महाकाल मंदिर में डिजिटल बदलाव : टोकन की जगह लिंक से होंगे दर्शन के स्लॉट बुक

महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन के लिए अब टोकन नंबर की जगह लिंक भेजा जाएगा। श्रद्धालु लिंक के माध्यम से ऑनलाइन स्लॉट बुक कर सकेंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और श्रद्धालुओं के लिए प्रक्रिया सरल होगी। यह व्यवस्था भस्म आरती की बुकिंग प्रणाली जैसी होगी।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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UJJAIN. महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में अब दर्शन के लिए नई ऑनलाइन व्यवस्था लागू की जा रही है। इस बदलाव के तहत, श्रद्धालुओं को पहले की तरह टोकन नंबर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

अब प्रोटोकॉल दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को मंदिर प्रबंध समिति द्वारा लिंक भेजा जाएगा, जिससे वे अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त लिंक से दर्शन के लिए स्लॉट बुक कर सकेंगे। यह व्यवस्था भस्म आरती की बुकिंग प्रक्रिया के समान होगी, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और आसान हो जाएगी। इस डिजिटल बदलाव ( digital transformation) का उद्देश्य श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा और संतोष प्रदान करना है।

नई व्यवस्था का उद्देश्य

महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन के लिए अब टोकन की जगह लिंक आधारित बुकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। लिंक से स्लॉट बुकिंग के इस बदलाव से श्रद्धालुओं को उनकी सुविधा के अनुसार दर्शन का समय और तिथि चुनने में आसानी होगी।

महाकाल दर्शन व्यवस्था के तहत वर्तमान में कुछ समस्याएं थीं, जैसे टोकन नंबर की प्रणाली में पारदर्शिता की कमी और समय की बर्बादी। अब ऑनलाइन लिंक आधारित व्यवस्था से श्रद्धालुओं को सही समय पर दर्शन का अवसर मिलेगा और पूरी प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित होगी। इस नई व्यवस्था को भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग के समान रखा गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया में सुधार किया जा सके।

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पंजीकरण और लिंक भेजने की प्रक्रिया

नई व्यवस्था में, श्रद्धालु पहले अपना पंजीकरण कराएंगे, जिसके बाद उन्हें उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर लिंक प्राप्त होगा। श्रद्धालु उस लिंक पर क्लिक करके, ऑनलाइन माध्यम से 250 रुपये का शुल्क भुगतान करेंगे।

भुगतान के बाद, उनके लिए एक समय और तिथि का स्लॉट बुक किया जाएगा, जिसकी पुष्टि भी उन्हें मोबाइल पर प्राप्त होगी। इस प्रक्रिया से न केवल दर्शन की व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, बल्कि मंदिर प्रशासन के लिए भी श्रद्धालुओं की संख्या का प्रबंधन करना आसान होगा।

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पहले की व्यवस्था की समस्याएं

महाकाल मंदिर में पहले की व्यवस्था में, प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन के लिए टोकन नंबर की प्रक्रिया लागू थी, जिसमें काफी समय बर्बाद होता था। श्रद्धालु को पहले प्रोटोकॉल अधिकारी से टोकन नंबर प्राप्त करना पड़ता था, फिर प्रोटोकॉल ऑफिस में जाकर 250 रुपये का भुगतान करना पड़ता था।

इस प्रक्रिया में कई बार शिकायतें आई थीं, जिससे सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल उठते थे। श्रद्धालुओं के लिए यह प्रक्रिया काफी जटिल थी, और कई बार इस प्रणाली को लेकर असंतोष था।

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नई बुकिंग प्रणाली से होंगे कई फायदे...

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  1. पारदर्शिता: अब प्रत्येक बुकिंग का डिजिटल रिकॉर्ड रहेगा, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
  2. समय की बचत: श्रद्धालु बिना किसी व्यवधान के ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं, जिससे उनका समय बचेगा।
  3. प्रबंधन में सुधार: मंदिर प्रशासन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या का सही प्रबंधन करना आसान होगा।
  4. सुविधाजनक: श्रद्धालु अपने फोन से ही स्लॉट बुक कर सकेंगे, जिससे उन्हें मंदिर पहुंचने पर कोई परेशानी नहीं होगी।

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भस्म आरती जैसी प्रणाली का पालन 

महाकाल दर्शन में भस्म आरती की बुकिंग पहले से ही ऑनलाइन तरीके से होती है, जिसमें श्रद्धालु लिंक के माध्यम से अपनी बुकिंग कर सकते हैं। इस सफलता को देखते हुए, अब प्रोटोकॉल दर्शन के लिए भी यही प्रणाली अपनाई जा रही है। इससे न केवल व्यवस्था की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी अपने पसंदीदा समय पर दर्शन का अवसर मिलेगा।

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