ़िए... इंदौर के कारोबारी की बाली में हार्ट अटैक से मौत, HONEYMOON पर पत्नी के साथ गए थे
हार्ट अटैक के कारण और जोखिम
हार्ट अटैक का मुख्य कारण जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं जैसे गलत आहार, मानसिक तनाव, धूम्रपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी हो सकती है। कोविड-19 के बाद की स्थिति में मानसिक तनाव और अनियमित जीवनशैली ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल से जुड़ी बीमारियों का पूर्वानुमान लगाना कठिन होता है क्योंकि इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते। कई बार इसके कुछ दिनों पहले कोई संकेत नहीं मिलता और अचानक ही यह समस्या उत्पन्न हो जाती है।
दिल की बीमारियों से बचाव के उपाय
नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधि दिल को स्वस्थ रखने में मदद करती है और रक्त संचार को बेहतर बनाती है।
स्वस्थ आहार: दिल को स्वस्थ रखने के लिए सही आहार जैसे फल, हरी सब्जियां, ओमेगा-3 से भरपूर आहार और कम वसा वाला आहार लेना चाहिए।
धूम्रपान से बचाव: धूम्रपान दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
मानसिक तनाव से बचना: मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग, प्राणायाम और ध्यान जैसी गतिविधियां अपनानी चाहिए।
बच्चों और युवाओं के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों और युवाओं को अपनी जीवनशैली को सुधारने की जरूरत है। कोविड-19 ने हमें यह सिखाया है कि सही आहार और व्यायाम से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। बच्चों को खेलने और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसके अलावा मानसिक तनाव को कम करने के लिए बच्चों को खेलों में हिस्सा लेने और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
ये भी पढ़िए... MP News: कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का विवादित बयान: पाक मुझे घर जैसा लगता है, बीजेपी ने किया पलटवार
एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजिस्ट ने क्या कहा
एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भूषण शाह ने कहा कि 2023 से 2024 के बीच कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक और चलते-चलते गिरने के मामलों में वृद्धि देखी गई थी। हालांकि, अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं और अब सामान्य आयु के मरीज भी सामने आ रहे हैं।
डॉ. शाह के अनुसार, हार्ट अटैक का पूर्वानुमान लगाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इसके एक या दो दिन पहले कोई स्पष्ट लक्षण नहीं मिलते। उन्होंने बताया कि यदि किसी को सीने में दर्द महसूस हो और यह दर्द गले तथा हाथों तक फैल जाए, तो तुरंत जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी होता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हार्ट अटैक से बचाव के लिए सही जीवनशैली और पूरी नींद लेना सबसे प्रभावी तरीका है।
विभिन्न राज्यों में हृदय रोग से मृत्यु का प्रतिशत (2022)
स्त्रोत- केंद्र के महापंजीयक कार्यलय की एमसीसीडी की 2022 तक की रिपोर्ट
राज्य | प्रतिशत (%) |
लक्षद्वीप | 70.3 |
असम | 62.7 |
आंध्र प्रदेश | 60.3 |
तमिलनाडु | 52.9 |
उत्तर प्रदेश | 52.0 |
महाराष्ट्र | 47.0 |
जम्मू-कश्मीर | 46.3 |
पंजाब | 45.8 |
गुजरात | 45.2 |
बिहार | 44.9 |
दिल्ली | 21.2 |
राजस्थान | 24.4 |
छत्तीसगढ़ | 27.2 |
मिजोरम | 15.8 |
नागालैंड | 16.3 |
मणिपुर | 19.3 |