/sootr/media/media_files/2025/08/26/municipal-president-elections-2025-08-26-19-01-42.jpg)
Photograph: (thesootr)
मध्य प्रदेश में सरकार निकाय चुनावों को लेकर एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। अब नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान (Direct Voting) से किया जाएगा। इस बदलाव से नागरिकों को सीधे अपने प्रतिनिधि को चुनने का मौका मिलेगा।
हालांकि, यह निर्णय 2027 के चुनावों से प्रभावी हो सकता है, जिससे प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया में एक नई शुरुआत होगी। इसकी जानकारी मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसले के बारे में बताते हुए दी।
बता दें कि, पहले कई निकायों में अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता था, जहां पार्षदों द्वारा चुना जाता था। अब जनता सीधे अपना नेता चुन सकेगी। यह बदलाव न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि चुनावी विवादों को भी कम करेगा।
जनता की इच्छा का नहीं हो पाता था सम्मान
मध्य प्रदेश में नगर निकाय चुनावों की व्यवस्था लंबे समय से अप्रत्यक्ष प्रणाली पर आधारित रही है। 2022 के चुनावों में महापौर का चुनाव तो प्रत्यक्ष हुआ था।
इसमें नगरपालिका अध्यक्ष चुनाव (Municipal President Election) और नगर परिषदों के लिए अप्रत्यक्ष तरीका अपनाया गया था। इसमें पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुना जाता था, जो कई बार राजनीतिक दबाव और सौदेबाजी का शिकार हो जाता था। इससे अराजकता बढ़ती थी और जनता की इच्छा का सम्मान नहीं हो पाता था।
ये खबर भी पढ़ें...
मोहन कैबिनेट की बैठक, उज्जैन से इंदौर और इंदौर से पीथमपुर तक चलेगी मेट्रो, पुलिसकर्मियों को भी तोहफा
भ्रष्टाचार और गुटबाजी की शिकायतें कम होंगी
मध्यप्रदेश निकाय चुनाव (MP Municipal Elections) में इस बदलाव की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि अप्रत्यक्ष चुनावों में भ्रष्टाचार और गुटबाजी की शिकायतें आम थीं।
सरकार का मानना है कि प्रत्यक्ष मतदान से जनता की भागीदारी बढ़ेगी और चुने गए नेता अधिक जवाबदेह होंगे। यह कदम लोकतंत्र सुधार (Democracy Reform) का एक हिस्सा है, जो राज्य को अधिक पारदर्शी शासन की ओर ले जाएगा।
प्रमुख तथ्य...
|
ड्राफ्ट तैयार कर जल्द ही कैबिनेट में करेंगे पेश
यह एमपी कैबिनेट निर्णय (Madhya Pradesh Cabinet Decision) नगर निकाय अधिनियम में संशोधन के माध्यम से लागू होगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जो जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
प्रत्यक्ष मतदान (Direct Voting) का मतलब है कि मतदाता सीधे अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को वोट देंगे, जैसे विधानसभा या लोकसभा चुनावों में होता है। इससे चुनाव प्रक्रिया सरल हो जाएगी और जनता की राय सीधे प्रतिबिंबित होगी।
ये खबर भी पढ़ें...
प्रत्यक्ष चुनाव से अधिक स्वतंत्र होंगे अध्यक्ष
पिछले चुनावों में देखा गया कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुने गए अध्यक्ष अक्सर पार्षदों के दबाव में काम करते थे, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते थे। अब, प्रत्यक्ष चुनाव से अध्यक्ष अधिक शक्तिशाली और स्वतंत्र होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव एमपी निकाय चुनाव (MP Municipal Elections) को अधिक लोकतांत्रिक बनाएगा। उदाहरण के लिए, अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र और गुजरात में प्रत्यक्ष चुनाव सफल रहे हैं, जहां जन भागीदारी बढ़ी है।
इसके अलावा, सरकार अविश्वास प्रस्तावों पर भी रोक लगाने की तैयारी कर रही है। इससे चुने गए प्रतिनिधियों को स्थिरता मिलेगी और वे बिना डर के काम कर सकेंगे। यह लोकतंत्र सुधार (Democracy Reform) का एक और आयाम है।
ये खबर भी पढ़ें...
3200 करोड़ का शराब घोटाला: भाटिया को मिले 14 करोड़... EOW ने पेश किया छठवां अभियोग पत्र
प्रत्यक्ष चुनाव से मतदान प्रतिशत में बढ़ेगा
यह निर्णय मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बड़ा बदलाव लाएगा। सबसे बड़ा लाभ तो पारदर्शिता का होगा, जहां जनता सीधे अपने नेता को चुन सकेगी। इससे राजनीतिक दलों को भी मजबूत उम्मीदवार उतारने होंगे, जो जनता की समस्याओं से जुड़े हों।
नगरपालिका अध्यक्ष चुनाव (Municipal President Election) में प्रत्यक्ष मतदान (Direct Voting) से मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है, क्योंकि लोग महसूस करेंगे कि उनका वोट सीधे मायने रखता है।
ये खबर भी पढ़ें...
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या हुई, पैरामेडिकल कॉलेज मामले में कार्यवाही रोकी
प्रत्यक्ष चुनाव से बढ़ेंगी सरकार की चुनौतियां
आर्थिक दृष्टि से, यह विकास को गति देगा। चुने गए अध्यक्ष बिना बाधा के योजनाएं लागू कर सकेंगे, जैसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट या स्वच्छ भारत अभियान। सामाजिक रूप से, महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी, क्योंकि प्रत्यक्ष चुनाव में विविधता अधिक होती है। हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे चुनावी खर्च बढ़ना, लेकिन सरकार इसके लिए नियम बना रही है।
भविष्य की दिशा और सुझाव
2027 के चुनावों तक सरकार को इस बदलाव को लागू करने के लिए कई कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, मतदाता सूची को अपडेट करना और जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। एमपी कैबिनेट फैसला (Madhya Pradesh Cabinet Decision) को सफल बनाने के लिए ईवीएम का उपयोग बढ़ाना चाहिए। साथ ही, अन्य राज्यों के अनुभवों से सीखना चाहिए।
निष्कर्ष...
यह एमपी निकाय चुनाव (MP Municipal Elections) में एक नया अध्याय है, जो राज्य को विकसित भारत की ओर ले जाएगा। कुल मिलाकर, यह निर्णय न केवल चुनावी सुधार है बल्कि शासन की गुणवत्ता बढ़ाने का माध्यम भी है।
FAQ
thesootr links
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩